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Austra Hind 22: भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के ऑस्ट्रा हिंद युद्धाभ्यास में दिखा दमखम

भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास 'ऑस्ट्रा हिंद 2022' के तहत (India Australia joint military exercise in Bikaner) शनिवार को युद्धाभ्यास हुआ. अभ्यास का समापन रविवार को होगा. यह दोनों सेनाओं के सभी शस्त्र और सेवा दलों की भागीदारी का पहला अभ्यास है. दोनों सेनाओं के जवानों ने प्रशिक्षण के दौरान एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा किया.

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सेनाओं के ऑस्ट्रा हिंद युद्धाभ्यास में दिखा दमखम.
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Published : Dec 10, 2022, 9:05 PM IST

भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के ऑस्ट्रा हिंद युद्धाभ्यास में दिखा दमखम.

बीकानेर. यूनाइटेड नेशन के मिशन के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हर वर्ष संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास करने का फैसला किया है. जिसकी पहली कड़ी के तहत पहला युद्धाभ्यास भारत में (joint Military Exercises of India and Australia) हुआ. बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पहला युद्धाभ्यास रविवार को सम्पन्न होगा. यह अभ्यास दोनों देशों में बारी-बारी से होगा, यानी एक वर्ष भारत में तो दूसरे वर्ष ऑस्ट्रेलिया में.

'ऑस्ट्रा हिंद 22' में ऑस्ट्रेलिया की 13 ब्रिगेड के सैकंड डिवीजन के 60 सैनिक और भारत की डोगरा रेजीमेंट के 60 जवान युद्धाभ्यास कर रहे हैं. एक रेक्स्यू ऑपरेशन में दो अपराधियों को सुरक्षित रणनीतिक कौशल और युद्ध कौशल के साथ ही तकनीक के साथ सुरक्षित छुड़ाते हुए दोनों सेनाओं के जवानों ने युद्ध अभ्यास में अपनी दक्षता का परिचय दिया. वहीं युद्धाभ्यास में प्रशिक्षित श्वान का आतंकियों को पकड़ने में इस्तेमाल किया गया.

पढ़ें: धोरों की जमीन पर भारतीय सेना ने किया युद्धाभ्यास, हवाई हमले और टैंकों से दुष्मन के ठिकानों को किया ध्वस्त

आधुनिक तकनीक और हथियारों के साथ दोनों देशों के सैनिकों ने एकीकृत प्रणाली के तहत एक दूसरे की तकनीक, संरचनात्मक ढांचे, युद्ध की प्रक्रिया और अनुभव को साझा करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त किया है. डोगरा रेजीमेंट के ब्रिगेडियर एसपीएस रावत ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह के युद्धाभ्यास से दोनों देशों को फायदा होगा. वहीं ऑस्ट्रेलिया सेना के कंपनी कमांडर निकोलस रूटीन ने कहा कि पहली बार भारतीय सेना के साथ द्विपक्षीय युद्धाभ्यास से हमें लाभ हुआ है और भारतीय सेना के डोगरा रेजीमेंट का सहयोग बेहतर रहा.

पढ़ें: संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ 7 : एअर मार्शल चौधरी बोले, वायुसेना को नई पीढ़ी के लड़ाकू जहाजों की तत्काल जरूरत

दरअसल इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना, एक-दूसरे की उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को अपनाना और अर्ध-रेगिस्तानी इलाके के कई क्षेत्रों में अभियान चलाते वक्त एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाना है. डोगरा रेजीमेंट के कंपनी कमांडर मेजर रोहित ने कहा कि यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने के अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा. वहीं इस युद्धाभ्यास में आस्ट्रेलिया सेना की महिला सैनिकों ने भी हिस्सा लिया. आस्ट्रेलिया सेना की जवान ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक ऐसा मौका है जिसके सहभागी बनकर हम उत्साहित हैं.

भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के ऑस्ट्रा हिंद युद्धाभ्यास में दिखा दमखम.

बीकानेर. यूनाइटेड नेशन के मिशन के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हर वर्ष संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास करने का फैसला किया है. जिसकी पहली कड़ी के तहत पहला युद्धाभ्यास भारत में (joint Military Exercises of India and Australia) हुआ. बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पहला युद्धाभ्यास रविवार को सम्पन्न होगा. यह अभ्यास दोनों देशों में बारी-बारी से होगा, यानी एक वर्ष भारत में तो दूसरे वर्ष ऑस्ट्रेलिया में.

'ऑस्ट्रा हिंद 22' में ऑस्ट्रेलिया की 13 ब्रिगेड के सैकंड डिवीजन के 60 सैनिक और भारत की डोगरा रेजीमेंट के 60 जवान युद्धाभ्यास कर रहे हैं. एक रेक्स्यू ऑपरेशन में दो अपराधियों को सुरक्षित रणनीतिक कौशल और युद्ध कौशल के साथ ही तकनीक के साथ सुरक्षित छुड़ाते हुए दोनों सेनाओं के जवानों ने युद्ध अभ्यास में अपनी दक्षता का परिचय दिया. वहीं युद्धाभ्यास में प्रशिक्षित श्वान का आतंकियों को पकड़ने में इस्तेमाल किया गया.

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आधुनिक तकनीक और हथियारों के साथ दोनों देशों के सैनिकों ने एकीकृत प्रणाली के तहत एक दूसरे की तकनीक, संरचनात्मक ढांचे, युद्ध की प्रक्रिया और अनुभव को साझा करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त किया है. डोगरा रेजीमेंट के ब्रिगेडियर एसपीएस रावत ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह के युद्धाभ्यास से दोनों देशों को फायदा होगा. वहीं ऑस्ट्रेलिया सेना के कंपनी कमांडर निकोलस रूटीन ने कहा कि पहली बार भारतीय सेना के साथ द्विपक्षीय युद्धाभ्यास से हमें लाभ हुआ है और भारतीय सेना के डोगरा रेजीमेंट का सहयोग बेहतर रहा.

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दरअसल इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना, एक-दूसरे की उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को अपनाना और अर्ध-रेगिस्तानी इलाके के कई क्षेत्रों में अभियान चलाते वक्त एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाना है. डोगरा रेजीमेंट के कंपनी कमांडर मेजर रोहित ने कहा कि यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने के अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा. वहीं इस युद्धाभ्यास में आस्ट्रेलिया सेना की महिला सैनिकों ने भी हिस्सा लिया. आस्ट्रेलिया सेना की जवान ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक ऐसा मौका है जिसके सहभागी बनकर हम उत्साहित हैं.

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