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INS Vikrant नौसेना में 3 सितंबर को होगा शामिल

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Published : Aug 25, 2022, 3:34 PM IST

स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस 'विक्रांत' के सेवा में शामिल होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. यह बात नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कही.

आईएनएस 'विक्रांत'
आईएनएस 'विक्रांत'

नई दिल्ली : नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने गुरुवार को कहा कि स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस 'विक्रांत' के सेवा में शामिल होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. घोरमडे ने कहा कि आईएनएस 'विक्रांत' को तीन सितंबर को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे.

उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत को सेवा में शामिल करना अविस्मरणीय दिन होगा क्योंकि यह पोत देश की समग्र समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या नौसेना दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण को लेकर काम कर रही है, तो उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है. वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि आईएनएस 'विक्रांत' को नौसेना में शामिल किया जाना ऐतिहासिक मौका होगा और यह 'राष्ट्रीय एकता' का प्रतीक भी होगा, क्योंकि इसके कल-पुरजे कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं.

करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस विमानवाहक पोत ने पिछले महीने समुद्री परीक्षणों के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया था. 'विक्रांत' के निर्माण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास विमानवाहक पोत को स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने गुरुवार को कहा कि स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस 'विक्रांत' के सेवा में शामिल होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. घोरमडे ने कहा कि आईएनएस 'विक्रांत' को तीन सितंबर को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे.

उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत को सेवा में शामिल करना अविस्मरणीय दिन होगा क्योंकि यह पोत देश की समग्र समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या नौसेना दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण को लेकर काम कर रही है, तो उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है. वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि आईएनएस 'विक्रांत' को नौसेना में शामिल किया जाना ऐतिहासिक मौका होगा और यह 'राष्ट्रीय एकता' का प्रतीक भी होगा, क्योंकि इसके कल-पुरजे कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं.

करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस विमानवाहक पोत ने पिछले महीने समुद्री परीक्षणों के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया था. 'विक्रांत' के निर्माण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास विमानवाहक पोत को स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है.

(पीटीआई-भाषा)

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