नई दिल्ली: भारत और उसके पश्चिमी पड़ोसी पाकिस्तान के बीच 2021 में लागू हुआ युद्धविराम समझौता अभी भी कायम है और यथास्थिति बरकरार है. ईटीवी भारत से बात करते हुए एक शीर्ष सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया. सूत्र ने आगे कहा कि जिस तरह से मीडिया में, खासकर मीडिया के एक वर्ग द्वारा बातें बताई जा रही हैं, उससे लगता है कि वे यह दिखाना चाहते हैं कि कश्मीर में कोई सामान्य स्थिति नहीं है.
सूत्र ने आगे कहा कि जरा तथ्यों और आंकड़ों पर नजर डालें तो धारा 370 हटने के बाद हुर्रियत द्वारा बुलाए गए बंद, विरोध प्रदर्शन, पथराव की घटनाएं, हड़तालें या तो खत्म हो गई हैं या कम हो गई हैं. आतंकी समूहों में स्थानीय लोगों की भर्ती में भारी कमी आई है. इसलिए सकारात्मक पक्ष को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
पुलिस के अनुसार, चार सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने के साथ ही अनंतनाग के कोकेरनाग में सात दिनों से चली आ रही घातक मुठभेड़ मंगलवार को लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के कमांडर उजैर खान सहित कम से कम दो आतंकवादियों के मारे जाने के बाद समाप्त हो गई. माना जा रहा है कि यह मुठभेड़ पिछले कुछ वर्षों की सबसे लंबी मुठभेड़ों में से एक है.
इससे पहले कमांडर 161 ब्रिगेड पीएमएस ढिल्लों ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना एलओसी की ओर भाग रहे एक आतंकवादी को बचा रही है और इसे काफी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है.
इस सात दिवसीय मुठभेड़ के समानांतर, सेना ने 15 सितंबर को बारामूला के उरी में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया और तीन आतंकवादियों को मार गिराया. पिछले कुछ महीनों में, सेना के जवानों के खिलाफ हमले बढ़े हैं और सुरक्षा बलों को ऐसे समय में सतर्क किया गया है जब सर्दियों का मौसम आने वाला है.