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चीन और पाकिस्तान का संयुक्त नौ-सैनिक अभ्यास, भारत की बनी रहेगी पैनी नजर

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By ANI

Published : Oct 26, 2023, 6:48 PM IST

Updated : Oct 26, 2023, 10:42 PM IST

पाकिस्तान के साथ संभावित युद्धाभ्यास के लिए जा रहीं चीनी पनडुब्बियों और युद्धपोतों पर भारतीय नौसेना के द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र में पैनी नजर रखी जा रही है. Indian Navy tracking Chinese submarines, Chinese submarines

Indian Navy keeping an eye on warships
युद्धपोतों पर नजर रख रही भारतीय नौसेना

नई दिल्ली : वैश्विक अस्थिरता के बीच चीनी पनडुब्बियां और युद्धपोत संभावित युद्धाभ्यास के लिए पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए पी-8आई निगरानी विमानों और एमक्यू-9बी के जरिये भारतीय नौसेना द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है. इतना ही नहीं विश्व में अहम माने जाने वाले हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेनिक गतिविधियों पर भारतीय नौसेना के द्वारा कड़ी नजर रखी जाती है.

इस संबंध में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि एक विध्वंसक और फ्रिगेट के साथ टैंकर सहित चीनी नौसेना के तीन युद्धपोत फारस की खाड़ी क्षेत्र में हैं. इनके समुद्री अभ्यास में पाकिस्तानी नौसेना के शामिल होने की संभावना है. तीनों युद्धपोत जो मई 2023 से 44वीं एंटी-पाइरेसी एस्कॉर्ट फोर्स का हिस्सा थे और अब उन्होंने अदन की खाड़ी में 45वीं एपीईएफ को एंटी-पाइरेसी भूमिका की जिम्मेदारी सौंप दी है. वहीं 45वें एपीईएफ ने अक्टूबर में हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया और तब से वहीं है.

संबंधित एजेंसियों को संदेह है कि चीनी और पाकिस्तानी युद्धपोत फारस की खाड़ी के उन क्षेत्रों की ओर बढ़ सकते हैं जहां से वे उस क्षेत्र में इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद अमेरिकी तैनाती की निगरानी कर सकते हैं. इतना ही नहीं चीनी युद्धपोतों में एक पनडुब्बी सपोर्ट वेसल चांग दाओ (एएसआर 847) के साथ एक सॉन्ग क्लास पनडुब्बी भी शामिल हो गई है. हालांकि भारतीय नौसेना की संपत्ति द्वारा इन जहाजों की बारीकी से निगरानी की जा रही है.

भारतीय नौसेना को मलक्का जलडमरूमध्य के आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया है और वह अपने पी-8I पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों और प्रीडेटर ड्रोन का बड़े पैमाने पर संचालन करती है. पाकिस्तानी नौसेना के साथ युद्धाभ्यास नवंबर के मध्य या अंत में आयोजित करने की योजना है. भारतीय नौसैनिक संपत्तियों ने सितंबर के मध्य से हिंद महासागर क्षेत्र में एक चीनी अर्ध-सैन्य अनुसंधान पोत शि यान 6 को भी ट्रैक किया है. सूत्रों ने कहा कि अनुसंधान पोत वर्तमान में श्रीलंकाई ईईजेड में संयुक्त वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहा है. भारतीय नौसेना की फारस की खाड़ी के साथ-साथ अदन की खाड़ी में भी बड़ी मौजूदगी है और यह क्षेत्र में विरोधियों की किसी भी गतिविधि के खिलाफ अपनी निगरानी रखती है.

ये भी पढ़ें - MEA On Indians Death Sentence : कतर में 8 भारतीय नौसेना जवानों को मौत की सजा, विदेश मंत्रालय ने कहा- 'फैसले से हम स्तब्ध'

नई दिल्ली : वैश्विक अस्थिरता के बीच चीनी पनडुब्बियां और युद्धपोत संभावित युद्धाभ्यास के लिए पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए पी-8आई निगरानी विमानों और एमक्यू-9बी के जरिये भारतीय नौसेना द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है. इतना ही नहीं विश्व में अहम माने जाने वाले हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेनिक गतिविधियों पर भारतीय नौसेना के द्वारा कड़ी नजर रखी जाती है.

इस संबंध में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि एक विध्वंसक और फ्रिगेट के साथ टैंकर सहित चीनी नौसेना के तीन युद्धपोत फारस की खाड़ी क्षेत्र में हैं. इनके समुद्री अभ्यास में पाकिस्तानी नौसेना के शामिल होने की संभावना है. तीनों युद्धपोत जो मई 2023 से 44वीं एंटी-पाइरेसी एस्कॉर्ट फोर्स का हिस्सा थे और अब उन्होंने अदन की खाड़ी में 45वीं एपीईएफ को एंटी-पाइरेसी भूमिका की जिम्मेदारी सौंप दी है. वहीं 45वें एपीईएफ ने अक्टूबर में हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया और तब से वहीं है.

संबंधित एजेंसियों को संदेह है कि चीनी और पाकिस्तानी युद्धपोत फारस की खाड़ी के उन क्षेत्रों की ओर बढ़ सकते हैं जहां से वे उस क्षेत्र में इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद अमेरिकी तैनाती की निगरानी कर सकते हैं. इतना ही नहीं चीनी युद्धपोतों में एक पनडुब्बी सपोर्ट वेसल चांग दाओ (एएसआर 847) के साथ एक सॉन्ग क्लास पनडुब्बी भी शामिल हो गई है. हालांकि भारतीय नौसेना की संपत्ति द्वारा इन जहाजों की बारीकी से निगरानी की जा रही है.

भारतीय नौसेना को मलक्का जलडमरूमध्य के आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया है और वह अपने पी-8I पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों और प्रीडेटर ड्रोन का बड़े पैमाने पर संचालन करती है. पाकिस्तानी नौसेना के साथ युद्धाभ्यास नवंबर के मध्य या अंत में आयोजित करने की योजना है. भारतीय नौसैनिक संपत्तियों ने सितंबर के मध्य से हिंद महासागर क्षेत्र में एक चीनी अर्ध-सैन्य अनुसंधान पोत शि यान 6 को भी ट्रैक किया है. सूत्रों ने कहा कि अनुसंधान पोत वर्तमान में श्रीलंकाई ईईजेड में संयुक्त वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहा है. भारतीय नौसेना की फारस की खाड़ी के साथ-साथ अदन की खाड़ी में भी बड़ी मौजूदगी है और यह क्षेत्र में विरोधियों की किसी भी गतिविधि के खिलाफ अपनी निगरानी रखती है.

ये भी पढ़ें - MEA On Indians Death Sentence : कतर में 8 भारतीय नौसेना जवानों को मौत की सजा, विदेश मंत्रालय ने कहा- 'फैसले से हम स्तब्ध'

Last Updated : Oct 26, 2023, 10:42 PM IST
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