नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar chief minister Nitish Kumar) द्वारा 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए विपक्षी गठबंधन की गति धीमी होने की चिंता व्यक्त करने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि पांच विधानसभा चुनावों के बाद एक 'इंडिया' कार्य योजना शुरू करने के लिए तैयार है. इस संबंध में एआईसीसी पदाधिकारी सैयद नसीर हुसैन (AICC functionary Syed Naseer Hussain) ने कहा कि इंडिया गठबंधन की एक कार्य योजना पर मुंबई बैठक और बाद में समन्वय समिति की बैठक में चर्चा की गई.
उन्होंने कहा कि यह तैयार है और पांच विधानसभा चुनावों की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे लागू किया जाएगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इंडिया की कार्य योजना में विभिन्न राज्यों की राजधानियों में संयुक्त रैलियां, एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारा शामिल है. इससे इंडिया गठबंधन को भाजपा को हराने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि संयुक्त विरोध प्रदर्शन के लिए उठाए जाने वाले मुद्दों पर गठबंधन सहयोगियों के बीच आम सहमति है. इसमें मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना और चीनी सीमा पर घुसपैठ के अलावा एक सामाजिक कल्याण एजेंडा संचालित सीएमपी की आवश्यकता शामिल है. लेकिन इसमें सीटों का बंटवारा सबसे जटिल मुद्दा है.
बता दें कि इंडिया गठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को चिंता व्यक्त की कि गठबंधन धीमा चल रहा है क्योंकि कांग्रेस पांच विधानसभा चुनावों में व्यस्त है. वहीं इंडिया गठबंधन की 31 अगस्त और 1 सितंबर की मुंबई बैठक के बाद, समूह की 11 सदस्यीय समन्वय समिति ने 13 सितंबर को दिल्ली में बैठक की और अक्टूबर के पहले सप्ताह में भोपाल में एक संयुक्त रैली आयोजित करने का फैसला किया. हालांकि, बाद में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राज्य चुनावों का हवाला देते हुए विपक्षी गठबंधन की रैली रद्द कर दी.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक तीन दिसंबर को पांच राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम के नतीजे आने के बाद गठबंधन की पहली संयुक्त रैली अब पटना में हो सकती है. बिहार कांग्रेस प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार की टिप्पणियों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जल्द से जल्द पीएम मोदी को पद से हटाना चाहते हैं लेकिन ऐसा उचित समय पर ही होगा. उन्होंने बताया कि आखिरकार राज्य देश का निर्माण करते हैं. इसलिए, पांच राज्यों के चुनाव पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2024 सीट बंटवारे पर खुले दिमाग से चर्चा करना चाहती थी, लेकिन अपनी सौदेबाजी की शक्ति बढ़ाने के लिए भी उत्सुक थी.
उन्होंने कहा कि हम पांच राज्यों के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि हम मजबूत होकर उभरे तो सीट-बंटवारे के मामले में निश्चित रूप से हमारे पास अपने सहयोगियों के साथ बेहतर सौदेबाजी की स्थिति होगी. सीडब्ल्यूसी के एक सदस्य ने कहा कि सीट-बंटवारे की बातचीत प्रभावित हुई क्योंकि हमारा आलाकमान चुनाव प्रचार में व्यस्त था. गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन हाल ही में तनाव में आ गया जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सात सीटें नहीं दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और 46 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए. वहीं नीतीश कुमार की जद-यू भी मध्य प्रदेश में पांच उम्मीदवारों के नाम घोषित करते हुए मैदान में शामिल हो गई. एआईसीसी पदाधिकारी सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि पांच राज्यों के चुनावों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि वे 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से ठीक छह महीने पहले हो रहे हैं. जहां तक राज्यों में सीट बंटवारे का सवाल है, मुंबई बैठक में सहयोगियों के साथ किसी भी तरह की चर्चा नहीं हुई.
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