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भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं ने व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी संबंधों पर जोर दिया : पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी - व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी संबंधों को बढ़ावा दिया

पूर्व की एक या दो घटनाओं को छोड़ दें तो भारत-ईयू के रिश्ते हमेशा से ही काफी महत्वपूर्ण रहे हैं.भारत-यूरोपीय संघ के राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों के साथ शिखर बैठक से व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. यह बातें पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहीं.

भारत-यूरोपीय संघ
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Published : May 9, 2021, 3:52 AM IST

नई दिल्ली : पूर्व की एक या दो घटनाओं को छोड़ दें तो भारत-ईयू के रिश्ते हमेशा से ही काफी महत्वपूर्ण रहे हैं. हालांकि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने पर ब्रिटेन सहित यूरोपीय संघ के कुछ देशों ने भारत की आलोचना की थी अन्यथा, रिश्ते हमेशा बेहतर रहे हैं. भारत-यूरोपीय संघ के राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों के साथ शिखर बैठक से व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. यह बातें पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहीं.

शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी 27 यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्षों के साथ बहुप्रतीक्षित भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में भाग लिया. यह पहली बार है कि यूरोपीय संघ ने भारत के साथ यूरोपीय संघ + 27 के प्रारूप में एक बैठक की मेजबानी की.

पढ़ें - भारतीय और इंडोनेशियाई नौसेना ने अरब सागर में किया युद्धाभ्यास

इस बारे में पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं ने दोनों के बीच अच्छे संबंधों को दर्शाया. ईयू ने संकट की इस घड़ी में भारत को चिकित्सा आपूर्ति और सहायता पहुंचाने के लिए आगे आया है. बैठक से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को मजबूत करने को बल मिला. भारत-ईयू नेताओं की बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि यह यूरोपीय संघ और इंडो-पैसिफिक के बीच संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टि्वट किया कि कोविड -19 महामारी को रोकने और अधिक डिजिटल और हरियाली वाली दुनिया में स्थायी और समावेशी विकास के लिए हमारा सहयोग आवश्यक है. हमारे लोगों की शांति और समृद्धि हासिल करने के लिए हमारी मजबूत साझेदारी आवश्यक है. हमने व्यापार और निवेश समझौतों, साथ ही हमारी नई कनेक्टिविटी भागीदारी के लिए वार्ता की बहाली का स्वागत किया है.

पढ़ें - कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला : पाक विदेश मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक भलाई के लिए भारत-यूरोपीय संघ के रिश्ते को बदलने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, मैंने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के सभी नेताओं और राष्ट्रपतियों चार्ल्स मिशेल और उर्सुला वॉन डेर लेयन के साथ भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के लिए एक आभासी बातचीत की है.

भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) संतुलित, महत्वाकांक्षी और समग्र व्यापार समझौता के लिए वार्ता बहाल करने पर सहमत हुए. मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ स्टैंड-अलोन निवेश संरक्षण समझौता पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हुए.

नई दिल्ली : पूर्व की एक या दो घटनाओं को छोड़ दें तो भारत-ईयू के रिश्ते हमेशा से ही काफी महत्वपूर्ण रहे हैं. हालांकि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने पर ब्रिटेन सहित यूरोपीय संघ के कुछ देशों ने भारत की आलोचना की थी अन्यथा, रिश्ते हमेशा बेहतर रहे हैं. भारत-यूरोपीय संघ के राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों के साथ शिखर बैठक से व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. यह बातें पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहीं.

शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी 27 यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्षों के साथ बहुप्रतीक्षित भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में भाग लिया. यह पहली बार है कि यूरोपीय संघ ने भारत के साथ यूरोपीय संघ + 27 के प्रारूप में एक बैठक की मेजबानी की.

पढ़ें - भारतीय और इंडोनेशियाई नौसेना ने अरब सागर में किया युद्धाभ्यास

इस बारे में पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं ने दोनों के बीच अच्छे संबंधों को दर्शाया. ईयू ने संकट की इस घड़ी में भारत को चिकित्सा आपूर्ति और सहायता पहुंचाने के लिए आगे आया है. बैठक से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को मजबूत करने को बल मिला. भारत-ईयू नेताओं की बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि यह यूरोपीय संघ और इंडो-पैसिफिक के बीच संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टि्वट किया कि कोविड -19 महामारी को रोकने और अधिक डिजिटल और हरियाली वाली दुनिया में स्थायी और समावेशी विकास के लिए हमारा सहयोग आवश्यक है. हमारे लोगों की शांति और समृद्धि हासिल करने के लिए हमारी मजबूत साझेदारी आवश्यक है. हमने व्यापार और निवेश समझौतों, साथ ही हमारी नई कनेक्टिविटी भागीदारी के लिए वार्ता की बहाली का स्वागत किया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक भलाई के लिए भारत-यूरोपीय संघ के रिश्ते को बदलने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, मैंने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के सभी नेताओं और राष्ट्रपतियों चार्ल्स मिशेल और उर्सुला वॉन डेर लेयन के साथ भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के लिए एक आभासी बातचीत की है.

भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) संतुलित, महत्वाकांक्षी और समग्र व्यापार समझौता के लिए वार्ता बहाल करने पर सहमत हुए. मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ स्टैंड-अलोन निवेश संरक्षण समझौता पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हुए.

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