मुंबई: मुंबई में गणेश उत्सव के अंतिम दिन रविवार रात नौ बजे तक शहर में अलग-अलग जगहों पर गणपति और माता गौरी की 19,779 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. स्थानीय निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के कारण इस बार लगातार दूसरे साल बेहद कड़ी पाबंदियों के साथ गणेश उत्सव मनाया गया. उन्होंने बताया कि विसर्जन के दौरान अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
सामान्य वर्षों में गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में गणपति पंडालों में भारी भीड़, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें नजर आती थीं, लेकिन पिछले दो वर्षों से उत्सव कुछ फीका सा है. इस साल गणेश उत्सव 10 सितंबर से शुरू हुआ था. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय ने गणपति विसर्जन के लिए शहर में 173 जगहों पर कृत्रिम झील बनाई हैं, इसके अलावा प्रतिमाएं एकत्र करने के लिए केन्द्र, सचल विसर्जन स्थल भी बनाए गए हैं. ये सारी व्यवस्थाएं कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए की गयी हैं.
उन्होंने बताया कि बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में 73 प्राकृतिक जल स्रोतों में गणपति विसर्जन की पूरी व्यवस्था की गयी है. रविवार रात नौ बजे तक सार्वजनिक मंडलों की 1910 प्रतिमाओं, निजी रूप से स्थापित गणेश जी की 17,623 प्रतिमाओं और माता गौरी की 246 प्रतिमाओं का विभिन्न स्थानों पर विसर्जन किया गया.
उन्होंने बताया कि इन प्रतिमाओं में से 710 सार्वजनिक पंडालों, 7761 निजी रूप से स्थापित प्रतिमाओं और माता गौरी की 95 प्रतिमाओं का विसर्जन कृत्रिम झीलों में किया गया. उन्होंने बताया कि बीएमसी ने विसर्जन को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक जल स्रोत वाले विसर्जन स्थलों पर 715 लाइफ गार्ड तैनात किए थे.
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स्थानीय निकाय ने 338 निर्मल कलश (जिनमें फूल आदि अन्य पूजन सामग्री एकत्र की जाती है), 182 निर्मल वाहन, 185 नियंत्रण कक्ष, 144 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों और 39 एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी.
पीटीआई-भाषा