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अगली सुनवाई तक नहीं होगी आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की गिरफ्तारी : पुलिस - गैरकानूनी

मुंबई पुलिस ने बंबई उच्च न्यायालय को बृहस्पतिवार को बताया कि वे आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की याचिका पर अगली सुनवाई होने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी. या कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी. शुक्ला ने याचिका में कथित गैरकानूनी फोन टैपिंग के मामले में पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है.

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Published : May 6, 2021, 3:29 PM IST

मुंबई : पुलिस ने पिछले महीने (26 अप्रैल और 28 अप्रैल) शुक्ला को दो समन जारी कर उनसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई में बीकेसी साइबर विभाग के समक्ष पेश होने के लिए कहा था. हालांकि शुक्ला इन समन पर पेश नहीं हुईं.

यह मामला पुलिस तैनाती से संबंधित संवेदनशील दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने से भी जुड़ा है. पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की खंडपीठ को बृहस्पतिवार को बताया कि साइबर शाखा पुलिस की एक टीम को मामले में शुक्ला के बयान दर्ज कराने के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा.

शुक्ला अभी हैदराबाद में तैनात हैं. शुक्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि यह मामला शासकीय गोपनीयता कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय टेलीग्राफ कानून के तहत अपराध से जुड़ा है जिसमें तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है. उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता हैदराबाद में सेवारत हैं.

संभवत: वह कोविड-19 महामारी के कारण पूछताछ के लिए यहां पुलिस के समक्ष पेश नहीं हो सकती. न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि हम गर्मियों की छुट्टी के बाद इस याचिका पर सुनवाई करेंगे. तब तक राज्य सरकार यह बयान दें कि वह कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी.

इस पर खंबाटा ने कहा कि पुलिस याचिका पर अगली सुनवाई होने तक कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी या याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं करेगी. शुक्ला के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि आईपीएस अधिकारी मामले की जांच में सहयोग की इच्छा रखती हैं और पुलिस टीम हैदराबाद में उनका बयान दर्ज कर सकती है.

अदालत ने इस बयान को मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई जून तक के लिए स्थगित कर दी. 1988 कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शुक्ला ने इस हफ्ते की शुरुआत में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने तथा कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया था.

यह भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर हमला

याचिका में कहा गया है कि शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों की तैनाती में मंत्रियों और नेताओं के बीच कथित गठजोड़ और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था.

मुंबई : पुलिस ने पिछले महीने (26 अप्रैल और 28 अप्रैल) शुक्ला को दो समन जारी कर उनसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई में बीकेसी साइबर विभाग के समक्ष पेश होने के लिए कहा था. हालांकि शुक्ला इन समन पर पेश नहीं हुईं.

यह मामला पुलिस तैनाती से संबंधित संवेदनशील दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने से भी जुड़ा है. पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की खंडपीठ को बृहस्पतिवार को बताया कि साइबर शाखा पुलिस की एक टीम को मामले में शुक्ला के बयान दर्ज कराने के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा.

शुक्ला अभी हैदराबाद में तैनात हैं. शुक्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि यह मामला शासकीय गोपनीयता कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय टेलीग्राफ कानून के तहत अपराध से जुड़ा है जिसमें तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है. उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता हैदराबाद में सेवारत हैं.

संभवत: वह कोविड-19 महामारी के कारण पूछताछ के लिए यहां पुलिस के समक्ष पेश नहीं हो सकती. न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि हम गर्मियों की छुट्टी के बाद इस याचिका पर सुनवाई करेंगे. तब तक राज्य सरकार यह बयान दें कि वह कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी.

इस पर खंबाटा ने कहा कि पुलिस याचिका पर अगली सुनवाई होने तक कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी या याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं करेगी. शुक्ला के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि आईपीएस अधिकारी मामले की जांच में सहयोग की इच्छा रखती हैं और पुलिस टीम हैदराबाद में उनका बयान दर्ज कर सकती है.

अदालत ने इस बयान को मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई जून तक के लिए स्थगित कर दी. 1988 कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शुक्ला ने इस हफ्ते की शुरुआत में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने तथा कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया था.

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याचिका में कहा गया है कि शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों की तैनाती में मंत्रियों और नेताओं के बीच कथित गठजोड़ और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था.

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