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IAS कैडर ट्रांसफर मामले में दो सप्ताह में NOC दे बंगाल सरकार : HC - Delhi high court

पश्चिम बंगाल कैडर की आईएएस अधिकारी लक्ष्मी भव्य तन्नीरु (IAS officer Lakshmi Bhavya Tanniru) के कैडर ट्रांसफर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को दो सप्ताह में लक्ष्मी के तमिलनाडु कैडर में ट्रांसफर के लिये एनओसी जारी करने का आदेश दिया.

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Published : Nov 18, 2021, 10:42 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वो पश्चिम बंगाल कैडर (West Bengal Cadre) की आईएएस अधिकारी लक्ष्मी भव्य तन्नीरु को तमिलनाडु कैडर में ट्रांसफर करने के लिए दो हफ्ते में अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करें. जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया.

लक्ष्मी का आईएएस के लिए 1 सितंबर 2015 को चयन हुआ था, जिसमें उन्हें पश्चिम बंगाल (West Bengal) कैडर आवंटित किया गया था. लक्ष्मी की शादी तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी राजा गोपाल सुंकारा (Raja Gopal Sunkara) से हुई. शादी के बाद लक्ष्मी ने पति के साथ रहने के लिए केंद्र सरकार से मांग की कि उनका कैडर पश्चिम बंगाल से ट्रांसफर कर तमिलनाडु किया जाए.

केंद्र सरकार (Central government) ने लक्ष्मी की मांग पर पश्चिम बंगाल सरकार से इसके लिए सहमति मांगी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने ऑफिसरों की कमी का हवाला देते हुए तमिलनाडु कैडर में ट्रांसफर की अर्जी खारिज कर दी. तमिलनाडु सरकार ने लक्ष्मी को अपने कैडर में लेने पर अपनी सहमति दे दी थी. तीन साल बाद लक्ष्मी ने अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिसंबर 2019 में दोबारा पश्चिम बंगाल सरकार से कैडर ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया. राज्य सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद लक्ष्मी ने कैट का रुख किया. कैट ने दो फरवरी को पश्चिम बंगाल सरकार के आवेदन पर दोबारा विचार करने का आदेश दिया. कैट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने फैसला नहीं लिया. जिसके बाद लक्ष्मी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

सुनवाई के दौरान लक्ष्मी की ओर से वकील अन्वेष मधुकर और प्राची निर्वाण ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कई आईएएस और आईपीएस अफसरों का कैडर ट्रांसफर किया है. राज्य सरकार याचिकाकर्ता का कैडर ट्रांसफर करने में भेदभाव कर रही है. राज्य सरकार के रुख की वजह से लक्ष्मी परिवार भी नहीं बसा पा रही हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस प्रमुख के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए राज्य में अफसरों की काफी कमी है. इसलिए वो लक्ष्मी का कैडर ट्रांसफर नहीं कर सकती है. कैडर ट्रांसफर करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है. कोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि लक्ष्मी ने 2016 में जब कैडर ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था, उस समय कोरोना नहीं था. अब जब हम महामारी से काफी हद तक उबर आए हैं इसीलिए इस दलील का कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल कैडर के कई ऑफिसरों का ट्रांसफर दूसरे राज्यों में किया गया है. इसी आधार पर लक्ष्मी का भी कैडर ट्रांसफर किया जाना चाहिए.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वो पश्चिम बंगाल कैडर (West Bengal Cadre) की आईएएस अधिकारी लक्ष्मी भव्य तन्नीरु को तमिलनाडु कैडर में ट्रांसफर करने के लिए दो हफ्ते में अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करें. जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया.

लक्ष्मी का आईएएस के लिए 1 सितंबर 2015 को चयन हुआ था, जिसमें उन्हें पश्चिम बंगाल (West Bengal) कैडर आवंटित किया गया था. लक्ष्मी की शादी तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी राजा गोपाल सुंकारा (Raja Gopal Sunkara) से हुई. शादी के बाद लक्ष्मी ने पति के साथ रहने के लिए केंद्र सरकार से मांग की कि उनका कैडर पश्चिम बंगाल से ट्रांसफर कर तमिलनाडु किया जाए.

केंद्र सरकार (Central government) ने लक्ष्मी की मांग पर पश्चिम बंगाल सरकार से इसके लिए सहमति मांगी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने ऑफिसरों की कमी का हवाला देते हुए तमिलनाडु कैडर में ट्रांसफर की अर्जी खारिज कर दी. तमिलनाडु सरकार ने लक्ष्मी को अपने कैडर में लेने पर अपनी सहमति दे दी थी. तीन साल बाद लक्ष्मी ने अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिसंबर 2019 में दोबारा पश्चिम बंगाल सरकार से कैडर ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया. राज्य सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद लक्ष्मी ने कैट का रुख किया. कैट ने दो फरवरी को पश्चिम बंगाल सरकार के आवेदन पर दोबारा विचार करने का आदेश दिया. कैट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने फैसला नहीं लिया. जिसके बाद लक्ष्मी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

सुनवाई के दौरान लक्ष्मी की ओर से वकील अन्वेष मधुकर और प्राची निर्वाण ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कई आईएएस और आईपीएस अफसरों का कैडर ट्रांसफर किया है. राज्य सरकार याचिकाकर्ता का कैडर ट्रांसफर करने में भेदभाव कर रही है. राज्य सरकार के रुख की वजह से लक्ष्मी परिवार भी नहीं बसा पा रही हैं.

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सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए राज्य में अफसरों की काफी कमी है. इसलिए वो लक्ष्मी का कैडर ट्रांसफर नहीं कर सकती है. कैडर ट्रांसफर करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है. कोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि लक्ष्मी ने 2016 में जब कैडर ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था, उस समय कोरोना नहीं था. अब जब हम महामारी से काफी हद तक उबर आए हैं इसीलिए इस दलील का कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल कैडर के कई ऑफिसरों का ट्रांसफर दूसरे राज्यों में किया गया है. इसी आधार पर लक्ष्मी का भी कैडर ट्रांसफर किया जाना चाहिए.

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