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CAPF Examination : सीएपीएफ में कांस्टेबल पदों के लिए हिंदी, अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में होगी परीक्षा

कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है, जिसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं. अब इसके प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओडिया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में तैयार किया जाएगा.

CAPF  Examination
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 15, 2023, 1:54 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने को मंजूरी दे दी है. एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा गया कि यह ऐतिहासिक निर्णय सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की संख्या बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर लिया गया है.

सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए सीएपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने को मंजूरी दे दी है.

पढ़ें : G20 Summit: गृह मंत्रालय ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की

हिंदी और अंग्रेजी के अलावा प्रश्नपत्र 13 क्षेत्रीय भाषाओं-असमिया, बांग्ला, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में मुहैया कराया जाएगा. इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शाह को पत्र लिखकर सीआरपीएफ कर्मियों की भर्ती के लिए तमिल को भी लिखित परीक्षा की भाषा के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया था. मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी.

पढ़ें : Agniveers Reservation: पूर्व अग्निवीरों के लिये सीआरपीएफ में कांस्टेबल के दस फीसदी पद आरक्षित - गृह मंत्रालय

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने को मंजूरी दे दी है. एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा गया कि यह ऐतिहासिक निर्णय सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की संख्या बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर लिया गया है.

सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए सीएपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने को मंजूरी दे दी है.

पढ़ें : G20 Summit: गृह मंत्रालय ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की

हिंदी और अंग्रेजी के अलावा प्रश्नपत्र 13 क्षेत्रीय भाषाओं-असमिया, बांग्ला, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में मुहैया कराया जाएगा. इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शाह को पत्र लिखकर सीआरपीएफ कर्मियों की भर्ती के लिए तमिल को भी लिखित परीक्षा की भाषा के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया था. मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी.

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(पीटीआई-भाषा)

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