नई दिल्ली: भारत और अन्य चार ब्रिक्स देशों ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की हालिया रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर तीव्र, निरंतर और प्रभावी विज्ञान-आधारित प्रतिक्रियाओं के लिए एक स्पष्ट आह्वान करती है. इस रिपोर्ट में गंभीर अपरिवर्तनीय जलवायु प्रभावों को लेकर चेताया गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में शुक्रवार को ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में यह विचार साझा किए गए. बैठक के दौरान भारत, ब्राजील, रूस, चीन व दक्षिण अफ्रीका के कृषि मंत्रियों ने 'खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कृषि जैव विविधता को मजबूत करने के लिए ब्रिक्स साझेदारी' विषय पर विचार-विमर्श किया.
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि ब्रिक्स देश भूखमरी व गरीबी मिटाने के लिए वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए अग्रणी भूमिका निभाने की अच्छी स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाकर व किसानों की आय में वृद्धि करके, आय असमानता व खाद्य मूल्य अस्थिरता की समस्या को दूर किया जा सकता है.
बैठक के दौरान तोमर ने 'खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए कृषि जैव विविधता' विषय पर संबोधन में कहा कि कृषि जैव विविधता के संरक्षण के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत ने विभिन्न संबंधित समूहों में पौधों, जानवरों, मछलियों, कीड़ों व कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण सूक्ष्मजीवों के लिए राष्ट्रीय जीन बैंक की स्थापना की है और उनका रखरखाव कर रहा है. भारत दलहन, तिलहन, बागवानी फसलों, राष्ट्रीय बांस मिशन व हाल ही में शुरू किए गए राष्ट्रीय पाम ऑयल मिशन जैसे देशव्यापी कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी कृषि-खाद्य प्रणालियों के विविधीकरण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है.
पीटीआई-भाषा