ETV Bharat / bharat

आईएनएसएसीओजी अनुक्रमण से वायरस के नए स्वरूपों का पता लगाने में मदद मिली : केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के जीनोम अनुक्रमण से चिंता पैदा करने वाले वायरस के नए स्वरूपों के बारे में पता कर उसके बारे में राज्यों को भी जानकारी दी गई. इसमें यह भी बताया गया कि यह वायरस 10 से 15 दिनों में अपना स्वरूप बदलता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
author img

By

Published : Jun 15, 2021, 9:39 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के जीनोम अनुक्रमण से चिंता पैदा करने वाले वायरस के नए स्वरूपों का जल्द पता लगाने में मदद मिली और इसे राज्यों के साथ भी साझा किया गया. मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि वायरस के स्वरूप बदलने का समय 10 से 15 दिनों का था.

मंत्रालय ने कहा कि बीमारी के प्रसार और गंभीरता पर ज्ञात स्वरूपों के प्रभाव के बारे में पहले से जानकारी है. लेकिन नए म्यूटेशन या स्वरूप की जांच के लिए और महामारी विज्ञान के परिदृश्यों तथा नैदानिक ​​​​परिप्रेक्ष्य के साथ जीनोमिक म्यूटेशन के सहसंबंध के लिए, मामलों के रुझान, नैदानिक ​​​​गंभीरता और जीनोमिक स्वरूपों के साथ नमूनों के अनुपात की निगरानी महत्वपूर्ण है.

मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से वैध साक्ष्य एकत्र करने के लिए इन्हें कुछ हफ्तों में किया जाना है. मंत्रालय ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिनमें आरोप लगाया गया है कि देश में अनुक्रमण की मात्रा कम है.

पढ़ें - कोविड से जितनी मौत हुई, उसकी तुलना में टीका के बाद मौत नगण्य : सरकार

मंत्रालय ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि नमूना लेने की रणनीति देश के उद्देश्यों, वैज्ञानिक सिद्धांतों और डब्ल्यूएचओ (WHO) के दिशानिर्देश दस्तावेजों पर आधारित है. इस के अनुसार रणनीति की समय-समय पर समीक्षा की गयी और उनमें संशोधन किया गया है.'

भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसकी स्थापना सरकार ने पिछले साल 25 दिसंबर को की थी. आईएनएसएसीओजी तभी से कोरोना वायरस के जीनोम अनुक्रमण और वायरस का विश्लेषण कर रहा है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए स्वरूप तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है.

प्रारंभिक चरण में, उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पहचान करने के मकसद से नमूने लिए गए थे जिनसे वायरस के विभिन्न स्वरूप देश में आ सकते हैं. इसके अलावा यह पता लगाना भी मकसद था कि वे स्वरूव क्या पहले से ही यहां मौजूद हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के जीनोम अनुक्रमण से चिंता पैदा करने वाले वायरस के नए स्वरूपों का जल्द पता लगाने में मदद मिली और इसे राज्यों के साथ भी साझा किया गया. मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि वायरस के स्वरूप बदलने का समय 10 से 15 दिनों का था.

मंत्रालय ने कहा कि बीमारी के प्रसार और गंभीरता पर ज्ञात स्वरूपों के प्रभाव के बारे में पहले से जानकारी है. लेकिन नए म्यूटेशन या स्वरूप की जांच के लिए और महामारी विज्ञान के परिदृश्यों तथा नैदानिक ​​​​परिप्रेक्ष्य के साथ जीनोमिक म्यूटेशन के सहसंबंध के लिए, मामलों के रुझान, नैदानिक ​​​​गंभीरता और जीनोमिक स्वरूपों के साथ नमूनों के अनुपात की निगरानी महत्वपूर्ण है.

मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से वैध साक्ष्य एकत्र करने के लिए इन्हें कुछ हफ्तों में किया जाना है. मंत्रालय ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिनमें आरोप लगाया गया है कि देश में अनुक्रमण की मात्रा कम है.

पढ़ें - कोविड से जितनी मौत हुई, उसकी तुलना में टीका के बाद मौत नगण्य : सरकार

मंत्रालय ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि नमूना लेने की रणनीति देश के उद्देश्यों, वैज्ञानिक सिद्धांतों और डब्ल्यूएचओ (WHO) के दिशानिर्देश दस्तावेजों पर आधारित है. इस के अनुसार रणनीति की समय-समय पर समीक्षा की गयी और उनमें संशोधन किया गया है.'

भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसकी स्थापना सरकार ने पिछले साल 25 दिसंबर को की थी. आईएनएसएसीओजी तभी से कोरोना वायरस के जीनोम अनुक्रमण और वायरस का विश्लेषण कर रहा है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए स्वरूप तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है.

प्रारंभिक चरण में, उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पहचान करने के मकसद से नमूने लिए गए थे जिनसे वायरस के विभिन्न स्वरूप देश में आ सकते हैं. इसके अलावा यह पता लगाना भी मकसद था कि वे स्वरूव क्या पहले से ही यहां मौजूद हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.