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G20 summit : विश्व नेताओं को साइबर हमले से बचाने के लिए भारत की फुलप्रूफ व्यवस्था

जी20 नेताओं का 18वां शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक भारत में आयोजित होगा. इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन समेत कई नेता पहुंच चुके हैं (G20 summit). इन नेताओं को साइबर हमलों से बचाने के लिए फुलप्रूफ इंतजाम किए गए हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

G20 summit
साइबर हमले से बचाने के लिए भारत की फुलप्रूफ व्यवस्था
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 8, 2023, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: नई दिल्ली के हवाई अड्डे पर जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आने वाले विश्व नेताओं के स्वागत करने का काम केंद्रीय मंत्रियों और केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा गया है, इसलिए भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने गणमान्य व्यक्तियों को सभी संभावित साइबर हमलों से बचाने के लिए सभी कदम उठाए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर इकाई के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम समिट स्थल पर साइबर सुरक्षा संभाल रही है, जबकि बाकी दिल्ली को दिल्ली पुलिस की साइबर सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षित किया जा रहा है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'पाकिस्तान और चीन से होने वाले साइबर हमलों के खतरे को देखते हुए सभी संभावित सावधानियां बरती गई हैं.' अधिकारी ने कहा कि सरकारी एजेंसियां ​​वर्तमान स्थिति से अवगत हैं जहां हैकर्स हमेशा वर्गीकृत जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं.

वास्तव में, निजी नेटवर्क पर किसी भी पहुंच या डेटा ट्रांसफर से पहले प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति के लिए मजबूत प्रमाणीकरण और प्राधिकरण के लिए 'जीरो ट्रस्ट' मॉडल लागू किया गया है.

उन सभी 28 होटलों में अधिकतम साइबर अलर्ट जारी कर दिया गया है जहां वीवीआईपी और प्रतिनिधि पूरे शिखर सम्मेलन के दौरान ठहरेंगे. अधिकारी ने कहा कि साइबर दस्ते को आईटीसी मौर्या होटल में तैनात किया गया है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ठहरेंगे.

शांगरी-ला, द ललित, क्लैरिजेस, रेडिसन ब्लू, ताज होटल, प्राइड प्लाजा, विवांता बाय ताज, होटल ग्रैंड, एंबेसडर बाय ताज, इरोस होटल, द अशोक, हयात रीजेंसी, जेडब्ल्यू मैरियट, पुलमैन, रोजेटे के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है. यही हाल अंदाज़ दिल्ली, द लोधी, द लीला, द सूर्या, द शेरटन एट साकेत, ओबेरॉय गुड़गांव, लीला गुड़गांव, ट्राइडेंट गुड़गांव, इंपीरियल दिल्ली, द ओबेरॉय और आईटीसी भारत गुड़गांव का है.

'जीरो ट्रस्ट' मॉडल किसी निजी नेटवर्क पर किसी भी पहुंच या डेटा ट्रांसफर से पहले प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति के लिए मजबूत प्रमाणीकरण और प्राधिकरण पर निर्भर करता है. अधिकारी ने कहा कि 'कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे उस नेटवर्क की परिधि के अंदर या बाहर हैं, 'जीरो ट्रस्ट' लागू होता है. सभी आईटी परिसंपत्तियों की निरंतर निगरानी की जाएगी.'

अधिकारी के अनुसार, यह पहल गृह मंत्रालय में हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान की गई थी, जहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान साइबर हमलों की घटनाओं पर शीर्ष साइबर विशेषज्ञों और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा चर्चा की गई थी.

गौरतलब है कि 2011 में पेरिस जी20 शिखर सम्मेलन, 2014 में ब्रिस्बेन में जी20 शिखर सम्मेलन और 2017 में हैम्बर्ग जी20 शिखर सम्मेलन भी गंभीर साइबर हमलों का शिकार हुए थे.

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नई दिल्ली: नई दिल्ली के हवाई अड्डे पर जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आने वाले विश्व नेताओं के स्वागत करने का काम केंद्रीय मंत्रियों और केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा गया है, इसलिए भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने गणमान्य व्यक्तियों को सभी संभावित साइबर हमलों से बचाने के लिए सभी कदम उठाए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर इकाई के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम समिट स्थल पर साइबर सुरक्षा संभाल रही है, जबकि बाकी दिल्ली को दिल्ली पुलिस की साइबर सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षित किया जा रहा है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'पाकिस्तान और चीन से होने वाले साइबर हमलों के खतरे को देखते हुए सभी संभावित सावधानियां बरती गई हैं.' अधिकारी ने कहा कि सरकारी एजेंसियां ​​वर्तमान स्थिति से अवगत हैं जहां हैकर्स हमेशा वर्गीकृत जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं.

वास्तव में, निजी नेटवर्क पर किसी भी पहुंच या डेटा ट्रांसफर से पहले प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति के लिए मजबूत प्रमाणीकरण और प्राधिकरण के लिए 'जीरो ट्रस्ट' मॉडल लागू किया गया है.

उन सभी 28 होटलों में अधिकतम साइबर अलर्ट जारी कर दिया गया है जहां वीवीआईपी और प्रतिनिधि पूरे शिखर सम्मेलन के दौरान ठहरेंगे. अधिकारी ने कहा कि साइबर दस्ते को आईटीसी मौर्या होटल में तैनात किया गया है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ठहरेंगे.

शांगरी-ला, द ललित, क्लैरिजेस, रेडिसन ब्लू, ताज होटल, प्राइड प्लाजा, विवांता बाय ताज, होटल ग्रैंड, एंबेसडर बाय ताज, इरोस होटल, द अशोक, हयात रीजेंसी, जेडब्ल्यू मैरियट, पुलमैन, रोजेटे के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है. यही हाल अंदाज़ दिल्ली, द लोधी, द लीला, द सूर्या, द शेरटन एट साकेत, ओबेरॉय गुड़गांव, लीला गुड़गांव, ट्राइडेंट गुड़गांव, इंपीरियल दिल्ली, द ओबेरॉय और आईटीसी भारत गुड़गांव का है.

'जीरो ट्रस्ट' मॉडल किसी निजी नेटवर्क पर किसी भी पहुंच या डेटा ट्रांसफर से पहले प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति के लिए मजबूत प्रमाणीकरण और प्राधिकरण पर निर्भर करता है. अधिकारी ने कहा कि 'कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे उस नेटवर्क की परिधि के अंदर या बाहर हैं, 'जीरो ट्रस्ट' लागू होता है. सभी आईटी परिसंपत्तियों की निरंतर निगरानी की जाएगी.'

अधिकारी के अनुसार, यह पहल गृह मंत्रालय में हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान की गई थी, जहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान साइबर हमलों की घटनाओं पर शीर्ष साइबर विशेषज्ञों और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा चर्चा की गई थी.

गौरतलब है कि 2011 में पेरिस जी20 शिखर सम्मेलन, 2014 में ब्रिस्बेन में जी20 शिखर सम्मेलन और 2017 में हैम्बर्ग जी20 शिखर सम्मेलन भी गंभीर साइबर हमलों का शिकार हुए थे.

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