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PM Modi Visit To Greece : विशेषज्ञों ने कहा- तुर्की पर दबाव बढ़ाने भारत का ग्रीस के साथ रणनीतिक साझेदारी विकसित करना अहम - PM Modi Visit To Greece

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि तुर्की पर दबाव बढ़ाने के लिए भारत की ग्रीस के साथ रणनीतिक साझेदारी विकसित करना महत्वपूर्ण है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

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Published : Aug 18, 2023, 4:45 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को ग्रीस की ऐतिहासिक राजनयिक यात्रा पर जाएंगे. 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा होगी. इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी ने ग्रीस का दौरा किया था. वास्तव में, पीएम मोदी की यात्रा भूमध्यसागरीय राष्ट्र के साथ भारत के गहरे जुड़ाव को दर्शाती है. हालांकि भारत और ग्रीस के बीच राजनयिक संबंध सैन्य सहयोग से परे हैं. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि जब कश्मीर और साइप्रस जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों की बात आती है तो दोनों देश अपने रुख पर एकमत होते हैं. वहीं ग्रीस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का भी समर्थन कर रहा है.

इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत के पूर्व राजदूत जीतेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा से तुर्की को एक संदेश जाएगा. क्योंकि वह भारत का प्रतिद्वंदी रहने के साथ ही हर मोर्चे पर खिलाफ रहा है. उन्होंने कहा कि तुर्की जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. लेकिन जब तुर्की में भूकंप से तबाह हो गया था तो भारत ने सबसे पहले उससे संपर्क किया लेकिन इसके बाद भी तुर्की ने पाकिस्तान के प्रति अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया. इस वजह से भारत को तुर्की पर दबाव बढ़ाने के लिए ग्रीस के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कांसुलर सेवा के अलावा तकनीकी और डिजिटल सहयोग को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.

दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के बाद वापसी में पीएम मोदी एथेंस जाएंगे जहां वह ग्रीस के पीएम क्यारीकोस मित्सोटाकिस से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों नेताओं का कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने का भी कार्यक्रम है. वहीं दोनों देश व्यापार और निवेश, शिपिंग, प्रवासन, संस्कृति और रक्षा सहयोग सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. दौरे में पीएम मोदी का भारतीय समुदाय को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है.

इसी कड़ी में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF), नई दिल्ली के उपाध्यक्ष प्रोफेसर हर्ष पंत ने कहा कि वर्षों की उपेक्षा के बाद ग्रीस के साथ भारत के संबंधों में हाल ही में गति देखी गई है. 40 साल बाद पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा इस बात का संकेत है कि भूमध्य सागर की लंबे समय तक अनदेखी के बाद भारत अब दुनिया के उन हिस्से में अपनी छाप छोड़ना चाहता है जो भू-राजनीतिक रूप से अहम है. और ये भू-आर्थिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी की यात्रा में भारत और ग्रीस के बीच रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर होंगे जिससे संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

प्रोफेसर पंत ने ने कहा कि कुछ मायनों में सांस्कृतिक, सभ्यतागत, ऐतिहासिक रूप से दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच एक अनूठा बंधन है जिसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है और पीएम मोदी निश्चित रूप से अपनी यात्रा के दौरान प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत और ग्रीस दोनों देशों के बीच कई वैश्विक मुद्दों पर विचार समान हैं. यही वजह है कि भारत के घरेलू मुद्दों विशेषकर कश्मीर पर ग्रीस का लगातार समर्थन और साइप्रस के मुद्दों पर ग्रीस को भारत का समर्थन इस बात का संकेत है कि दोनों पक्ष उस अभिसरण का निर्माण करना चाहते हैं. इस वजह से पीएम मोदी का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण होगा. इससे दोनों देशों के बीच मेलजोल को भी अधिक बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीस यात्रा भारत के यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करेगी. बता दें कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने वर्ष 2021 में ग्रीस का दौरा किया था. इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के विचार के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी. दरअसल, ग्रीस भारत से अधिक निवेश और प्रतिभा को आकर्षित करना चाहता है. इसी को देखते हुए दोनों देशों ने पिछले साल माइग्रेशन और मोबिल्टी पर हस्ताक्षर किए थे. पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा में यूक्रेन, अफगानिस्तान और तुर्की के साथ ग्रीस के विवाद सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी. उल्लेखनीय है कि चीन के साथ अपने मजबूत संबंधों के बावजूद, ग्रीस भारत के स्वतंत्र, समावेशी और खुले इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण को भी साझा करता है जो सभी के लिए कनेक्टिविटी और विकास पर केंद्रित है.

ये भी पढ़ें - PM Modi To Attend BRICS Summit : पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग जाएंगे

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को ग्रीस की ऐतिहासिक राजनयिक यात्रा पर जाएंगे. 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा होगी. इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी ने ग्रीस का दौरा किया था. वास्तव में, पीएम मोदी की यात्रा भूमध्यसागरीय राष्ट्र के साथ भारत के गहरे जुड़ाव को दर्शाती है. हालांकि भारत और ग्रीस के बीच राजनयिक संबंध सैन्य सहयोग से परे हैं. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि जब कश्मीर और साइप्रस जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों की बात आती है तो दोनों देश अपने रुख पर एकमत होते हैं. वहीं ग्रीस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का भी समर्थन कर रहा है.

इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत के पूर्व राजदूत जीतेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा से तुर्की को एक संदेश जाएगा. क्योंकि वह भारत का प्रतिद्वंदी रहने के साथ ही हर मोर्चे पर खिलाफ रहा है. उन्होंने कहा कि तुर्की जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. लेकिन जब तुर्की में भूकंप से तबाह हो गया था तो भारत ने सबसे पहले उससे संपर्क किया लेकिन इसके बाद भी तुर्की ने पाकिस्तान के प्रति अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया. इस वजह से भारत को तुर्की पर दबाव बढ़ाने के लिए ग्रीस के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कांसुलर सेवा के अलावा तकनीकी और डिजिटल सहयोग को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.

दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के बाद वापसी में पीएम मोदी एथेंस जाएंगे जहां वह ग्रीस के पीएम क्यारीकोस मित्सोटाकिस से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों नेताओं का कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने का भी कार्यक्रम है. वहीं दोनों देश व्यापार और निवेश, शिपिंग, प्रवासन, संस्कृति और रक्षा सहयोग सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. दौरे में पीएम मोदी का भारतीय समुदाय को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है.

इसी कड़ी में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF), नई दिल्ली के उपाध्यक्ष प्रोफेसर हर्ष पंत ने कहा कि वर्षों की उपेक्षा के बाद ग्रीस के साथ भारत के संबंधों में हाल ही में गति देखी गई है. 40 साल बाद पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा इस बात का संकेत है कि भूमध्य सागर की लंबे समय तक अनदेखी के बाद भारत अब दुनिया के उन हिस्से में अपनी छाप छोड़ना चाहता है जो भू-राजनीतिक रूप से अहम है. और ये भू-आर्थिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी की यात्रा में भारत और ग्रीस के बीच रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर होंगे जिससे संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

प्रोफेसर पंत ने ने कहा कि कुछ मायनों में सांस्कृतिक, सभ्यतागत, ऐतिहासिक रूप से दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच एक अनूठा बंधन है जिसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है और पीएम मोदी निश्चित रूप से अपनी यात्रा के दौरान प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत और ग्रीस दोनों देशों के बीच कई वैश्विक मुद्दों पर विचार समान हैं. यही वजह है कि भारत के घरेलू मुद्दों विशेषकर कश्मीर पर ग्रीस का लगातार समर्थन और साइप्रस के मुद्दों पर ग्रीस को भारत का समर्थन इस बात का संकेत है कि दोनों पक्ष उस अभिसरण का निर्माण करना चाहते हैं. इस वजह से पीएम मोदी का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण होगा. इससे दोनों देशों के बीच मेलजोल को भी अधिक बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीस यात्रा भारत के यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करेगी. बता दें कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने वर्ष 2021 में ग्रीस का दौरा किया था. इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के विचार के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी. दरअसल, ग्रीस भारत से अधिक निवेश और प्रतिभा को आकर्षित करना चाहता है. इसी को देखते हुए दोनों देशों ने पिछले साल माइग्रेशन और मोबिल्टी पर हस्ताक्षर किए थे. पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा में यूक्रेन, अफगानिस्तान और तुर्की के साथ ग्रीस के विवाद सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी. उल्लेखनीय है कि चीन के साथ अपने मजबूत संबंधों के बावजूद, ग्रीस भारत के स्वतंत्र, समावेशी और खुले इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण को भी साझा करता है जो सभी के लिए कनेक्टिविटी और विकास पर केंद्रित है.

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