गुवाहाटी : चाय बोर्ड के अध्यक्ष पी के बेजबरुआ ने कहा है कि भारत में चाय की खेती शुरू करने की मंजूरी की जरूरत को खत्म करने के केंद्र सरकार के इस फैसले का उद्योग पर कोई बड़ा असर होने की संभावना नहीं है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस आदेश का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में चाय की खेती को प्रोत्साहित करना हो सकता है. सरकार संभवत इन राज्यों को विशेष चाय उत्पादन के केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है.
इसे भी पढ़ें-सरकार ने खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क घटाया, घट सकती हैं कीमतें
बेजबरूआ ने कहा यह एक बेमानी कानून था. वैसे भी लोग शायद ही इसका पालन कर रहे थे, इसलिए इस बात की संभावना नहीं है कि कानून के निलंबन का ज्यादा असर होगा. बता दें कि आठ सितंबर को चाय बोर्ड के एक सर्कुलर में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने चाय अधिनियम, 1953 की धारा 12 से 16, धारा 39 और धारा 40 के कार्यान्वयन को 23 अगस्त से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है.
अनिवार्य मंजूरी के प्रावधान को हटाने के अलावा मंजूरी हासिल ना करने से संबंधित दंड के प्रावधानों को भी निलंबित कर दिया गया है. सर्कुलर में कहा गया है अब से भारत में कहीं भी चाय की खेती के लिए बोर्ड की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी.
(पीटीआई-भाषा)