वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद एक बार फिर प्रदेश में सीएम योगी की सरकार बनने जा रही है. 25 मार्च को सीएम योगी के दूसरे कार्यकाल का शपथ ग्रहण होगा. लखनऊ के इकाना स्टेडियम में इसकी भव्य तैयारियां की जा रही हैं. यह आयोजन बेहद खास होगा, क्योंकि सीएम योगी शपथ ग्रहण समारोह प्रदेश भर के लाखों कार्यकर्ताओं के अलावा साधु-संतों को भी न्योता भेजा जा रहा है. वाराणसी से संतों की बड़ी टोली और पांच विद्वानों के साथ पूरे देश से 300 संतों को आमंत्रित किया जा रहा है. इसकी रूपरेखा अखिल भारतीय संत समिति निर्धारित कर रही है.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के देश या प्रदेश स्तरीय किसी भी कार्यक्रम में बीजेपी की तरफ से संत समाज निमंत्रण जरूर भेजा जाता है. चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह या फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण कार्यक्रम. इन सभी समारोहों में बड़े धर्माचार्य और संत समाज के लोगों की हमेशा मौजूदगी रही है.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि इस बार का विधानसभा चुनाव किसी धर्मयुद्ध से कम नहीं था. एक तरफ सनातन धर्म को बचाए रखने के खातिर खुद संत समाज के लोगों ने मोर्चा खोल रखा था, तो दूसरी तरफ विपक्ष पूरी तरह से सनातन धर्म के खिलाफ खड़ा था. लेकिन आखिर में जीत सनातन धर्म की हुई. इसी जीत को उत्सव की तरह मनाने और सनातन धर्म की ताकत दिखाने के लिए योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में संतों को आमंत्रित किया गया है. आचार्य जितेंद्रानंद सरस्वती के मुताबिक समारोह में शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के अलावा उत्तर प्रदेश के लगभग 210 और देश के अलग-अलग हिस्सों से 90 संत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके साथ ही वाराणसी से भी 11 संत और काशी विद्वत परिषद के पांच विद्वान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
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