नई दिल्ली: भारत के रासायनिक निर्यात में पिछले सात वर्षों के दौरान सौ प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है. जबकि बीते वित्तीय वर्ष में रासायनिक निर्यात $ 29 बिलियन से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है, नवीनतम आधिकारिक डेटा दिखाया गया है. 2021-22 में, भारत के व्यापारिक निर्यात ने 418 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और देश ने 29.29 अरब डॉलर के रसायनों का निर्यात किया, 2013-14 के दौरान निर्यात किए गए रसायनों की तुलना में 106% की वृद्धि हुई, जब यह 14.21 बिलियन डॉलर था.
अधिकारियों के मुताबिक, ऑर्गेनिक, अकार्बनिक केमिकल्स, एग्रोकेमिकल्स, डाई और डाई इंटरमीडिएट्स, स्पेशलिटी केमिकल्स के शिपमेंट में बढ़ोतरी के कारण केमिकल्स एक्सपोर्ट में ग्रोथ हुआ है. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारतीय रासायनिक उद्योग एक वैश्विक स्तर खिलाड़ी बन कर उभरा है क्योंकि देश दुनिया में रसायनों का छठा सबसे बड़ा उत्पादक और एशिया में रसायनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है. रसायनों के निर्यातक के रूप में भारत वर्तमान में 14वें स्थान पर है. वर्तमान में भारत दुनिया में रंगों का प्रमुख उत्पादक है और वस्तु के वैश्विक निर्यात में लगभग 16-18% का योगदान है. भारतीय डाई 90 से अधिक देशों में निर्यात की जाती है.
एग्रोकेमिकल्स के अग्रणी उत्पादक: नवीनतम उत्पादन आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया में कृषि रसायनों का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और दुनिया में आधे से अधिक तकनीकी ग्रेड के कीटनाशकों का निर्माण करता है. भारत अपने कृषि रसायन उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा अन्य देशों को निर्यात करता है. भारत दुनिया में अरंडी के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक भी है और इसमें में कुल वैश्विक निर्यात के लगभग 85-90% के लिए भारत जिम्मेदार है.
वैश्विक खरीदार आधार: इन दिनों भारतीय रसायनों का निर्यात 175 से अधिक देशों में किया जाता है. इसमें अमेरिका और चीन सहित दुनिया के शीर्ष देश भी शामिल हैं. इनके अलावा भारत नए बाजारों जैसे तुर्की, रूस और उत्तर पूर्व एशियाई देशों और बाजारों (हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, मकाओ और मंगोलिया) को रसायनों की आपूर्ति करता है. अधिकारियों ने कहा कि निरंतर प्रयास के माध्यम से रासायनिक निर्यात में वृद्धि हासिल की गई है. उदाहरण के लिए, CHEMEXCIL द्वारा मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव स्कीम के तहत ग्रांट इन एड (Grant in Aid) का उपयोग करके, विभिन्न देशों में B2B प्रदर्शनियों का आयोजन करके, उत्पाद-विशिष्ट और मार्केटिंग अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करके, वित्तीय सहायता प्रदान करके एवं भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी के बाद यह संभव हुआ है. इसके अलावा विदेशी उत्पाद पंजीकरण में वैधानिक अनुपालन में दी गई सुविधा भी शामिल है.
अधिकारियों ने कहा कि उच्च माल ढुलाई दरों और अन्य चीजों के बीच कंटेनर की कमी जैसी लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद यह निर्यात वृद्धि हासिल की गई है. रासायनिक उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के छोटे और मध्यम निर्यातकों को लाभ हुआ है. पिछले कुछ वर्षों में भारत का रासायनिक उद्योग एक आधुनिक विश्व स्तरीय रासायनिक उद्योग के रूप में उभरने के लिए नए अणुओं, प्रौद्योगिकी में नवाचारों, उत्पाद प्रोफ़ाइल और गुणवत्ता के माध्यम से आधुनिकीकरण कर रहा है.
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