पुणे: सीबीआई ने पुणे शहर के राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को ₹8 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है. गुप्त सूचना पर सीबीआई की टीम ने छापामार कर आईएएस अनिल रामोद को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी रामोद मूल रूप से नांदेड़ के रहने वाले हैं और पिछले 2 साल से पुणे में एडिशनल डिविजनल कमिश्नर हैं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को यहां एक अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को भूमि अधिग्रहण मामले में आठ लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सीबीआई की विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय एजेंसी ने उनकी संपत्तियों पर छापे के दौरान ₹6 करोड़ नकद भी जब्त किए. आरोपी डॉ अनिल गणपत रामोद को पुणे संभाग में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के पद पर तैनात है.
डॉ. रामोद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के लिए पुणे, सतारा और सोलापुर जिलों के लिए 'मध्यस्थ' भी हैं. मामले में शिकायतकर्ता ने पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा और सोलापुर जिलों के कुछ किसानों का प्रतिनिधित्व किया, जो राजमार्ग परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित अपनी भूमि के लिए उच्च मुआवजे की मांग कर रहे थे. इस संबंध में उन्होंने रामोद से संपर्क किया था.
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रामोद ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से लगभग 1.25 करोड़ के बढ़े हुए मुआवजे के लिए 10 लाख रुपये की मांग की और आखिरकार 8 लाख रुपये पर समझौता हो गया. शिकायतकर्ता द्वारा सीबीआई से संपर्क करने के बाद एक जाल बिछाया गया. इस जाल में रामोद फंस गया. सीबीआई ने कहा कि उनके आधिकारिक आवास और पुणे में 3 जगहों पर निजी संपत्तियों पर भी तलाशी ली गई, जिसमें छह करोड़ रुपये नकद और उनके या उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 14 अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए. एजेंसी ने कहा कि आरोपी को आज (शनिवार) को शिवाजीनगर अदालत में पेश किया जाएगा.
(पीटीआई)