ETV Bharat / bharat

Indore Children Death: MTH अस्पताल में हफ्ते भर में 18 बच्चों की मौत, परिजनों ने लगाया खराब दूध देने का आरोप, केस दर्ज - इंदौर न्यूज

मध्यप्रदेश के इंदौर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. इंदौर के MTH अस्पताल में कुछ दिनों के अंदर करीब 18 बच्चों की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

Indore Childrens Death
बच्चों की मौत
author img

By

Published : Jul 6, 2023, 3:24 PM IST

Updated : Jul 6, 2023, 3:45 PM IST

क्या बोला अस्पताल प्रबंधन

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एमटीएच हॉस्पिटल से सनसनीखेज मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में महज 5 से 7 दिनों के अंदर 18 बच्चों की मौत हो गई. हालांकि हाल ही में हुए 2 बच्चों की मौत के बाद यह मामला उजागर हुआ है. दो बच्चों के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया है. साथ ही बच्चों की मौत को संदिग्ध मानकर जांच कर रही है.

परिजनों ने जांच की मांग: दरअसल, इंदौर के सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र के एमटीएच हॉस्पिटल में दो बच्चों को इलाज के लिए गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान दोनों बच्चों की मौत हो गई. वहीं मौत की सूचना जैसे ही परिजनों को लगी, परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधक पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए. परिजनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

अस्पताल प्रबंधन पर खराब दूध देने का आरोप: वहीं मृतक बच्चों के परिजनों का आरोप है कि "बच्चों का ठीक तरह से ट्रीटमेंट नहीं हो रहा है. हॉस्पिटल प्रबंधक द्वारा जो बच्चों को दूध पिलाया जा रहा है. संभवत उसमें कुछ मिलावट थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई". मामले में अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि "बच्चों की नेचुरल मौत हुई है. दोनों बच्चों को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए हॉस्पिटल लाया गया था. 1 को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, तो दूसरा पैरालाइज बीमारियों से ग्रसित था. आज सुबह एक बच्चे को अचानक से उल्टियां हुई और उसके बाद उसकी मौत हो गई." "वहीं दूसरे बच्चे की हार्ट अटैक से मौत होने की जानकारी सामने आ रही है".

यहां पढ़ें...

प्रशासन का बयान

सेप्टीसीमिया बताई वजह: अपर कलेक्टर अभय बेडेकर और संभागायुक्त पवन शर्मा ने मामले की तफ्तीश की तो पता चला जिस 7 महीने की बच्चे की मौत हुई है, उसके मौत का कारण स्वास्थ्य विभाग सेप्टीसीमिया होना बता रहा है, लेकिन सेप्टीसीमिया किस कारण हुआ, यह बताने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग नहीं था. हालांकि प्रशासन का कहना है कि "सेप्टीसीमिया के संक्रमण के कारण दूध पीने के दौरान बच्ची के फेफड़ों में दूध भर गया. जिसके कारण बच्चे की मौत हुई है" "बाकी अन्य बच्चों की मौत जैसा कोई मामला नहीं है." इधर "अस्पताल में मौजूद लोगों का कहना है कि स्वास्थ विभाग के अधीन अस्पताल में बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जाता है. जिसके फलस्वरूप बच्चे की मौत हुई" उन्होंने कहा पूरा "मामला उजागर होने के बाद अब प्रकरण को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था के हालात गंभीर हैं".

मामले की जांच जारी: फिलहाल परिजनों के हंगामे के बाद पूरे मामले की सूचना सेंट्रल कोतवाली पुलिस को दी गई है. सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने दोनों बच्चों के शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए इंदौर के हॉस्पिटल पहुंचाया है. मामले की जांच की जा रही है. मामले में "शिशु रोग विशेषज्ञ सुनील आर्य का तो यहां तक कहना है कि पूरे मामले में जांच की जा रही है और अभी तक 5 से 7 दिन में तकरीबन 18 बच्चों की मौत हुई है, लेकिन जितनी भी मौतें हुई है वह सब नेचुरल मौतें हुई हैं".

क्या बोला अस्पताल प्रबंधन

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एमटीएच हॉस्पिटल से सनसनीखेज मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में महज 5 से 7 दिनों के अंदर 18 बच्चों की मौत हो गई. हालांकि हाल ही में हुए 2 बच्चों की मौत के बाद यह मामला उजागर हुआ है. दो बच्चों के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया है. साथ ही बच्चों की मौत को संदिग्ध मानकर जांच कर रही है.

परिजनों ने जांच की मांग: दरअसल, इंदौर के सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र के एमटीएच हॉस्पिटल में दो बच्चों को इलाज के लिए गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान दोनों बच्चों की मौत हो गई. वहीं मौत की सूचना जैसे ही परिजनों को लगी, परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधक पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए. परिजनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

अस्पताल प्रबंधन पर खराब दूध देने का आरोप: वहीं मृतक बच्चों के परिजनों का आरोप है कि "बच्चों का ठीक तरह से ट्रीटमेंट नहीं हो रहा है. हॉस्पिटल प्रबंधक द्वारा जो बच्चों को दूध पिलाया जा रहा है. संभवत उसमें कुछ मिलावट थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई". मामले में अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि "बच्चों की नेचुरल मौत हुई है. दोनों बच्चों को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए हॉस्पिटल लाया गया था. 1 को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, तो दूसरा पैरालाइज बीमारियों से ग्रसित था. आज सुबह एक बच्चे को अचानक से उल्टियां हुई और उसके बाद उसकी मौत हो गई." "वहीं दूसरे बच्चे की हार्ट अटैक से मौत होने की जानकारी सामने आ रही है".

यहां पढ़ें...

प्रशासन का बयान

सेप्टीसीमिया बताई वजह: अपर कलेक्टर अभय बेडेकर और संभागायुक्त पवन शर्मा ने मामले की तफ्तीश की तो पता चला जिस 7 महीने की बच्चे की मौत हुई है, उसके मौत का कारण स्वास्थ्य विभाग सेप्टीसीमिया होना बता रहा है, लेकिन सेप्टीसीमिया किस कारण हुआ, यह बताने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग नहीं था. हालांकि प्रशासन का कहना है कि "सेप्टीसीमिया के संक्रमण के कारण दूध पीने के दौरान बच्ची के फेफड़ों में दूध भर गया. जिसके कारण बच्चे की मौत हुई है" "बाकी अन्य बच्चों की मौत जैसा कोई मामला नहीं है." इधर "अस्पताल में मौजूद लोगों का कहना है कि स्वास्थ विभाग के अधीन अस्पताल में बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जाता है. जिसके फलस्वरूप बच्चे की मौत हुई" उन्होंने कहा पूरा "मामला उजागर होने के बाद अब प्रकरण को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था के हालात गंभीर हैं".

मामले की जांच जारी: फिलहाल परिजनों के हंगामे के बाद पूरे मामले की सूचना सेंट्रल कोतवाली पुलिस को दी गई है. सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने दोनों बच्चों के शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए इंदौर के हॉस्पिटल पहुंचाया है. मामले की जांच की जा रही है. मामले में "शिशु रोग विशेषज्ञ सुनील आर्य का तो यहां तक कहना है कि पूरे मामले में जांच की जा रही है और अभी तक 5 से 7 दिन में तकरीबन 18 बच्चों की मौत हुई है, लेकिन जितनी भी मौतें हुई है वह सब नेचुरल मौतें हुई हैं".

Last Updated : Jul 6, 2023, 3:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.