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नेपाल बॉर्डर के मदरसों को खाड़ी देशों से मिले 150 करोड़ रुपए, कहां हुआ खर्च एसआईटी कर रही जांच - यूपी के मदरसे

UP Madrassa News : यूपी नेपाल बॉर्डर पर स्थित मदरसों को बीते दो वर्षों में करीब 150 करोड़ की विदेशी फंडिंग हुई है. यह फंडिंग कुल 180 मदरसों को खाड़ी देशों से हुई है. इस बात का खुलासा यूपी में मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की जांच में हुआ है. यह जांच गृह विभाग द्वारा गठित एडीजी एटीएस की अध्यक्षता में एसआईटी कर रही है. एसआईटी अब यह पता लगाने में जुट गई है कि मदरसों को मिला 150 करोड़ रुपए खर्च कहां-कहां किया गया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 6, 2023, 1:38 PM IST

लखनऊ: अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की जांच करवाने के लिए गृह विभाग को पत्र लिखा था. गृह विभाग ने एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों की एक एसआईटी गठित की थी. एसआईटी ने जांच शुरू कि तो नेपाल यूपी बॉर्डर पर सौ से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को चिन्हित किया गया, जिन्हें विदेशी फंडिंग हुई है.

खाड़ी देशों से 180 मदरसों को पहुंचा फंडः सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी को पता चला है कि बीते दो वर्षों में इन 180 मदरसों को खाड़ी देशों से 150 करोड़ की फंडिंग हुई है. लिहाजा अब एसआईटी ने मदरसों के संचालकों से अकाउंट से संबंधित सभी दस्तावेज तलब किए हैं, ताकि यह पता किया जा सके कि यह पैसा कहां-कहां खर्च किया गया है. दरअसल, यूपी में 25 हजार मदरसों में 16,500 मदरसे ही मान्यता प्राप्त हैं.

25 हजार मदरसों की होनी है जांचः एसआईटी गठित होने के बाद सभी 25,000 मदरसों की जांच की जा रही है. हालांकि, पहले चरण में एसआईटी ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को जांच में शामिल किया है. इन्हीं में से सौ से अधिक मदरसों को खाड़ी देशों से फंडिंग के सबूत मिले हैं. इसके अलावा दिल्ली के एक एनजीओ ने बीते तीन वर्षों में कुछ मदरसों को 20 करोड़ रुपये की फंडिंग की थी, इसकी भी जांच एसआइटी कर रही है.

फंड कहां-कहां हुआ खर्चः एसआईटी यह पता करने का प्रयास कर रही है कि मदरसों को मिलने वाली फंडिंग का क्या किया जाता है. कहीं इसे पढ़ाई के लिए खर्च न कर देश विरोधी कार्यों में तो इस्तमाल नहीं किया जा रहा. यानी एसआईटी अब मदरसों के मिले फंड का प्रयोग किस-किस मद में किया गया, इसकी जानकारी करने में जुट गई है.

ये भी पढ़ेंः पत्नी और सालों की मदद से अशरफ ने हथियाई थी गरीबों की 10 हेक्टेयर जमीन, अब कुर्की की तैयारी

लखनऊ: अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की जांच करवाने के लिए गृह विभाग को पत्र लिखा था. गृह विभाग ने एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों की एक एसआईटी गठित की थी. एसआईटी ने जांच शुरू कि तो नेपाल यूपी बॉर्डर पर सौ से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को चिन्हित किया गया, जिन्हें विदेशी फंडिंग हुई है.

खाड़ी देशों से 180 मदरसों को पहुंचा फंडः सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी को पता चला है कि बीते दो वर्षों में इन 180 मदरसों को खाड़ी देशों से 150 करोड़ की फंडिंग हुई है. लिहाजा अब एसआईटी ने मदरसों के संचालकों से अकाउंट से संबंधित सभी दस्तावेज तलब किए हैं, ताकि यह पता किया जा सके कि यह पैसा कहां-कहां खर्च किया गया है. दरअसल, यूपी में 25 हजार मदरसों में 16,500 मदरसे ही मान्यता प्राप्त हैं.

25 हजार मदरसों की होनी है जांचः एसआईटी गठित होने के बाद सभी 25,000 मदरसों की जांच की जा रही है. हालांकि, पहले चरण में एसआईटी ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को जांच में शामिल किया है. इन्हीं में से सौ से अधिक मदरसों को खाड़ी देशों से फंडिंग के सबूत मिले हैं. इसके अलावा दिल्ली के एक एनजीओ ने बीते तीन वर्षों में कुछ मदरसों को 20 करोड़ रुपये की फंडिंग की थी, इसकी भी जांच एसआइटी कर रही है.

फंड कहां-कहां हुआ खर्चः एसआईटी यह पता करने का प्रयास कर रही है कि मदरसों को मिलने वाली फंडिंग का क्या किया जाता है. कहीं इसे पढ़ाई के लिए खर्च न कर देश विरोधी कार्यों में तो इस्तमाल नहीं किया जा रहा. यानी एसआईटी अब मदरसों के मिले फंड का प्रयोग किस-किस मद में किया गया, इसकी जानकारी करने में जुट गई है.

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