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LAC पर चीन से निपटने के लिए भारतीय सेना की आतंकवाद निरोधी इकाई तैनात - Indian Army counter terrorism division

भारत ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आतंकरोधी अभियानों में लगे हुए 15 हजार सैनिकों को तैनात किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 24, 2021, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चालबाल चीन की बढ़ती हरकतों को लेकर भारतीय सेना सर्तक हो गई है. भारत ने एलएसी पर 15 हजार सैनिकों को तैनात किया है. ये सैनिक आतंकरोधी अभियानों में लगे हुए थे.

चीन की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने पूर्वी लद्दाख में 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है.

सैनिकों की तैनाती की बदौलत उत्तरी सीमा पर सेना को विभिन्न अभियानों के लिए अच्छा संख्या बल मिला है. सेना की इस टुकड़ी को पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए खासतौर पर प्रशिक्षण दिया गया है.

ज्ञात हो की इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ताएं हुई हैं. लेकिन अभी तक इसमें खास सफलता नहीं मिली है.

पढ़ें :- चीनी सेना ने उत्तराखंड में एलएसी पर बढ़ाई गतिविधि

गौरतलब है कि पिछले साल 15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

वहीं इस पर चीन ने भी स्वीकार किया था कि इस झड़प में उसके पांच अधिकारी मारे गए थे. इससे पहले दिन चीन ने पांच अधिकारियों और सैनिकों-क्यूई फेबाओ और चार सैनिकों-चेन होंगजुन, चेन जियानग्रोंग, जिओ सियुआन और वांग झूओरन को मारे जाने की बात स्वीकार की थी, जिन्हें गलवान की घटना में वीरता प्रदर्शित करने के लिए सम्मानित भी किया गया.

15 जून को गलवान घाटी में हुई घटना दोनों देशों के बीच लगभग 45 वर्षों में सबसे खराब सीमा संघर्ष था.

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चालबाल चीन की बढ़ती हरकतों को लेकर भारतीय सेना सर्तक हो गई है. भारत ने एलएसी पर 15 हजार सैनिकों को तैनात किया है. ये सैनिक आतंकरोधी अभियानों में लगे हुए थे.

चीन की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने पूर्वी लद्दाख में 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है.

सैनिकों की तैनाती की बदौलत उत्तरी सीमा पर सेना को विभिन्न अभियानों के लिए अच्छा संख्या बल मिला है. सेना की इस टुकड़ी को पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए खासतौर पर प्रशिक्षण दिया गया है.

ज्ञात हो की इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ताएं हुई हैं. लेकिन अभी तक इसमें खास सफलता नहीं मिली है.

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गौरतलब है कि पिछले साल 15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

वहीं इस पर चीन ने भी स्वीकार किया था कि इस झड़प में उसके पांच अधिकारी मारे गए थे. इससे पहले दिन चीन ने पांच अधिकारियों और सैनिकों-क्यूई फेबाओ और चार सैनिकों-चेन होंगजुन, चेन जियानग्रोंग, जिओ सियुआन और वांग झूओरन को मारे जाने की बात स्वीकार की थी, जिन्हें गलवान की घटना में वीरता प्रदर्शित करने के लिए सम्मानित भी किया गया.

15 जून को गलवान घाटी में हुई घटना दोनों देशों के बीच लगभग 45 वर्षों में सबसे खराब सीमा संघर्ष था.

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