पटना : बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू संकट के दौर से गुजर रही है और पार्टी के अंदर गुटबाजी चरम पर है. जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह विवादों के केंद्र में हैं. सरकार और संगठन में सामंजस्य के अभाव ने सीएम नीतीश कुमार को भी पशोपेश में डाल रखा है. नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बीच कई मुद्दों पर अलग-अलग राय सामने आ रही है.
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ललन सिंह ने किया था मनोज झा का समर्थन : अभी जब INDIA के को-ओर्डिनेशन कमेटी ने कुछ पत्रकारों का बहिष्कार किया था तो, इस मसले पर भी दोनों नेता अलग-अलग दिशा में दिखे. नीतीश कुमार ने जहां पत्रकारों के पक्ष में आवाज बुलंद की. वहीं ललन सिंह इंडिया गठबंधन के स्टैंड के साथ रहे. अब जब मनोज झा के विवादास्पद बयान को लेकर भी देशभर में बयानबाजी हो रही तो इस पर नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन ललन सिंह फिर मुखर होकर मनोज झा के पक्ष में सामने आए.
"मनोज झा ने किसी जाति के खिलाफ बयान नहीं दिया था. यह उनकी राय भी नहीं है, उनका व्यक्तव्य भी नहीं है. उन्होंने तो अपने भाषण के दौरान सिर्फ एक कविता का पाठ किया था. उनका उद्देश्य ठाकुर शब्द से किसी समाज को इंगित करना नहीं था. इसे जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए".- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
संजय झा ने ऐसे बयानों से बचने की दी नसीहत : इधर ललन सिंह के स्टैंड को जदयू से ही चुनौती मिल रही है. नीतीश कुमार के करीबी और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने ललन सिंह के उलट बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार हर जाति और धर्म का सम्मान करते हैं. उनका ट्रैक रिकार्ड उठाकर देख लीजिए. इसलिए जब भी कोई बात रखी जाए, तो किसी समाज की भावना को उस बयान से ठेस न पहुंचे, इसका ध्यान जरूर रखें. चाहे प्रसंग कुछ भी हो.
"क्योंकि हम जब पब्लिक लाइफ में हैं तो इस बात का ख्याल तो जरूर रखना चाहिए कि हम कोई भी ऐसी बात नहीं रखें, या कोई भी कविता या कथनी, या कोट चाहे उसकी प्रासंगिकता कुछ भी हो जिससे किसी समाज या जाति को ठेस पहुंचे. नेताओं को किसी भी जाति और धर्म के खिलाफ बयानबाजी से बचना चाहिए".- संजय झा, मंत्री, जेडीयू
विधायक सुदर्शन ने सतह पर लाया विवाद : इधर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और ललन सिंह के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है. वहीं इस विवाद को बरबीघा विधायक सुदर्शन ने सतह पर लाकर रख दिया है. अब तक चर्चा थी कि अशोक चौधरी बरबीघा में कार्यक्रम करना चाहते थे, लेकिन ललन सिंह ने अशोक चौधरी को मना कर रखा था. अब जब सुदर्शन ने खुलकर यह आरोप लगाया है कि अशोक चौधरी मनमानी कर रह हैं, तो इस बात को बल मिलता है कि वह आजकल ललन सिंह की बात नहीं मान रहे और बरबीघा का दौरा कर रहे हैं.
बीजेपी ले रही चुटकी : इधर, भाजपा ने जदयू के अंदर संघर्ष पर चुटकी ली है. पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि जदयू आंतरिक लड़ाई से ही खत्म हो जाएगी. पार्टी में नेता एक दूसरे के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है. इस पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. सभी पार्टी एक दूसरे के खिलाफ काम कर रहे हैं.
"पार्टी के अंदर ही नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही और उस लड़ाई में आरजेडी मजे ले रहा है".- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं : राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि नीतीश कुमार की पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष की राहे कई बार अलग-अलग दिख रही है. दूसरी पंक्ति के नेता अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हालत को नियंत्रित करने में कामयाब नहीं साबित हुए हैं. ऐसे में नीतीश कुमार अपने तरीके से रिएक्ट करने के लिए जाने जाते हैं. पूर्व के अध्यक्षों के साथ जो कुछ हुआ वह सबके सामने है ललन सिंह के लिए भी जदयू में राहें आसान नहीं है.
"नीतीश कुमार जेडीयू को अपने अंदाज में चलाते रहे हैं. किसी भी तरह की बात जो नीतीश कुमार नहीं चाहे और पार्टी का कोई नेता चाहे वह राष्ट्रीय अध्यक्ष ही क्यों न हो अगर कोई अपना व्यक्तव्य जारी करते हैं, तो नीतीश कुमार की नाराजगी कई तरह से रिफ्लैक्ट होने लगती है. आज आरसीपी सिंह को हम देख सकते हैं. इसी तरह आज नीतीश कुमार के बयान से इतर ललन सिंह का बयान आता है". - डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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