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ब्रिटिश संसद में किसानों आंदोलन पर चर्चा, भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को किया तलब - भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने

भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने मंगलवार को नई दिल्ली में भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस को तलब किया. विदेश मंत्रालय के एक बयान में विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि यह एक तरह से लोकतांत्रिक देश की राजनीति में अन्य के व्यापक हस्तक्षेप का प्रतिनिधित्व करता है.

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Published : Mar 9, 2021, 8:33 PM IST

नई दिल्ली : भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने मंगलवार को नई दिल्ली में भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस को तलब किया. उन्होंने ब्रिटिश संसद में भारत में कृषि सुधारों पर असंसदीय और निविदात्मक चर्चा का कड़ा विरोध किया.

विदेश मंत्रालय के एक बयान में विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि यह एक तरह से लोकतांत्रिक देश की राजनीति में अन्य के व्यापक हस्तक्षेप का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने सलाह दी कि ब्रिटिश सांसदों को घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करके वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए. विशेष रूप से एक साथी लोकतंत्र के बारे में ऐसा करने से बचना चाहिए.

भारत के प्रतिक्रिया से पहले सोमवार को कुछ ब्रिटिश सांसदों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध को लेकर और भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार पर एक ई-याचिका पर बहस की थी. इससे पहले आज लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटिश संसद के अंदर बहस को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह एक 'झूठा दावा' और 'एकतरफा चर्चा' है.

यह भी पढ़ें-मणिपुर : 20 भूमिगत कैडरों ने मुख्यमंत्री के सामने डाले हथियार

उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायोग ने कुछ समय के लिए संसद में उठाए गए मुद्दों के बारे में सभी को सूचित करने का ध्यान रखा है. आयोग ने एक बयान में कहा कि हमें गहरा अफसोस है कि एक संतुलित बहस के बजाए बिना किसी पुष्टि या तथ्यों के झूठे दावे किए गए.

नई दिल्ली : भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने मंगलवार को नई दिल्ली में भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस को तलब किया. उन्होंने ब्रिटिश संसद में भारत में कृषि सुधारों पर असंसदीय और निविदात्मक चर्चा का कड़ा विरोध किया.

विदेश मंत्रालय के एक बयान में विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि यह एक तरह से लोकतांत्रिक देश की राजनीति में अन्य के व्यापक हस्तक्षेप का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने सलाह दी कि ब्रिटिश सांसदों को घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करके वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए. विशेष रूप से एक साथी लोकतंत्र के बारे में ऐसा करने से बचना चाहिए.

भारत के प्रतिक्रिया से पहले सोमवार को कुछ ब्रिटिश सांसदों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध को लेकर और भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार पर एक ई-याचिका पर बहस की थी. इससे पहले आज लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटिश संसद के अंदर बहस को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह एक 'झूठा दावा' और 'एकतरफा चर्चा' है.

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उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायोग ने कुछ समय के लिए संसद में उठाए गए मुद्दों के बारे में सभी को सूचित करने का ध्यान रखा है. आयोग ने एक बयान में कहा कि हमें गहरा अफसोस है कि एक संतुलित बहस के बजाए बिना किसी पुष्टि या तथ्यों के झूठे दावे किए गए.

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