नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सेवा विभाग में सचिव पद पर तैनात IAS अधिकारी आशीष मोरे ने शुक्रवार को मंत्री सौरभ भारद्वाज पर धमकाने का आरोप लगाया. उन्होंने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, उपराज्यपाल कार्यालय से लेकर गृह मंत्रालय तक से शिकायत की है और सुरक्षा की मांग की है. बता दें, मोरे को हटाने के लिए केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा है, जो अभी लंबित है.
2005 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोरे ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को दी लिखित शिकायत में कहा है कि हमें जबरन दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया. मंत्री ने यहां तक कहा कि 'साइन कर, ऐसे कैसे नहीं साइन करेगा, तेरे को करना ही पड़ेगा. इसके बाद तेरा कैरियर खत्म. तेरी तो जिंदगी बर्बाद करके रखूंगा. इसी चिराग दिल्ली का रहने वाला हूं."
IAS ने की लिखित शिकायतः लिखित शिकायत में आशीष मोरे ने इसका भी जिक्र किया कि मुख्य सचिव के बारे में भी मंत्री ने अनाप-शनाप बोला. मंत्री ने कहा कि तुम्हारा चीफ सेक्रेट्री कहां भाग रहा है, जाओ तुम्हारे चीफ सेक्रेटरी को बताओ कि वह तुरंत आज ही बोर्ड की मीटिंग 4 बजे बुलाए और फाइल सबमिट करें. उन्होंने लिखा है कि जिस तरह की मंत्री ने असभ्य भाषा और धमकी दी है मानो उनसे हमारी कोई निजी दुश्मनी हों. जबकि हम अधिकारी के तौर पर अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को अभी तक नियमानुसार निभाते रहे हैं. आज तक किसी ने भी हमसे इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया है.
दस्तावेज पर साइन करने को कहाः IAS ने बताया कि 16 मई दोपहर 1:15 बजे उनके निजी सचिव ने बताया कि दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उन्हें अपनी सचिवालय स्थित सातवीं मंजिल के चेंबर में बुलाया है. जिसके तुरंत बाद वे उनके चेंबर में पहुंचे. वहां पर एक फाइल को लेकर मंत्री ने पूछा. तब उन्होंने बताया कि यह फाइल उनके पास नहीं है. जिसके बाद स्पेशल सेक्रेटरी को वहां बुलाया गया. उनसे भी फाइल के संबंध में पूछा. जब जाने की अनुमति मांगी तो जबरन एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया.
दिल्ली सचिवालय में 16 मई को मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा बुलाए जाने और उनके साथ बातचीत में जो कुछ भी हुआ उसका बिंदुवार विवरण देते हुए चार पन्ने की शिकायत पत्र आशीष मोरे ने मुख्य सचिव को भेज दी हैं और अपनी सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्विसेज को लेकर दिल्ली सरकार के पक्ष में आदेश आने के बाद आशीष मोरे पहले अधिकारी हैं, जिन्हें हटाने के आदेश मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिया था. हालांकि इस संबंध में अभी तक उपराज्यपाल यहां से हरी झंडी नहीं मिली है.