नई दिल्ली : भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के ओटीटी प्लेटफॉर्म विडली टीवी की वेबसाइट, 2 मोबाइल एप्लिकेशन, 4 सोशल मीडिया अकाउंट और 1 स्मार्ट टीवी एप को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए. इसने हाल ही में एक वेब-श्रृंखला जारी की थी जिसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बताया गया.
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IB Ministry issued directions for blocking of website, 2 mobile applications, 4 social media accounts& 1 smart TV app of Pak-based OTT Platform Vidly TV. It had recently released a web-series which was found to be detrimental to national security, sovereignty & integrity of India
— ANI (@ANI) December 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 12, 2022
सरकार ने सोमवार को वेब श्रृंखला 'सेवक: द कन्फेशंस' की स्ट्रीमिंग के बाद पाकिस्तान स्थित ओटीटी प्लेटफॉर्म विडली टीवी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया. सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने कहा, 'सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आईटी नियम 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए, 12 दिसंबर, 2022 को पाकिस्तान स्थित ओटीटी की वेबसाइट, दो मोबाइल एप, चार सोशल मीडिया अकाउंट और एक स्मार्ट टीवी एप को तत्काल ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं.'
उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान स्थित विडली टीवी के खिलाफ सरकार की कार्रवाई वेब श्रृंखला 'सेवक: द कन्फेशंस' के कारण हुई है राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक थी.'
कंचन गुप्ता ने कहा 'इस असत्य वेब-श्रृंखला को पाकिस्तान के सूचना संचालन तंत्र द्वारा प्रायोजित किया गया था. तीन एपिसोड में से पहला 26 नवंबर, 2022 को 2008 में मुंबई पर हुए पाकिस्तानी आतंकी हमले की सालगिरह पर जारी किया गया था.
मंत्रालय के मुताबिक, वेब सीरीज में ऑपरेशन ब्लू स्टार और उसके परिणाम, अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस, ग्राहम स्टेंस नामक एक ईसाई मिशनरी की हत्या, मालेगांव विस्फोट, समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, सतलुज यमुना लिंक नहर से संबंधित अंतर-राज्यीय नदी जल विवादों को भी तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है.
इसके अलावा मंत्रालय ने पाया कि इस वेब सीरीज के जरिए भारत के प्रति सिख समुदाय के बीच अलगाववाद, असंतोष और मोहभंग को बढ़ावा देने की कोशिश है.
गौरतलब है कि पिछले साल जून में भारत ने राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरे को ध्यान में रखते हुए व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टिकटॉक, वीचैट और हेलो सहित 59 चीनी मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था. 29 जून के आदेश में प्रतिबंधित किए गए अधिकांश एप को खुफिया एजेंसियों ने खतरा बताया था. वह लोगों का डेटा एकत्र कर रहे थे और संभवत: उन्हें 'बाहर' भी भेज रहे थे.
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(ANI)