लखनऊ : दो दिन पहले अपर मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल पंजाब में गुरुदासपुर की सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी में अंदरखाने इस बात की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. फिलहाल गुरुदासपुर से फ़िल्म अभिनेता सनी देओल भाजपा के सांसद हैं. इससे पहले गुरुदासपुर सीट से कभी अपने जमाने के स्टार विनोद खन्ना भी सांसद रह चुके थे. ऐसे नवनीत सहगल का इस सीट पर क्या भविष्य है ये तो वक़्त ही बताएगा.
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Yesterday met the Hon’ble Chief Minister @myogiadityanath and thanked him for all the opportunity given by him to me to work for the development of the state and also support, guidance and leadership bestowed by him during my tenure with him. 🙏 pic.twitter.com/XnvO6l1XOc
— Navneet Sehgal (@navneetsehgal3) August 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गौरतलब है कि 31 जुलाई को रिटायर होने के बाद एक अगस्त की रात नवनीत सहगल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उनके द्वारा राज्य के विकास के लिए काम करने के लिए दिए गए अवसर और उनके साथ अपने कार्यकाल के दौरान दिए गए समर्थन, मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. इससे पहले भी कई अन्य आईएएस ऑफीसर भारतीय जनता पार्टी की ओर से राजनीति कर चुके हैं. वर्तमान में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और डॉ. हरदीप सिंह पुरी ब्यूरोक्रेसी में रहे. उत्तर प्रदेश में भी आईपीएस अधिकारी बृजलाल और उनके बाद असीम अरुण ने भी भाजपा की ओर से राजनीति की. वर्तमान में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा भी गुजरात के मुख्य सचिव रह चुके हैं.
नवनीत सहगल एक कामयाब आईएएस अफसर : देश की ब्यूरोक्रेसी में पहचान रखने वाले नवनीत सहगल करीब 25 साल की सर्विस के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए हैं. यूपी की अफसरशाही में नवनीत सहगल की कार्यशैली एक आक्रामक और बोल्ड अफसर के तौर पर पहचानी जाती रही है. लगातार सरकार उनको महत्वपूर्ण भूमिका में रखते हुए अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा कराती रही है. यही नहीं उत्तर प्रदेश के अलग-अलग खेल संघों में नवनीत सहगल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. सेवानिवृत्ति के बाद भी खेल प्रशासक के तौर पर सहगल अपना परचम बुलंद करते रहेंगे. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से शुरू हुई उनकी आईएएस पद की यात्रा अपर मुख्य सचिव खेल के महत्वपूर्ण पद पर जाकर समाप्त हुई है.
नवनीत सहगल की सबसे महत्वपूर्ण पहली पोस्टिंग उपाध्यक्ष हरिद्वार विकास प्राधिकरण की थी. कुछ समय बाद उनकी प्रतिभा का लोहा शासन मान चुका था. युवावस्था में ही वे संयुक्त सचिव गृह विभाग तक बना दिया गए. उत्तर प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और प्रधानमंत्री लखनऊ के सांसद अटल बिहारी वाजपेई थे तब वे लखनऊ के जिलाधिकारी जैसी महत्वपूर्ण भूमिका में थे. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की महत्वपूर्ण स्कीमों को अमलीजामा पहनाने के लिए उनको निदेशक सूडा का पद भी दिया गया था. अलग-अलग सरकारों के समय में नवनीत सहगल 12 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव भी रहे. धर्मार्थ सेवा विभाग और खादी ग्राम उद्योग जैसे विभागों में भी अपेक्षाकृत महत्वहीन भूमिका होने पर भी उन्होंने शानदार काम किया. प्रमुख सचिव सूचना के पद पर रहते हुए हुए पत्रकारों के प्रिय मित्र बने. यही नहीं अखिलेश यादव की सरकार में आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण में नवनीत सहगल की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती रही. खादी ग्राम उद्योग में उन्होंने खादी को उत्तर प्रदेश में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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