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आईआईटी मद्रास ने शुरू किया गीष्मकालीन कार्यक्रम STEM - आईआईटी मद्रास गीष्मकालीन कार्यक्रम स्टेम

आईआईटी मद्रास द्वारा दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए गीष्मकालीन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक पहलुओं, अक्षय ऊर्जा और अनुप्रयुक्त गणित में तकनीकी विकास सहित बुनियादी विज्ञान के विषयों को कवर किया जाएगा.

IIT Madras
आईआईटी मद्रास
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Published : Jun 20, 2022, 10:41 PM IST

चेन्नई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) 20 से 25 जून 2022 तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) पर ग्रामीण स्कूली छात्रों के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसका उद्देश्य युवा छात्रों को वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के लिए रचनात्मक और नवीन सोच के लिए प्रेरित करना है. इसमें छात्रों को अंग्रेजी और तमिल में पढ़ाया जाएगा.

संस्थान इस कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से इसे पूरे भारत में ग्रामीण छात्रों के लिए उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. सोमवार को आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अन्बिल महेश ने कहा कि यह कार्यक्रम सरकारी स्कूल के छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन चाहते हैं कि छात्र सरकारी स्कूलों पर गर्व करें. यह कार्यक्रम छात्रों को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रेरित करेगा.

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छात्रों को दी जाने वाली किट

इसके साथ उन्होंने कहा कि विभाग ने इस कार्यक्रम के लिए छात्रों का चयन करते समय वंचित ब्लॉकों के छात्रों को महत्व दिया है. उन्होंने कहा, '100 छात्रों के साथ शुरू किया गया यह आउटरीच कार्यक्रम तो बस एक शुरुआत है जिसमें आगे और भी छात्रों को शामिल किया जाएगा.' साथ ही यह भी बताया कि कार्यक्रम में 70 प्रतिशत प्रैक्टिकल और शेष 30 प्रतिशत में उद्योग और शिक्षाविदों के विशेषज्ञ सदस्यों द्वारा लेक्चर शामिल होगा.

इस अवसर आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा कि कार्यक्रम के लिए हमने इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख विषय का चयन किया है, जो देश के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि यह IIT मद्रास द्वारा आयोजित किया जा रहा अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है. फिलहाल इस कार्यक्रम में 100 छात्र भाग ले रहे हैं लेकिन हमारा लक्ष्य एक लाख छात्रों तक पहुंचने का है. उन्होंने यह भी कहा कि हम इसमें कार्यशाला के दौरान किट उपलब्ध करा रहे हैं जिससे घर पर भी प्रैक्टिकल किया जा सकेगा. मेरी इच्छा है कि ये सभी 100 छात्र IIT मद्रास से डिग्री प्राप्त करें.

यह भी पढ़ें- IIT मद्रास के प्रोफेसर को सऊदी अरब का प्रतिष्ठित पुरस्कार, पानी को स्वच्छ करने की विकसित की तकनीक

इस ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के पहले बैच में ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में दसवीं के 100 छात्रों को शामिल किया गया है. इस कार्यक्रम में पर्यावरण और इलेक्ट्रॉनिक पहलुओं, अक्षय ऊर्जा और अनुप्रयुक्त गणित में तकनीकी विकास सहित बुनियादी विज्ञान के विषयों को कवर किया जाएगा. कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र अरियालुर, कुड्डालोर, धर्मपुरी, कल्लाकुरिची, कृष्णागिरी, पेरम्बलुर, सेलम, तिरुचिरापल्ली, तिरुवन्नामलाई और विल्लुपुरम जिलों से हैं.

चेन्नई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) 20 से 25 जून 2022 तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) पर ग्रामीण स्कूली छात्रों के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसका उद्देश्य युवा छात्रों को वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के लिए रचनात्मक और नवीन सोच के लिए प्रेरित करना है. इसमें छात्रों को अंग्रेजी और तमिल में पढ़ाया जाएगा.

संस्थान इस कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से इसे पूरे भारत में ग्रामीण छात्रों के लिए उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. सोमवार को आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अन्बिल महेश ने कहा कि यह कार्यक्रम सरकारी स्कूल के छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन चाहते हैं कि छात्र सरकारी स्कूलों पर गर्व करें. यह कार्यक्रम छात्रों को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रेरित करेगा.

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छात्रों को दी जाने वाली किट

इसके साथ उन्होंने कहा कि विभाग ने इस कार्यक्रम के लिए छात्रों का चयन करते समय वंचित ब्लॉकों के छात्रों को महत्व दिया है. उन्होंने कहा, '100 छात्रों के साथ शुरू किया गया यह आउटरीच कार्यक्रम तो बस एक शुरुआत है जिसमें आगे और भी छात्रों को शामिल किया जाएगा.' साथ ही यह भी बताया कि कार्यक्रम में 70 प्रतिशत प्रैक्टिकल और शेष 30 प्रतिशत में उद्योग और शिक्षाविदों के विशेषज्ञ सदस्यों द्वारा लेक्चर शामिल होगा.

इस अवसर आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा कि कार्यक्रम के लिए हमने इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख विषय का चयन किया है, जो देश के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि यह IIT मद्रास द्वारा आयोजित किया जा रहा अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है. फिलहाल इस कार्यक्रम में 100 छात्र भाग ले रहे हैं लेकिन हमारा लक्ष्य एक लाख छात्रों तक पहुंचने का है. उन्होंने यह भी कहा कि हम इसमें कार्यशाला के दौरान किट उपलब्ध करा रहे हैं जिससे घर पर भी प्रैक्टिकल किया जा सकेगा. मेरी इच्छा है कि ये सभी 100 छात्र IIT मद्रास से डिग्री प्राप्त करें.

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इस ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के पहले बैच में ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में दसवीं के 100 छात्रों को शामिल किया गया है. इस कार्यक्रम में पर्यावरण और इलेक्ट्रॉनिक पहलुओं, अक्षय ऊर्जा और अनुप्रयुक्त गणित में तकनीकी विकास सहित बुनियादी विज्ञान के विषयों को कवर किया जाएगा. कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र अरियालुर, कुड्डालोर, धर्मपुरी, कल्लाकुरिची, कृष्णागिरी, पेरम्बलुर, सेलम, तिरुचिरापल्ली, तिरुवन्नामलाई और विल्लुपुरम जिलों से हैं.

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