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एनटीपीसी की तेलंगाना में 100 मेगावॉट क्षमता की सौर परियोजना का परिचालन शुरू - 100 मेगावॉट क्षमता सौर परियोजना तेलंगाना

नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की रामगुंडम जलक्षेत्र की 100 मेगावॉट क्षमता वाली सौर परियोजना का परिचलन पूरी तरह से शुरू हो गया है. इससे दक्षिण में सौर क्षमता का वाणिज्यिक संचालन बढ़कर 217 मेगावाट हो गया है.

India largest floating power project ramagundam
100 मेगावॉट क्षमता सौर परियोजना रामगुंडम
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Published : Jul 1, 2022, 10:47 PM IST

नई दिल्ली: तेलंगाना के रामगुंडम जलक्षेत्र में एनटीपीसी की 100 मेगावॉट क्षमता की सौर फोटोवोल्टिक परियोजना का परिचालन पूरी तरह से शुरू हो गया है. कंपनी ने शुक्रवार को एक सूचना में बताया कि, 'तेलंगाना के रामगुंडम जलक्षेत्र स्थित 100 मेगावॉट की सौर परियोजना का 20 मेगावॉट क्षमता वाले अंतिम हिस्से का परिचालन भी शुरू हो गया है.' इसके साथ ही एनटीपीसी की एकल आधार पर स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता 54,769.20 मेगावॉट हो गई, वहीं समूह की क्षमता 69,134.20 मेगावॉट पहुंच गई है.

इस परियोजना के साथ दक्षिण में फ्लोटिंग सौर क्षमता का कुल वाणिज्यिक संचालन बढ़कर 217 मेगावाट हो गया है. इससे पहले, एनटीपीसी ने कायमकुलम (केरल) में 92 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना और सिम्हाद्री (आंध्र प्रदेश) में 25 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना के वाणिज्यिक संचालन की घोषणा की थी. विद्युत मंत्रालय ने कहा कि रामगुंडम में 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना, उन्नत तकनीक के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से संपन्न है.

यह भी पढ़ें-Floating Solar Power Station: ओमकारेश्वर में बनेगी देश के सबसे बड़ी परियोजना, फ्लोटिंग सोलर सिस्टर पर काम शुरू, प्रदेश में लगेंगे और भी प्रोजेक्ट

बताया गया कि ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) अनुबंध के रूप में भेल के माध्यम से 423 करोड़ रुपये के वित्तीय निहितार्थ के साथ निर्मित यह परियोजना, जलाशय के 500 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है जो 40 ब्लॉकों में विभाजित है, जिसके प्रत्येक ब्लॉक की क्षमता 2.5 मेगावाट है. पर्यावरण की दृष्टि से, फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का सबसे स्पष्ट लाभ न्यूनतम भूमि की आवश्यकता है. इसके कारण, जहां प्रति वर्ष 1,65,000 टन कोयले की खपत से बचा जा सकता है, वहीं प्रति वर्ष 2,10,000 टन के कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन से भी बचा जा सकता है.

नई दिल्ली: तेलंगाना के रामगुंडम जलक्षेत्र में एनटीपीसी की 100 मेगावॉट क्षमता की सौर फोटोवोल्टिक परियोजना का परिचालन पूरी तरह से शुरू हो गया है. कंपनी ने शुक्रवार को एक सूचना में बताया कि, 'तेलंगाना के रामगुंडम जलक्षेत्र स्थित 100 मेगावॉट की सौर परियोजना का 20 मेगावॉट क्षमता वाले अंतिम हिस्से का परिचालन भी शुरू हो गया है.' इसके साथ ही एनटीपीसी की एकल आधार पर स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता 54,769.20 मेगावॉट हो गई, वहीं समूह की क्षमता 69,134.20 मेगावॉट पहुंच गई है.

इस परियोजना के साथ दक्षिण में फ्लोटिंग सौर क्षमता का कुल वाणिज्यिक संचालन बढ़कर 217 मेगावाट हो गया है. इससे पहले, एनटीपीसी ने कायमकुलम (केरल) में 92 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना और सिम्हाद्री (आंध्र प्रदेश) में 25 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना के वाणिज्यिक संचालन की घोषणा की थी. विद्युत मंत्रालय ने कहा कि रामगुंडम में 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना, उन्नत तकनीक के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से संपन्न है.

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बताया गया कि ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) अनुबंध के रूप में भेल के माध्यम से 423 करोड़ रुपये के वित्तीय निहितार्थ के साथ निर्मित यह परियोजना, जलाशय के 500 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है जो 40 ब्लॉकों में विभाजित है, जिसके प्रत्येक ब्लॉक की क्षमता 2.5 मेगावाट है. पर्यावरण की दृष्टि से, फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का सबसे स्पष्ट लाभ न्यूनतम भूमि की आवश्यकता है. इसके कारण, जहां प्रति वर्ष 1,65,000 टन कोयले की खपत से बचा जा सकता है, वहीं प्रति वर्ष 2,10,000 टन के कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन से भी बचा जा सकता है.

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