नई दिल्ली : मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. आईआईटी मुंबई को क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है. बुधवार को आईआईटी बॉम्बे के एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी. क्यूएस के संस्थापक और सीईओ, नुंजियो क्वाक्वेरेली ने आईआईटी बॉम्बे को अब तक की सर्वोच्च रैंक हासिल करने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस साल की रैंकिंग में 2900 संस्थानों को स्थान दिया है. इनमें 45 भारतीय विश्वविद्यालय हैं.
आईआईटी मुंबई ने अपने 2023 के प्रदर्शन में 23 स्थानों का सुधार किया
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग दुनिया भर के विश्वविद्यालय रैंकिंग का सालाना वार्षिक प्रकाशन है. इससे पहले, साल 2016 में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु ने 147वीं रैंकिंग के साथ अपनी सर्वोच्च रैंक हासिल की थी. आधिकारिक बयान के अनुसार, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आईआईटी बॉम्बे को भारत में पहला स्थान मिला है. यह पिछले साल के 177वें रैंक से काफी ऊपर बढ़कर इस साल 149वें रैंक पर पहुंच गया है. जिसका कुल स्कोर 100 में से 51.7 है. आईआईटी बॉम्बे को क्यूएस रैंकिंग में शीर्ष 150 में स्थान दिया गया है. कुल मिलाकर, संस्थान ने अपने 2023 के प्रदर्शन में 23 स्थानों का सुधार किया है.
क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालय | |||
नेशनल रैंक | 2024 रैंक | 2023 रैंक | संस्थान का नाम |
1 | 149 | 172 | आईआईटी, मुंबई |
2 | 197 | 174 | आईआईटी, दिल्ली |
3 | 225 | 155 | भारतीय विज्ञान संस्थान |
4 | 271 | 270 | आईआईटी, खड़गपुर |
5 | 278 | 264 | आईआईटी, कानपुर |
6 | 285 | 250 | आईआईटी, मद्रास |
7 | 364 | 384 | आईआईटी, गुवाहाटी |
8 | 369 | 369 | आईआईटी, रुड़की |
9 | 407 | 521-530 | दिल्ली-विश्वविद्यालय |
10 | 427 | 551-560 | अन्ना विश्वविद्यालय |
स्रोत : क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग |
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 45 भारतीय संस्थानों को जगह मिली
इस साल पहली बार क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 45 भारतीय संस्थानों को जगह मिली है. बयान में कहा गया है कि क्यूएस रैंकिंग में नौ पैरामीटर थे. इसमें वैश्विक स्तर पर नियोक्ता प्रतिष्ठा के पैमाने पर 69वीं रैंक के साथ आईआईटी बॉम्बे के लिए सबसे मजबूत होने का संकेत दिया. संस्थान को नियोक्ता प्रतिष्ठा में 81.9, प्रति संकाय डिस्टिक्शन में 73.1, शैक्षणिक प्रतिष्ठा में 55.5, रोजगार परिणाम में 47.4, स्थिरता में 54.9, संकाय-छात्र अनुपात में 18.9, अंतर्राष्ट्रीय संकाय में 4.7, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क में 8.5 अंक प्राप्त हुए हैं.
भारतीय विश्वविधालयों की रैंकिंग में नौ वर्षों के मुकाबले 297% की वृद्धि
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के पैमाने पर आईआईटी मुंबई को 100 में से 1.4 अंक मिले हैं. भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए, क्यूएस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इस वर्ष भारतीय विश्वविधालयों की रैंकिंग में नौ वर्षों के मुकाबले 297% की वृद्धि है.
क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग का 20वां संस्करण
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हम क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग का 20वां संस्करण लॉन्च कर रहे हैं. मैं प्रदर्शन में सुधार के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों को बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि वास्तव में भारतीय विश्वविद्यालयों में लगातार सुधार हो रहा है. हम देख रहे हैं कि आईआईटी और आईआईएस शीर्ष प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालय हैं. मैं विशेष रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालय होने के लिए आईआईटी बॉम्बे को बधाई देना चाहता हूं.
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प्रमुख ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को 780 रैंक हासिल करने और शीर्ष प्रदर्शन करने वाला भारतीय निजी विश्वविद्यालय बनने के लिए भी बधाई दी. उन्होंने कहा कि मैं 780 में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले भारतीय निजी विश्वविद्यालय के रूप में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को भी बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी विश्वदृष्टि रैंकिंग और क्यूएस रेटिंग सिस्टम और अन्य पहल उस गति को आगे बढ़ाती रहेंगी. हम आने वाले वर्षों में और अधिक भारतीय विश्वविद्यालयों को और भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए देखेंगे.
आईआईएससी 155वें रैंक से 70 स्थान गिरकर 225वें स्थान पर आ गया
हालांकि, सूची में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव भी देखा गया है. आईआईएससी 155वें रैंक से 70 स्थान गिरकर 225वें स्थान पर आ गया है. पिछले साल सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान होने की तुलना में अब यह तीसरा सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान बन गया है. इसी तरह, आईआईटी दिल्ली 174 से गिरकर 197, आईआईटी कानपुर 264 से 278 और आईआईटी मद्रास 250 से 285 पर आ गया.
तीन नये संकेतकों के जुड़ने से रैंकिंग में सुधार
यूके स्थित रैंकिंग एजेंसी, क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स ने आंशिक रूप से इस साल मूल्यांकन मापदंडों में संशोधन को उतार-चढ़ाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसने तीन नए संकेतक पेश किए - स्थिरता, रोजगार परिणाम और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क. तीन नए संकेतकों को समायोजित करने के लिए, क्यूएस ने अन्य मापदंडों को दिए गए महत्व में समायोजन किया. शैक्षणिक प्रतिष्ठा संकेतक को दिया जाने वाला महत्व 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. इसी प्रकार, संकाय छात्र अनुपात पर जोर भी 15% से घटाकर 10% कर दिया गया है. इसी तरह से नियोक्ता प्रतिष्ठा संकेतक के महत्व को 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है.
क्यों गिरी आईआईएससी की रैंकिंग
संकाय-छात्र अनुपात (एफएसआर) पर जोर कम करने से आईआईएससी जैसे संस्थानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. जो मुख्य रूप से आईआईटी की तुलना में एक शोध-केंद्रित संस्थान है. आईआईएससी एफएसआर संकेतक पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा था. वेटेज कम होने से इसकी रैंकिंग पर असर पड़ा है. हालांकि, QS प्रवक्ता के अनुसार यह एकमात्र कारक नहीं है जिसके कारण IISc की रैंकिंग में गिरावट आई है. QS प्रवक्ता के अनुसार आईआईएससी ने इस वर्ष संकाय छात्र अनुपात के अलावा कई संकेतकों में गिरावट देखी है. विशेष रूप से वैश्विक जुड़ाव (अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का अनुपात, अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क) पर ध्यान केंद्रित करने वाले संकेतकों में गिरावट देखी गई है. प्रति संकाय उद्धरणों और नियोक्ता प्रतिष्ठा में भी गिरावट आई है.
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आईआईटी मुंबई की सफलता का कारण
आईआईटी बॉम्बे के निदेशक, सुभासिस चौधरी के अनुसार, संस्थान की अनुसंधान उत्पादकता को महामारी लॉकडाउन के दौरान बढ़ावा मिला, जिसके परिणामस्वरूप उच्च प्रभाव वाली पत्रिकाओं में प्रकाशित कई शोध पत्र अब उद्धृत किए जा रहे हैं, जो बेहतर रैंकिंग में योगदान दे रहे हैं.
QS रैंकिंग में जगह बनाने वाली दुनिया की TOP 10 University | |||
university | देश | 2024 QS रैंकिंग | 2023 QS रैंकिंग |
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) | अमेरिका | 1 | 1 |
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय | यूनाइटेड किंगडम | 2 | 2 |
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय | यूनाइटेड किंगडम | 3 | 4 |
हॉर्वड विश्वविद्यालय | अमेरिका | 4 | 5 |
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय | अमेरिका | 5 | 3 |
इंपीरियल कॉलेज लंदन | यूनाइटेड किंगडम | 6 | 6 |
ETH ज्यूरिख (स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) | स्विट्जरलैंड | 7 | 9 |
सिंगापुर का राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनयूएस) | सिंगापुर | 8 | 11 |
यूसीएल (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन) | यूनाइटेड किंगडम | 9 | 8 |
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (यूसीबी) | अमेरिका | 10 | 27 |
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लगातार 12वीं बार टॉप पर
वैश्विक स्तर पर देखें तो अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) इस साल लगातार बारहवीं बार विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में शीर्ष पर है. इसके बाद यूके की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हैं. विशेष रूप से, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर (एनयूएस) पिछले साल रैंक 11 से तीन स्थान ऊपर चढ़कर शीर्ष 10 क्लब में शामिल होने वाला पहला एशियाई विश्वविद्यालय बन गया. तीन ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने शीर्ष 20 में जगह बनाई है. मेलबोर्न विश्वविद्यालय, 14वें स्थान पर (किसी भी ऑस्ट्रेलियाई संस्थान के लिए पहला), जबकि न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय और सिडनी विश्वविद्यालय दोनों 26 स्थान आगे बढ़कर क्रमश: 22वें और 19वें स्थान पर है. कुल मिलाकर, 10 अमेरिकी विश्वविद्यालय ने दुनिया के शीर्ष 20 संस्थानों में शामिल है. यूसी बर्कले ने लंबी अनुपस्थिति के बाद इस बार सर्वश्रेष्ठ 10 की सूची में वापसी की है. ETH ज्यूरिख ने लगातार सोलहवें वर्ष यूरोप में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का खिताब बरकरार रखा.
(एएनआई)