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कोरोना से ठीक हुए मरीजों को डेल्टा वैरिएंट से बचाने के लिए वैक्सीन की एक डोज काफी: ICMR study - delta variant covid vaccine

शोध में पता लगा है कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके रोगियों को संक्रमण के बचने के लिए वैक्सीन की एक खुराक ही पर्याप्त है. यह उसे कोरोना के नए वैरिएंट (डेल्टा वैरिएंट) से भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है क्योंकि उसके शरीर में प्राकृतिक रुप से एंटीबॉडी बन जाती है.

Delta Variant
डेल्टा वैरिएंट
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Published : Jul 3, 2021, 8:56 PM IST

नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल रिसर्च सेंटर (ICMR) ने डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) पर कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को लेकर एक अध्ययन जारी किया है. जिसके अनुसार, जो लोग कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं और उन्होंने कोरोना वैक्सीन की एक या दो खुराक ले ली है वह डेल्टा वैरिएंट से कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने वालों से ज्यादा सुरक्षित हैं.

  • डेल्टा वैरिएंट हो रहा प्रभावी

आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि ह्यूमरल (humoral) और सेलुलर एमयून प्रतिक्रिया (Cellular Immune Response) कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अध्ययन में आगे कहा गया कि डेल्टा वैरिएंट धीरे-धीरे कई प्रकार से प्रभावी हो रहा है. भारत में कोरोना महामारी के दूसरी लहर में यह बढ़ा है. कोरोना की दूसरी लहर से देश में इससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.

प्रतिदिन रिपोर्ट होने वाले कोरोना मामलों में 13 फीसद की औसत गिरावट : स्वास्थ्य मंत्रालय

  • कोरोना के ठीक हुए लोगों में प्राकृतिक एंटीबॉडी

शोध में पता लगा है कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके रोगियों को संक्रमण के बचने के लिए वैक्सीन की एक खुराक भी पर्याप्त है. यह उसे कोरोना के नए वैरिएंट से भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है क्योंकि उसके शरीर में प्राकृतिक रुप से एंटीबॉडी बन जाती है. इस अध्ययन में कोरोना से उबर चुके व्यक्ति और कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके व्यक्ति में नए वैरिएंट से लड़ने की क्षमता को लेकर शोध किए गए जिसमें पाया गया कि प्राकृतिक एंटीबॉडी वैक्सीन लगाने के बाद बनी एंटीबॉडी से ज्यादा प्रभावी थी.

नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल रिसर्च सेंटर (ICMR) ने डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) पर कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को लेकर एक अध्ययन जारी किया है. जिसके अनुसार, जो लोग कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं और उन्होंने कोरोना वैक्सीन की एक या दो खुराक ले ली है वह डेल्टा वैरिएंट से कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने वालों से ज्यादा सुरक्षित हैं.

  • डेल्टा वैरिएंट हो रहा प्रभावी

आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि ह्यूमरल (humoral) और सेलुलर एमयून प्रतिक्रिया (Cellular Immune Response) कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अध्ययन में आगे कहा गया कि डेल्टा वैरिएंट धीरे-धीरे कई प्रकार से प्रभावी हो रहा है. भारत में कोरोना महामारी के दूसरी लहर में यह बढ़ा है. कोरोना की दूसरी लहर से देश में इससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.

प्रतिदिन रिपोर्ट होने वाले कोरोना मामलों में 13 फीसद की औसत गिरावट : स्वास्थ्य मंत्रालय

  • कोरोना के ठीक हुए लोगों में प्राकृतिक एंटीबॉडी

शोध में पता लगा है कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके रोगियों को संक्रमण के बचने के लिए वैक्सीन की एक खुराक भी पर्याप्त है. यह उसे कोरोना के नए वैरिएंट से भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है क्योंकि उसके शरीर में प्राकृतिक रुप से एंटीबॉडी बन जाती है. इस अध्ययन में कोरोना से उबर चुके व्यक्ति और कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके व्यक्ति में नए वैरिएंट से लड़ने की क्षमता को लेकर शोध किए गए जिसमें पाया गया कि प्राकृतिक एंटीबॉडी वैक्सीन लगाने के बाद बनी एंटीबॉडी से ज्यादा प्रभावी थी.

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