नई दिल्ली : भारत एक अगस्त से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (unsc) की अध्यक्षता करेगा. भारत की अध्यक्षता को महत्वपूर्ण परिदृश्य के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि देश विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के बारे में मुखर रहा है, जिसमें मानवाधिकारों के उल्लंघन (violation of human rights), अफगानिस्तान, सीरिया और म्यांमार में सुरक्षा स्थितियों से संबंधित मुद्दे शामिल हैं.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी (Former Ambassador Jitendra Tripathi) ने कहा, 'यूएनएससी में भारत की अध्यक्षता प्रतीकात्मक है लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसका विश्व राजनीति पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. अफगानिस्तान जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. भारत, अमेरिका इस बात पर सहमत हुए हैं कि उनका इस मुद्गे पर एक समान रुख होगा. दक्षिण चीन सागर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, यह चर्चा के लिए भारत के एजेंडे में भी होगा लेकिन चीन वीटो पावर होने के कारण कुछ नहीं किया जा सकता है.
यह हमारे लिए सम्मान की बात : तिरुमूर्ति
भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने की पूर्व संध्या पर, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी.एस. तिरुमूर्ति (T.S. Tirumurti) ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'भारत अगस्त में यूएनएससी का अध्यक्ष होगा. उसी महीने जब हम अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, उसी महीने यूएनएससी की अध्यक्षता करना हमारे लिए सम्मान की बात है. सुरक्षा परिषद में यह हमारा आठवां कार्यकाल है.'
तिरुमूर्ति ने कहा, परिषद में अपने पिछले सात महीनों के कार्यकाल में हमने विभिन्न मुद्दों पर एक सैद्धांतिक और दूरंदेशी रुख अपनाया है. हम जिम्मेदारियों को निभाने से नहीं डरते. हम सक्रिय रहे हैं. हमने अपनी प्राथमिकता वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है.
राजदूत ने कहा कि हमने परिषद के भीतर विभिन्न विचारों के बीच अंतर को पाटने के प्रयास किए हैं ताकि सुनिश्चित हो सके कि परिषद आज के कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर साथ रहे और एक सुर में बात करें. हमारी अध्यक्षता में हम यही करने की कोशिश करेंगे. हम इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि शांति सैनिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, विशेष रूप से बेहतर तकनीक का उपयोग करके और शांतिरक्षकों के खिलाफ अपराधों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में कैसे लाया जाए. इसके अलावा, एक ऐसे देश के रूप में जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा है, भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना जारी रखेगा.
सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का दो साल का कार्यकाल एक जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. तब से भारत ने इच्छा दिखाई है और इसके लिए अपनी ओर से कुछ कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय शांति के मामलों और समग्र रूप से विश्व की सुरक्षा से संबंधित मामलों का समावेशी समाधान लाना. साथ ही, देश ने विभिन्न वैश्विक मंचों पर सुधारित बहुपक्षवाद, प्रभावी वैश्विक शासन पर अपना रुख बार-बार दोहराया है.
अगस्त की अध्यक्षता सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य के तौर पर 2021-22 कार्यकाल के लिए भारत की पहली अध्यक्षता होगी. भारत अपने दो साल के कार्यकाल के अंतिम माह यानी अगले साल दिसंबर में फिर से परिषद की अध्यक्षता करेगा. अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत तीन बड़े क्षेत्रों, समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षण और आतंकवाद रोकथाम के संबंध में तीन उच्च स्तरीय प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन करेगा.
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भारत की अध्यक्षता का पहला कार्यकारी दिवस सोमवार, दो अगस्त को होगा, जब तिरुमूर्ति महीने भर के लिए परिषद के कार्यक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मिश्रित संवाददाता सम्मेलन करेंगे. यानी कुछ लोग वहां मौजूद होंगे जबकि अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़ सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक तिरुमूर्ति संयुक्त राष्ट्र के उन सदस्यों देशों को भी कार्य विवरण उपलब्ध कराएंगे जो परिषद के सदस्य नहीं हैं.