मुंबई : देश में कोरोना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बीच ऑक्सीजन की कमी की समस्या बढ़ती जा रही है. इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे द्वारा ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए चलाई गई विशेष रेलगाड़ी 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' महाराष्ट्र से निकल पड़ी है. विशाखापत्तनम से ऑक्सीजन लाने के लिए सोमवार को खाली टैंकर महाराष्ट्र से रवाना हो गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग और इसकी उपलब्धता के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हाल ही में केंद्र से अन्य राज्यों से रेल द्वारा ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति के लिए कहा था.
उसके बाद, रेल मंत्रालय ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है और पूरी तैयारी भी की है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस सोमवार को विशाखापट्टनम के लिए मुंबई के पास स्थित कालांबोली स्टेशन से रवाना हुई. रेल मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में सूचित किया है कि दस टैंकर वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस महाराष्ट्र से खुली है.
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तीव्र संचालन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. जिसके जरिए आवश्यक स्थानों पर ये ट्रेन वक्त पर पहुंच जाएगी.
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बता दें कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 18 लाख के पार हो जाने के बीच ऑक्सीजन की कमी की समस्या के समाधान के लिए केंद्र ने रविवार को कहा कि उसने देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 162 प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की पहल की है. वहीं, रेलवे ने ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की है.
सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उनके यहां ऑक्सीजन, बिस्तर, वेंटिलेटर और दवाओं की कमी हो रही है.
इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि रेमडेसिविर दवा का उत्पादन दोगुना करने, निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति करने और कोविड-19 टीका मुहैया कराने के साथ-साथ स्वास्थ्य अवसंरचना को बढ़ाने के लिए राज्यों की पूरी मदद की जा रही है.
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का कार्य चल रहा है और 24 घंटे का प्रकोष्ठ राज्यों के साथ समन्वय कर रहा है.
मंत्रालय ने ट्वीट किया कि इनसे मेडिकल ऑक्सीजन क्षमता 154.19 एमटी (मीट्रिक टन) बढ़ जाएगी.
मंत्रालय ने इससे पहले 50,000 मीट्रिक टन चिकित्सा ऑक्सीजन के आयात के लिए निविदा निकालने का निर्णय लिया.
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सभी राज्यों को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और इस कारण मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा की है ताकि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके.
इसी के मुताबिक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 22 अप्रैल से निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दी है. इसमें नौ विशिष्ट उद्योगों को छूट दी गई है.
उन्होंने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का हवाला दिया जहां कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है.रेलवे देशभर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति के लिए अगले कुछ दिन में 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' चलाएगा. रविवार को उसने यह जानकारी दी.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, '19 अप्रैल को खाली टैंकर चलेंगे, लिहाजा हम अगले कुछ दिन में ऑक्सीजन एक्सप्रेस अभियान शुरू होने की उम्मीद करते हैं. जहां कहीं मांग होगी, हम वहां ऑक्सीजन भेज सकेंगे. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तीव्र संचालन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है.'
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मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों ने इससे पहले रेलवे से पूछा था कि क्या उसके रेल नेटवर्क के जरिए तरल मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.देश में सबसे बड़े इस्पात निर्माता सेल, टाटा स्टील और आर्सल मित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एमएनएस) ने कहा कि वे अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं.
इस्पात मंत्रालय के अनुसार इस्पात कारखानों में 28 ऑक्सीजन संयंत्र हैं. ये संयंत्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में स्थित हैं जो प्रतिदिन 1,500 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं.इसके अलावा 30 हजार मीट्रिक टन के अतिरिक्त स्टॉक को भी चिकित्सा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया है.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल परिसर में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात में रोजाना 9,000 से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले आ रहे हैं. हम समय-समय पर नई सुविधाएं और बिस्तर बढ़ा रहे हैं, लेकिन ये हमारी मांग की तुलना में कम पड़ रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस रोगियों की संख्या अधिक है.
सिविल अस्पताल के बाहर कोरोना वायरस रोगियों को लेकर खड़ी एंबुलेंसों की कतार के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि अन्य अस्पतालों से वापस भेज दिए गए हर रोगी का जीवन बचाया जाए. सबसे बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र और दिल्ली ने पहले ही केंद्र को बिस्तरों, ऑक्सीजन, दवाएं और कोविड-19 टीके की कमी संबंधी जानकारी दे दी है.