हैदराबाद : वनडे विश्व कप-2023 की मेजबानी का जिम्मा भारत के साथ-साथ बांग्लादेश को मिला है. भारत 2026 में भी टी-20 मेन्स चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा. इसके अलावा साल 2031 में वनडे विश्व कप का आयोजन भी भारत में ही होगा. देश में साल 2029 में चैंपियंस ट्रॉफी खेली जाएगी. पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी-2024 की मेजबानी सौंपी गई है. 29 साल बाद पाकिस्तान में आईसीसी इवेंट होने जा रहा है. अमेरिका में पहली बार एक बड़े आईसीसी टूर्नामेंट का आयोजन होने जा रहा है. यहां साल 2024 में टी20 मेन्स वर्ल्ड कप का आयोजन होगा.
कहा जाता है कि विश्व कप या किसी अन्य प्रमुख खेल आयोजन की मेजबानी से पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. महत्वपूर्ण खेल प्रोजेक्ट के जरिये शहरों को व्यापार करने के लिए भी तैयार किया जाता है. इससे देश की अर्थव्यवस्था में तात्कालिक तेजी आती है मगर इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश का उपयोग देश लंबे समय तक कर सकता है. आईसीसी टूर्नामेंट के आयोजन से मेजबान देश को पूरी दुनिया के सामने बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलता है. इससे इकोनॉमी में पैसे भी आते हैं.
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप से खूब कमाई की : 2019 के क्रिकेट वर्ल्ड कप के आयोजन से ब्रिटेन ने 350 मिलियन यूरो यानी 448 मिलियन यूएस डॉलर कमाए. वर्ल्ड कप के फाइनल रोमांचक मैच को 1.6 बिलियन दर्शकों ने पूरी दुनिया में देखा था. 2015 के क्रिकेट वर्ल्ड कप के आयोजन में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 1.1 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च किए. इससे दोनों देशों को 460 मिलियन डॉलर की आय हुई. अनुमान के मुताबिक, भारत में टूर्नामेंट के दौरान 500 मिलियन डॉलर की आर्थिक गतिविधियां होंगी.
आयोजनों से BCCI की कमाई भी बढ़ती है : 2019 में वैश्विक क्रिकेट बाजार का मूल्य 320.3 मिलियन अमरीकी डॉलर था. 2026 के अंत तक इसका आकार 363.5 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. विश्व में क्रिकेट के रेवन्यू का 45 फीसदी भारत जेनरेट करता है. भविष्य में भी क्रिकेट के बढ़ते बाजार का फायदा उन देशों को मिलेगा, जहां पहले से ही इसके अनुरुप माहौल है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) रेवेन्यू जेनरेट करने के कारण विश्व क्रिकेट की ताकतवर संस्था है. भारत में होने वाले आयोजन से बीसीसीआई की आय भी बढ़ेगी.
भारत में खेल का बाजार करीब 6000 करोड़ रुपये का है, जिसमें 85 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ क्रिकेट का है. आईपीएल का भारतीय अर्थव्यवस्था में 3 मिलियन डॉलर का योगदान है. विश्व कप से बीसीसीआई की कमाई का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि आयोजन के बाद उसे 750 करोड़ टैक्स देना पड़ता. फिलहाल यह टैक्स आईसीसी भरेगा.
भारतीय खिलाड़ियों को मिलेगा चैंपियन बनने का मौका : भारत में क्रिकेट टूर्नामेंट होने से भारत को चैंपियन बनने का मौका मिल सकता है. ऐसा माना जाता है कि घरेलू पिच पर सभी देश बेहतर प्रदर्शन करते हैं. अगर भारत इस मौके का फायदा उठाता है तो उसे तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का मौका मिलेगा. भारत अभी तक दो बार 1983 और 2011 में वर्ल्ड कप जीत सकता है. 2011 में भारत विश्व कप का मेजबान था. हालांकि 1996 में इस थ्योरी का फायदा श्रीलंका और 1987 में पाकिस्तान को मिला था. इंग्लैंड भी पहली बार चैंपियन अपने होम ग्राउंड पर ही बना.
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