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अमेरिका से नहीं हुई मानवाधिकारों पर बात, यूक्रेन को सहायता पर चर्चा की: जयशंकर

2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने वार्ता के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच ऊर्जा संकट, खाद्य सुरक्षा और कीव को मानवीय सहायता पर चर्चा की. इस दौरान मानवाधिकारों के बारे में बातचीत नहीं हुई.

Indian External Affairs Minister S Jaishankar
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Published : Apr 13, 2022, 10:04 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के साथ 2+2 डॉयलॉग में भारत की ओर से शामिल रहे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को मीडिया के साथ बातचीत का ब्योरा साझा किया. विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत के दौरान यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उपजे खाद्य संकट, ऊर्जा संकट पर चर्चा हुई. इसके अलावा बैठक मुख्य रूप से राजनीतिक-सैन्य मामलों पर केंद्रित रही. उन्होंने साफ किया कि बातचीत के दौरान भारत में मानवाधिकारों के बारे में चर्चा नहीं हुई.

विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है, जो पहले भी हमारे सामने आया है. सेसी ब्लिंकन के भारत यात्रा के दौरान हमने इस पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है, लेकिन हम भी समान रूप से अपने हितों का ख्याल रखने के हकदार हैं. इसलिए जब भी इस विषय पर कोई चर्चा होगी, तो हम बोलने में संकोच नहीं करेंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वार्ता के दौरान यूक्रेन को लेकर काफी लंबी बातचीत हुई. इस दौरान भारत ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से रखा. उन्होंने बताया कि भारत ने मार्च में यूक्रेन को 90 टन राहत सामग्री मुहैया कराई थी और फिलहाल दवाओं की आपूर्ति पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद थे.

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की स्थिति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है. हमने ऊर्जा की स्थिति पर चर्चा की, और कुछ समय में, हमने सभी देशों की खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की - क्या किया जा सकता है? मानवीय सहायता के लिए दूसरे देश क्या कर रहे हैं, हमने उसके बारे में बात की. जयशंकर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई के साथ भी बातचीत की.

भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद की आलोचना के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि यदि आप रूस से तेल खरीद देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए. आंकड़ों के हिसाब से यूरोप रूस से जितना तेल एक दोपहर में खरीदता है, उससे कम हम पूरे महीने में खरीदते हैं. यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष के खिलाफ हैं, हम हिंसा की तत्काल समाप्ति के लिए बातचीत और कूटनीति के लिए तैयार हैं. बता दें कि अमेरिका पहले ही साफ कर चुका है कि रूस से तेल खरीदकर भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है.

चीन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा से जुड़े सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि मिन वांग यी पिछले महीने भारत आए थे. उनके साथ हमने यूक्रेन से जुड़े विश्लेषण साझा किए. दोनों देश इस पर सहमत हैं कि बातचीत और लड़ाई की समाप्ति शांति के लिए एक आवश्यक पहला कदम होगा.

पढ़ें : हॉवर्ड विवि ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में अहम भूमिका निभायी है : ब्लिंकन

वाशिंगटन : अमेरिका के साथ 2+2 डॉयलॉग में भारत की ओर से शामिल रहे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को मीडिया के साथ बातचीत का ब्योरा साझा किया. विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत के दौरान यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उपजे खाद्य संकट, ऊर्जा संकट पर चर्चा हुई. इसके अलावा बैठक मुख्य रूप से राजनीतिक-सैन्य मामलों पर केंद्रित रही. उन्होंने साफ किया कि बातचीत के दौरान भारत में मानवाधिकारों के बारे में चर्चा नहीं हुई.

विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है, जो पहले भी हमारे सामने आया है. सेसी ब्लिंकन के भारत यात्रा के दौरान हमने इस पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है, लेकिन हम भी समान रूप से अपने हितों का ख्याल रखने के हकदार हैं. इसलिए जब भी इस विषय पर कोई चर्चा होगी, तो हम बोलने में संकोच नहीं करेंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वार्ता के दौरान यूक्रेन को लेकर काफी लंबी बातचीत हुई. इस दौरान भारत ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से रखा. उन्होंने बताया कि भारत ने मार्च में यूक्रेन को 90 टन राहत सामग्री मुहैया कराई थी और फिलहाल दवाओं की आपूर्ति पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद थे.

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की स्थिति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है. हमने ऊर्जा की स्थिति पर चर्चा की, और कुछ समय में, हमने सभी देशों की खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की - क्या किया जा सकता है? मानवीय सहायता के लिए दूसरे देश क्या कर रहे हैं, हमने उसके बारे में बात की. जयशंकर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई के साथ भी बातचीत की.

भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद की आलोचना के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि यदि आप रूस से तेल खरीद देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए. आंकड़ों के हिसाब से यूरोप रूस से जितना तेल एक दोपहर में खरीदता है, उससे कम हम पूरे महीने में खरीदते हैं. यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष के खिलाफ हैं, हम हिंसा की तत्काल समाप्ति के लिए बातचीत और कूटनीति के लिए तैयार हैं. बता दें कि अमेरिका पहले ही साफ कर चुका है कि रूस से तेल खरीदकर भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है.

चीन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा से जुड़े सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि मिन वांग यी पिछले महीने भारत आए थे. उनके साथ हमने यूक्रेन से जुड़े विश्लेषण साझा किए. दोनों देश इस पर सहमत हैं कि बातचीत और लड़ाई की समाप्ति शांति के लिए एक आवश्यक पहला कदम होगा.

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