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आईआईटी कानपुर में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के इंजीनियर्स होंगे तैयार, मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन बना

देश के सभी संस्थानों में आईआईटी कानपुर (Kanpur iit) के अंदर पहली बार मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन (Mehta Family Center for Engineering and Medicine) बना है. इस सेंटर की स्थापना का मकसद देश में हेल्थकेयर इंडस्ट्री (Change in Healthcare Industry) में बड़ा बदलाव लाना है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 9, 2023, 10:04 PM IST

Updated : Nov 10, 2023, 9:28 AM IST

आईआईटी कानपुर में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के इंजीनियर्स होंगे तैयार

कानपुर: देश की जो हेल्थकेयर इंडस्ट्री है, उसमें एक बहुत बड़ी समस्या सामने आती रही है कि जो इंजीनियर्स होते हैं, उनकी बहुत ज्यादा कमी है. इस वजह से हर साल देश में औसतन 64 हजार करोड़ रुपये के चिकित्सीय उपकरणों का आयात किया जाता है. हालांकि, भविष्य में इस कमी को अब दूर करने के लिए आईआईटी कानपुर में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के इंजीनियर्स तैयार किए जाएंगे.
देश की सभी आईआईटी में आईआईटी कानपुर पहली ऐसी आईआईटी है, जहां मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन बन गया. इस सेंटर की स्थापना का मुख्य मकसद है, देश की हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव लाना. इसके लिए कवायद शुरू हो गई है.

पहला स्टेप होगा फैकल्टी हायर करना, फिर शुरू होगी पढ़ाई: अभी आईआईटी कानपुर में देश और दुनिया से छात्र इंजीनियरिंग, साइबर सिक्योरिटी समेत अन्य विषयों की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लेते हैं. अब, मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन (एमएफसीईएम) में छात्र मेडिसिन से जुड़ी पढ़ाई कर सकेंगे. इसके लिए पहले चरण में जहां फैकल्टी को हायर किया जाएगा, उसके बाद दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी. इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि एमटेक का कोर्स आगामी सत्र से शुरू करने की योजना बनी है. इसके अलावा हम पीएचडी स्टूडेंट को भी प्रवेश देंगे. सीटों की संख्या भी जल्द निर्धारित होगी.

तीन तरह के शोध होंगे: आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि इस सेंटर में तीन तरह के शोध कार्य भी किए जाएंगे. इनमें मॉलीक्यूलर मेडिसिन, रीजेनरेटेड मेडिसिन और डिजिटल मेडिसिन के क्षेत्र में शोध कार्य होगा. आईआईटी के कई वरिष्ठ प्रोफेसर इन तीन विधाओं में शोध कार्य कर चुके हैं. वह छात्रों और फैकल्टी की मदद करेंगे. इसके अलावा इस सेंटर में छात्र फैकल्टी मेंबर्स के साथ कई नवीन उपकरण भी बनाएंगे. मौजूदा समय में देश के अंदर 87 फीसदी उपकरणों का आयात दूसरे देशों से होता है.

यह भी पढ़ें: योगी कैबिनेट मीटिंग : 25 एकड़ की भूमि पर बनेगा मंदिर म्यूजियम, हुए कई और महत्वपूर्ण फैसले

यह भी पढ़ें: रामलला के स्वागत में सजी अयोध्या: दीपोत्सव में जुटेंगे 24 राज्यों के 2500 कलाकार, 21 लाख दीयों को बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

आईआईटी कानपुर में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के इंजीनियर्स होंगे तैयार

कानपुर: देश की जो हेल्थकेयर इंडस्ट्री है, उसमें एक बहुत बड़ी समस्या सामने आती रही है कि जो इंजीनियर्स होते हैं, उनकी बहुत ज्यादा कमी है. इस वजह से हर साल देश में औसतन 64 हजार करोड़ रुपये के चिकित्सीय उपकरणों का आयात किया जाता है. हालांकि, भविष्य में इस कमी को अब दूर करने के लिए आईआईटी कानपुर में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के इंजीनियर्स तैयार किए जाएंगे.
देश की सभी आईआईटी में आईआईटी कानपुर पहली ऐसी आईआईटी है, जहां मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन बन गया. इस सेंटर की स्थापना का मुख्य मकसद है, देश की हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव लाना. इसके लिए कवायद शुरू हो गई है.

पहला स्टेप होगा फैकल्टी हायर करना, फिर शुरू होगी पढ़ाई: अभी आईआईटी कानपुर में देश और दुनिया से छात्र इंजीनियरिंग, साइबर सिक्योरिटी समेत अन्य विषयों की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लेते हैं. अब, मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन (एमएफसीईएम) में छात्र मेडिसिन से जुड़ी पढ़ाई कर सकेंगे. इसके लिए पहले चरण में जहां फैकल्टी को हायर किया जाएगा, उसके बाद दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी. इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि एमटेक का कोर्स आगामी सत्र से शुरू करने की योजना बनी है. इसके अलावा हम पीएचडी स्टूडेंट को भी प्रवेश देंगे. सीटों की संख्या भी जल्द निर्धारित होगी.

तीन तरह के शोध होंगे: आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि इस सेंटर में तीन तरह के शोध कार्य भी किए जाएंगे. इनमें मॉलीक्यूलर मेडिसिन, रीजेनरेटेड मेडिसिन और डिजिटल मेडिसिन के क्षेत्र में शोध कार्य होगा. आईआईटी के कई वरिष्ठ प्रोफेसर इन तीन विधाओं में शोध कार्य कर चुके हैं. वह छात्रों और फैकल्टी की मदद करेंगे. इसके अलावा इस सेंटर में छात्र फैकल्टी मेंबर्स के साथ कई नवीन उपकरण भी बनाएंगे. मौजूदा समय में देश के अंदर 87 फीसदी उपकरणों का आयात दूसरे देशों से होता है.

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Last Updated : Nov 10, 2023, 9:28 AM IST
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