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भारत की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2029-30 तक 39 प्रतिशत होगी : केंद्र - parliament monsoon session

बिजली मंत्री राजकुमार सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने सीओपी -26 में प्रधान मंत्री की घोषणा के साथ 2030 तक 500 मेगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई कदम भी उठाए हैं.

अक्षय ऊर्जा
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Published : Aug 2, 2022, 6:27 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि अक्षय ऊर्जा से भारत की बिजली उत्पादन क्षमता वर्ष 2029-30 तक कुल बिजली उत्पादन का 39 प्रतिशत आंकी गई है. बिजली मंत्री राजकुमार सिंह ने राज्यसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने सीओपी -26 में प्रधान मंत्री की घोषणा के साथ 2030 तक 500 मेगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई कदम भी उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बिजली प्राधिकरण द्वारा 2029-30 के लिए इष्टतम उत्पादन क्षमता मिश्रण को प्रोजेक्ट करने के उद्देश्य से अध्ययन किया गया था. सिंह ने कहा, "अध्ययन के अनुसार, अक्षय ऊर्जा स्रोतों से वर्ष 2029-30 तक कुल बिजली उत्पादन का अनुमानित 39 प्रतिशत बिजली उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था." मंत्री ने कहा कि सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) शामिल है.

सिंह ने कहा कि सरकार ने आरई डेवलपर्स को प्लग एंड प्ले के आधार पर भूमि और ट्रांसमिशन प्रदान करने के लिए अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क स्थापित करने के लिए भी कदम उठाए हैं. सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि आरई जनरेटर को वितरण लाइसेंस धारियों द्वारा समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) या अग्रिम भुगतान के खिलाफ बिजली भेजी जाएगी.

कोयले का घरेलू उत्पादन बिजली घरों की जरूरतों के लिए अपर्याप्त, इसलिए आयात को मंजूरी

सिंह ने कहा कि कोयले का घरेलू उत्पादन ताप बिजली घरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए विदेशों से कोयला आयात करने की मंजूरी दी गई. सिंह ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ऊर्जा खपत में करीब 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2014 से इसमें करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि देश में कोयले का उत्पादन बढ़ा है फिर भी इसकी मात्रा उतनी नहीं है, जितनी जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिजली घरों की प्रति दिन की जरूरत और घरेलू कोयले की उपलब्धता में करीब 1.20 लाख टन का अंतर है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोयले के आयात को मंजूरी नहीं देती तो पड़ोस के कुछ देशों की तरह यहां भी बड़े पैमाने पर बिजली कटौती का सामना करना पड़ता. उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार ने विभिन्न उपायों के जरिए स्थिति पर काबू पा लिया. इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने कहा कि एक ओर कोल इंडिया लि. कंपनी ने घोषणा की है कि उसके उत्पादन में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए 10 प्रतिशत कोयले के आयात को बाध्यकारी बना दिया है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि अक्षय ऊर्जा से भारत की बिजली उत्पादन क्षमता वर्ष 2029-30 तक कुल बिजली उत्पादन का 39 प्रतिशत आंकी गई है. बिजली मंत्री राजकुमार सिंह ने राज्यसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने सीओपी -26 में प्रधान मंत्री की घोषणा के साथ 2030 तक 500 मेगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई कदम भी उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बिजली प्राधिकरण द्वारा 2029-30 के लिए इष्टतम उत्पादन क्षमता मिश्रण को प्रोजेक्ट करने के उद्देश्य से अध्ययन किया गया था. सिंह ने कहा, "अध्ययन के अनुसार, अक्षय ऊर्जा स्रोतों से वर्ष 2029-30 तक कुल बिजली उत्पादन का अनुमानित 39 प्रतिशत बिजली उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था." मंत्री ने कहा कि सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) शामिल है.

सिंह ने कहा कि सरकार ने आरई डेवलपर्स को प्लग एंड प्ले के आधार पर भूमि और ट्रांसमिशन प्रदान करने के लिए अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क स्थापित करने के लिए भी कदम उठाए हैं. सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि आरई जनरेटर को वितरण लाइसेंस धारियों द्वारा समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) या अग्रिम भुगतान के खिलाफ बिजली भेजी जाएगी.

कोयले का घरेलू उत्पादन बिजली घरों की जरूरतों के लिए अपर्याप्त, इसलिए आयात को मंजूरी

सिंह ने कहा कि कोयले का घरेलू उत्पादन ताप बिजली घरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए विदेशों से कोयला आयात करने की मंजूरी दी गई. सिंह ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ऊर्जा खपत में करीब 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2014 से इसमें करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि देश में कोयले का उत्पादन बढ़ा है फिर भी इसकी मात्रा उतनी नहीं है, जितनी जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिजली घरों की प्रति दिन की जरूरत और घरेलू कोयले की उपलब्धता में करीब 1.20 लाख टन का अंतर है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोयले के आयात को मंजूरी नहीं देती तो पड़ोस के कुछ देशों की तरह यहां भी बड़े पैमाने पर बिजली कटौती का सामना करना पड़ता. उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार ने विभिन्न उपायों के जरिए स्थिति पर काबू पा लिया. इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने कहा कि एक ओर कोल इंडिया लि. कंपनी ने घोषणा की है कि उसके उत्पादन में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए 10 प्रतिशत कोयले के आयात को बाध्यकारी बना दिया है.

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