नई दिल्ली: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने सोमवार को कहा कि भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय वार्ता दोनों लोकतंत्रों के बीच पहले से ही बढ़ते रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित है. उनकी टिप्पणी ओआरएफ, नई दिल्ली द्वारा आयोजित यूएस-इंडिया पोस्ट-2+2: अमेरिका के साथ भारत की प्रतिबद्धताओं को संचालित करने के बारे में एक वार्तालाप कार्यक्रम में आई है.
आयोजन के दौरान दोनों देशों ने वैश्विक भलाई के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में साझेदारी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की जो उन्हें जोड़ती है और उनकी रक्षा करती है.
गार्सेटी ने कहा कि 2+2 संयुक्त बयान क्वाड और अन्य मेट्रिक्स के माध्यम से एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक की रक्षा के लिए भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि उभरते क्षेत्रों में भारत का सहयोग महत्वपूर्ण है, वे हथियारों के अलावा अपनी सेनाओं के परिचालन स्तर पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं.
गार्सेटी ने भारत-अमेरिका के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद संबोधित करते हुए कहा, 'हमने अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो लगातार बढ़ रही है, औद्योगिक सहयोग और रक्षा में अमेरिका-भारत के रोडमैप जैसी पहलों के माध्यम से हमने जो तेजी देखी है, उसे बढ़ाया है.'
उन्होंने कहा कि 'भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.' गार्सेटी ने कहा कि दोनों देश 'स्वतंत्र, खुले और समावेशी' हिंद-प्रशांत की रक्षा के लिए लचीली और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद के बाद संयुक्त बयान पर टिप्पणी करते हुए, अमेरिकी राजदूत ने कहा कि यह क्वाड और अन्य मेट्रिक्स के माध्यम से मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक की रक्षा के लिए लचीले नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने के दोनों देशों के संकल्प को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि 'मंत्रियों ने यूक्रेन और मध्य पूर्व में संघर्ष के दुखद मानवीय परिणामों पर चर्चा की, आतंकवाद के खिलाफ इज़रायल के साथ अपने रुख को दोहराया, लेकिन नागरिक पीड़ा को कम करने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के पालन की भी मांग की.'
हाल ही में भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में पाकिस्तान और सीमा पार आतंकवाद का जिक्र क्यों नहीं किया गया, इस सवाल के जवाब में भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा, 'मुझे इसका जवाब नहीं पता है. लेकिन यह निश्चित रूप से अमेरिकियों के लिए कुछ भी नहीं था.'
इसके अलावा, भारत-रूस-अमेरिका संबंधों पर, गार्सेटी ने नियम-आधारित आदेश का पालन करने की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोगों का अलग-अलग इतिहास और रणनीतिक विचार है.