ETV Bharat / bharat

नेपाल के तीन दिवसीय दौरे पर कल रवाना होंगे सेना प्रमुख नरवणे

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नेपाल के तीन दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं. उनका दौरा बुधवार से शुरू होगा. इस दौरान वह प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से बात करेंगे. यह जानकारी नेपाल के सेना मुख्यालय ने दी है.

Indian Army Chief General Naravane
फाइल फोटो
author img

By

Published : Nov 3, 2020, 6:08 PM IST

काठमांडू : सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर कल काठमांडू पहुंचेंगे और इस दौरान वह प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे, ओली के पास रक्षा मंत्रालय का भी जिम्मा है.

यहां नेपाल के सेना मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार जनरल नरवणे अपने नेपाली समकक्ष के आधिकारिक निमंत्रण पर 4-6 नवंबर के दौरान नेपाल की यात्रा करेंगे. विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं के बीच मित्रता की परंपरा को जारी रखते हुए जनरल नरवणे को यहां राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा 'नेपाल सेना के जनरल' का मानद पद प्रदान किया जाएगा.

यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी जो दोनों सेनाओं के बीच मजबूत संबंध का द्योतक है. बयान के अनुसार जनरल नरवणे का अपनी यात्रा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ओली से भी मिलने का कार्यक्रम है. वह सैन्य पैवेलियन में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे, उन्हें सलामी गारद दी जाएगी, वह अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्णचंद्र थापा के साथ आधिकारिक बैठक करेंगे और शिवपुरी में आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे.

पढ़ें-एलएसी पर हालात तनावपूर्ण, हम हर चुनौती के लिए तैयार : सेना प्रमुख

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाले 80 किलोमीटर लंबे रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का आठ मई को उद्घाटन किये जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव आ गया था. नेपाल ने यह दावा करते हुए इस उद्घाटन का विरोध किया था कि यह मार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है.

कुछ ही दिन बाद उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा बताते हुए नया मानचित्र जारी कर दिया. इसी विवाद के बाद जनरल नरवणे ने कहा था कि यह यकीन करने के लिए कारण है कि नेपाल ने 'किसी अन्य' के इशारे पर इस सड़क का विरोध किया. उनका इशारा इस मामले में चीन की संभावित भूमिका की ओर था.

जनरल नरवणे के बयान के बाद नेपाल की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी. भारत ने भी नवंबर, 2019 में नया मानचित्र जारी किया था और इन क्षेत्रों को अपनी सीमा के अंदर दिखाया था. नेपाल द्वारा नया मानचित्र जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे 'एकतरफा कार्रवाई' करार दिया और उसे चेताया कि क्षेत्रीय दावे के 'कृत्रिम विस्तार' को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

काठमांडू : सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर कल काठमांडू पहुंचेंगे और इस दौरान वह प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे, ओली के पास रक्षा मंत्रालय का भी जिम्मा है.

यहां नेपाल के सेना मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार जनरल नरवणे अपने नेपाली समकक्ष के आधिकारिक निमंत्रण पर 4-6 नवंबर के दौरान नेपाल की यात्रा करेंगे. विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं के बीच मित्रता की परंपरा को जारी रखते हुए जनरल नरवणे को यहां राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा 'नेपाल सेना के जनरल' का मानद पद प्रदान किया जाएगा.

यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी जो दोनों सेनाओं के बीच मजबूत संबंध का द्योतक है. बयान के अनुसार जनरल नरवणे का अपनी यात्रा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ओली से भी मिलने का कार्यक्रम है. वह सैन्य पैवेलियन में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे, उन्हें सलामी गारद दी जाएगी, वह अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्णचंद्र थापा के साथ आधिकारिक बैठक करेंगे और शिवपुरी में आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे.

पढ़ें-एलएसी पर हालात तनावपूर्ण, हम हर चुनौती के लिए तैयार : सेना प्रमुख

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाले 80 किलोमीटर लंबे रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का आठ मई को उद्घाटन किये जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव आ गया था. नेपाल ने यह दावा करते हुए इस उद्घाटन का विरोध किया था कि यह मार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है.

कुछ ही दिन बाद उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा बताते हुए नया मानचित्र जारी कर दिया. इसी विवाद के बाद जनरल नरवणे ने कहा था कि यह यकीन करने के लिए कारण है कि नेपाल ने 'किसी अन्य' के इशारे पर इस सड़क का विरोध किया. उनका इशारा इस मामले में चीन की संभावित भूमिका की ओर था.

जनरल नरवणे के बयान के बाद नेपाल की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी. भारत ने भी नवंबर, 2019 में नया मानचित्र जारी किया था और इन क्षेत्रों को अपनी सीमा के अंदर दिखाया था. नेपाल द्वारा नया मानचित्र जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे 'एकतरफा कार्रवाई' करार दिया और उसे चेताया कि क्षेत्रीय दावे के 'कृत्रिम विस्तार' को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.