नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारत-जापान मंच पर अपने उद्घाटन भाषण के दौरान जापान को भारत का स्वाभाविक भागीदार बताया. विदेश मंत्री ने कहा कि जापान का भारत पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है और कई मायनों में, जापान भारत के लिए एक अनुकरणीय आधुनिकीकरणकर्ता है. जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी की मौजूदगी में भारत-जापान फोरम में जयशंकर ने यह बात कही.
उन्होंने कहा,'स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने के लिए भारत एक अभिन्न भागीदार है और टोक्यो भारत के साथ इस क्षेत्र में सहयोग का और विस्तार करना चाहेगा. जापान वास्तव में भारत के लिए क्या मायने रखता है? जापान कई मायनों में अनुकरणीय आधुनिकीकरणकर्ता है. यह प्रासंगिकता का एक उदाहरण है. जयशकर ने कहा कि आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने भी है आधुनिकता हासिल की है और देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है.'
विदेश मंत्री ने कहा,'भारत के इस आधुनिकीकरण में जापान एक स्वाभाविक साझेदार है. जापान ने वास्तव में भारत में क्रांति ला दी है. सुजुकी क्रांति! दूसरी क्रांति मेट्रो क्रांति थी. तीसरी क्रांति हाई-स्पीड रेल बनाने की है. चौथी क्रांति महत्वपूर्ण है और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां है.' जयशंकर ने प्रौद्योगिकी के मामले में जापान की प्रगति का भारत पर पड़ रहे असर को भी गिनाया.
उन्होंने कहा,'मुझे लगता है कि जापान ने वास्तव में इस देश में कई क्रांतियां शुरू की हैं. मारुति क्रांति है जहां सिर्फ सुजुकी कार नहीं आई थी. यह एक संपूर्ण जीवनशैली थी, यह सोच थी, यह एक औद्योगिक संस्कृति थी जो बदल गई.' विदेश मंत्री ने कहा, 'दूसरी क्रांति मेट्रो क्रांति थी. मुझे लगता है कि इसका भारत के शहरी बुनियादी ढांचे पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है.
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तीसरी क्रांति बन रही है, जो हाई-स्पीड रेल है.' जयशंकर ने कहा कि एक बार हाई-स्पीड रेल परियोजना पूरी हो जाएगी, तो लोग भारत में देखेंगे कि लोगों की सामाजिक आदतों पर भी इसका कितना बड़ा प्रभाव पड़ता है. जयशंकर ने कहा, 'चौथी क्रांति जो मैं क्षितिज पर देख रहा हूं वह महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उभर रही है. मेरा मानना है कि हमारे लिए काम करने की बहुत बड़ी संभावना है.'