मैसूरु: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की उप प्रबंध निदेशक डॉ. गीता गोपीनाथ (IMF deputy MD Gita Gopinath) ने कहा कि भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता संभालकर एक बड़ी जिम्मेदारी ली है. गीता मैसूरु की रहने वाली हैं.
शहर के जेएसएस महिला कॉलेज में आयोजित स्नातक दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई गीता गोपीनाथ ने कहा कि समिट में दुनिया के 80 फीसदी जीडीपी वाले 20 देश हिस्सा लेंगे. वहां खाद्य, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होगी. यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में चल रही उथल-पुथल को सभी को खुले दिमाग से सुनना चाहिए. दुनिया आज और अधिक जटिल होती जा रही है. दुनिया के कमजोर देशों को भी समान शिक्षा मिलनी चाहिए. तभी सबका विकास संभव है.
उन्होंने कहा कि देश के विकास में युवाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. सारा विकास तभी संभव है जब दुनिया के कमजोर देश विकसित हों. उन्होंने कहा कि अधिकांश देश कोरोना महामारी से पीड़ित थे. साथ ही समय पर कोविड वैक्सीन नहीं लगने से कई लोगों को काफी परेशानी हुई.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और कई देशों ने इस तरह की चुनौतियों का सामना करने में अच्छा काम किया है. जब तक यह सभी देशों से गायब नहीं हो जाता, तब तक यह नहीं कहा जा सकता है कि कोविड का युग समाप्त हो चुका है.
विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारतीय उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है. उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में ध्यान देना चाहिए.
कार्यक्रम में सत्तूर मठ के शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामीजी, जेएसएस महाविद्यापीठ के कार्यकारी सचिव डॉ. सीजी बेतासुरुमठ, जेएसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एच.बी. सुरेश, डीन डॉ. रेचन्ना, परीक्षा नियंत्रक एमएम स्वामी मौजूद थे.
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