नई दिल्ली: अफगानिस्तान में बिगड़ते मानवीय हालात और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की तत्काल अपील को देखते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (UNWFP) के तहत 47 हजार 500 मीट्रिक टन गेहूं की सहायता प्रदान की है. इसके अलावा भारत ने अफगान लोगों के लिए चिकित्सा और खाद्य सहायता सहित मानवीय सहायता की आपूर्ति जारी रखी है.
इस बारे में जानकारी देते हुए सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत ने अफगानिस्तान में गेहूं के आंतरिक वितरण के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएनडब्ल्यूएफपी) के साथ साझेदारी की है. इसी के तहत भारत ने 47,500 मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति की है. सूत्रों के मुताबिक गेहूं को चाबहार बंदरगा के माध्यम से भेजा जा रहा है और अफगानिस्तान के हेरा में इसे यूएनडब्ल्यूएफपी को सौंपा जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार के उदार योगदान को यूएनडब्ल्यूएफपी सहित अफगानिस्तान में संबंधित हितधारकों ने स्वीकार किया है.
इस संबंध में यूएनडब्ल्यूएफपी ने ट्वीट कर बताया है कि इस वर्ष की पहली छमाही में अफगानिस्तान में 16 मिलियन लोगों को डब्ल्यूएफपी से जीवन रक्षक भोजन प्राप्त हुआ. उसने कहा कि हम भारत जैसे उदार दानदाताओं के आभारी हैं जिन्होंने ऐसा संभव बनाया. यह ध्यान रखना अहम है कि चिकित्सा सहायता के मामले में भारत ने अब तक लगभग 200 टन चिकित्सा सहायता की आपूर्ति की है जिसमें आवश्यक दवाएं, कोविड टीके, टीबी निरोधी दवाएं और मेडिकल और सर्जिकल सामानों के अलावा अन्य वस्तुएं शामिल हैं. इन सामग्रियों को इंदिरा गांधी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, काबुल के अधिकारियों को सौंप दिया गया.
इतना ही नहीं भारत ने हबीबिया स्कूल, काबु के लिए भी अपना सहयोग जारी रखते हुए प्राथमिक छात्रों के लिए सर्दियों के कपड़े और स्टेशनरी वस्तुओं की सहायता भेजी है. सूत्रों के अनुसार, हाल ही में भारत ने विशेषकर महिलाओं के कल्याण के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए अफगानिस्तान में ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) के साथ भी साझेदारी की है. इस साझेदारी के तहत, भारत ने यूएनओडीसी काबुल को महिला स्वच्छता किट और कंबल और चिकित्सा सहायता की 1100 इकाइयों की आपूर्ति की है. इन वस्तुओं का उपयोग यूएनओडीसी द्वारा अफगानिस्तान भर में अपने महिला नशा पुनर्वास शिविरों में किया जाएगा. इसके लिए भारत चिकित्सा सहायता भी प्रदान करेगा.
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