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अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस आज, जानें इतिहास और महत्व - अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस इतिहास

एक मई का दिन इतिहास में मजदूर दिवस के तौर पर दर्ज है. दुनिया में मजदूर दिवस मनाने का चलन करीब 135 साल पुराना है। मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर 1877 में आंदोलन शुरू किया, इस दौरान यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा. एक मई 1886 को पूरे अमेरिका के लाखों मजदूरों ने एक साथ हड़ताल शुरू की. इसमें 11,000 फैक्टरियों के कम से कम तीन लाख अस्सी हजार मजदूर शामिल हुए और वहीं से एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई.

international labour day
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस
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Published : May 1, 2022, 12:16 PM IST

Updated : May 1, 2022, 12:27 PM IST

हैदराबाद : आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है. यह दिन मेहनतकश मजदूरों के लिए समर्पित है. किसी भी देश की अर्थव्यव्यस्था मजदूरों के बदौलत ही खड़ी होती है. हालांकि इसके बावजूद मजदूर हाशिए पर हैं. मजदूर दिवस श्रमिक आंदोलन की उपलब्धियों के स्मरणोत्सव रूप में मनाया जाता है. इसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है. दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन सार्वजनक अवकाश होता है.

मजदूर दिवस का इतिहास
श्रमिकों पर केंद्रित पहला मई दिवस समारोह 1 मई 1890 को मनाया गया था. 14 जुलाई 1889 को यूरोप में समाजवादी दलों के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इसकी उद्घोषणा की गई थी. अटलांटिक के दूसरी तरफ की घटनाओं के कारण 1 मई की तारीख को चुना गया था. 1884 में अमेरिकन फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड ट्रेड्स एंड लेबर यूनियनों ने आठ घंटे के कार्य दिवस की मांग की, जो कि 1 मई 1886 से प्रभावी हुआ था. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस हमेशा दुनिया भर के समारोहों, विरोधों और हड़तालों के लिए जाना जाता है. इस दिन की सबसे प्रसिद्ध घटनाओं में से एक है 1971 में वियतनाम युद्ध के खिलाफ अमेरिकी नागरिकों द्वारा किया गया अवज्ञा आंदोलन शामिल है.

भारत में मई दिवस
1 मई, 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा मद्रास (अब चेन्नई) में भारत में मजदूर दिवस का पहला उत्सव आयोजित किया गया था. यह वह समय भी था जब इसके लिए लाल झंडा भारत में पहली बार इस्तेमाल किया गया था. कम्युनिस्ट नेता मलयपुरम सिंगारवेलु चेट्टियार ने इस अवसर को मनाने के लिए लाल झंडा उठाया था और बैठकें आयोजित की थीं. चेट्टियार ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया कि सरकार को भारत में मजदूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा करनी चाहिए और तब से देश ने इस दिवस को मनाना जारी रखा है.

मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य
मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में मजदूरों के संघर्ष और बलिदानों को याद करना है. इस दिन दुनियाभर में मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान किया जाता है और विकास में उनके योगदान को याद किया जाता है. साथ ही, यह दिन मजदूरों के अधिकारों को रक्षा करने का प्रण लेने और उनका शोषण करने वालों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाने के लिए हमें प्रेरित करता है. मजदूर दिवस के दिन कई देशों में सार्वजनिक अवकाश होता है.

हैदराबाद : आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है. यह दिन मेहनतकश मजदूरों के लिए समर्पित है. किसी भी देश की अर्थव्यव्यस्था मजदूरों के बदौलत ही खड़ी होती है. हालांकि इसके बावजूद मजदूर हाशिए पर हैं. मजदूर दिवस श्रमिक आंदोलन की उपलब्धियों के स्मरणोत्सव रूप में मनाया जाता है. इसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है. दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन सार्वजनक अवकाश होता है.

मजदूर दिवस का इतिहास
श्रमिकों पर केंद्रित पहला मई दिवस समारोह 1 मई 1890 को मनाया गया था. 14 जुलाई 1889 को यूरोप में समाजवादी दलों के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इसकी उद्घोषणा की गई थी. अटलांटिक के दूसरी तरफ की घटनाओं के कारण 1 मई की तारीख को चुना गया था. 1884 में अमेरिकन फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड ट्रेड्स एंड लेबर यूनियनों ने आठ घंटे के कार्य दिवस की मांग की, जो कि 1 मई 1886 से प्रभावी हुआ था. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस हमेशा दुनिया भर के समारोहों, विरोधों और हड़तालों के लिए जाना जाता है. इस दिन की सबसे प्रसिद्ध घटनाओं में से एक है 1971 में वियतनाम युद्ध के खिलाफ अमेरिकी नागरिकों द्वारा किया गया अवज्ञा आंदोलन शामिल है.

भारत में मई दिवस
1 मई, 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा मद्रास (अब चेन्नई) में भारत में मजदूर दिवस का पहला उत्सव आयोजित किया गया था. यह वह समय भी था जब इसके लिए लाल झंडा भारत में पहली बार इस्तेमाल किया गया था. कम्युनिस्ट नेता मलयपुरम सिंगारवेलु चेट्टियार ने इस अवसर को मनाने के लिए लाल झंडा उठाया था और बैठकें आयोजित की थीं. चेट्टियार ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया कि सरकार को भारत में मजदूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा करनी चाहिए और तब से देश ने इस दिवस को मनाना जारी रखा है.

मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य
मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में मजदूरों के संघर्ष और बलिदानों को याद करना है. इस दिन दुनियाभर में मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान किया जाता है और विकास में उनके योगदान को याद किया जाता है. साथ ही, यह दिन मजदूरों के अधिकारों को रक्षा करने का प्रण लेने और उनका शोषण करने वालों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाने के लिए हमें प्रेरित करता है. मजदूर दिवस के दिन कई देशों में सार्वजनिक अवकाश होता है.

Last Updated : May 1, 2022, 12:27 PM IST
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