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वायुसेना का स्पेशल रेस्क्यू मिशन, कोरोना पॉजिटिव वैज्ञानिकों की हुई घर वापसी - special rescue mission

भारतीय वायुसेना को जैसे ही वैज्ञानिकों के समूह के बीच कोरोना वायरस के फैलने की जानकारी मिली, वैसे ही सेंट्रल एशिया में भारतीय दूतावास सक्रिय हो गया. भारतीय वायुसेना स्पेशल रेस्क्यू मिशन के तहत वैज्ञानिकों के समूह को वापस ले आई.

special rescue mission
स्पेशल रेस्क्यू मिशन
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Published : Nov 29, 2020, 6:36 PM IST

नई दिल्ली : पूरी दुनिया में अभी भी पूरी तरह से कोरोना महामारी का खतरा टला नहीं है, तेजी से अपने पैर पसारती इस महामारी ने दुनियाभर को अपनी चपेट में ले रखा है. वहीं, भारत के साथ-साथ समूचा विश्व कोरोना वैक्सीन की जुगत में लगा हुआ है. इसी बीच भारत सरकार की ओर से दूसरे देश में फंसे लोगों को वापस अपने देश में लाने का काम भी जारी है.

इसी क्रम में भारतीय वायु सेना (IAF) ने एक विशेष बचाव अभियान चलाया, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने वाले 50 भारतीय वैज्ञानिकों के एक समूह को वापस लाया गया. बता दें कि मध्य एशियाई देश से एक विशेष C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान में इन वैज्ञानिकों को लाया गया है.

वैज्ञानिकों के समूह को लाने की तैयारी
बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों के समूह के बीच कोरोनावायरस के फैलने की जानकारी जैसे ही मिली, उस देश में भारतीय दूतावास सक्रिय हो गया और वैज्ञानिकों के समूह को वहां से निकालने की तैयारी की जाने लगी. इस विषय पर तत्काल संबंधित सरकारी अधिकारियों ने भारतीय वायु सेना से संपर्क किया और उनसे पूछा कि क्या वैज्ञानिकों के उस समूह को वापस लाया जा सकता है, जिसमें कोरोना पॉजिटव मरीज भी शामिल थे.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल : प्रवासी पक्षियों ने बदला नाविकों का जीवन

जिसके तुरंत बाद, संबंधित एजेंसियों ने मध्य एशियाई गणराज्य में विमान भेजने के लिए सभी उचित मंजूरी ले ली. इस महीने के पहले सप्ताह में सी-17 विमान ने भारत से उड़ान भरी और लगभग नौ घंटे की उड़ान के बाद अपने गंतव्य पर पहुंचा.

सूत्रों की मानें, तो उस देश के हवाई अड्डे पर वहां के भारतीय अधिकारियों ने सुरक्षित रूप से वैज्ञानिकों के समूह को विमान में बैठाया. इसके साथ ही उन्होंने उन्हें निकालने के लिए सभी संभव सुविधाएं तैयार की हुई थीं.

घटनाक्रम की टिप्पणी करने से किया इनकार
जब विशेष मिशन और इसे अंजाम देने वाले कर्मियों के बारे में विवरण साझा करने के लिए कहा गया, तो भारतीय वायु सेना ने घटनाक्रम की टिप्पणी करने या पुष्टि करने से इनकार कर दिया. वहीं जिस संगठन के साथ वैज्ञानिक जुड़े थे, उसने भी बचाव मिशन और उसमें शामिल लोगों पर चर्चा करने से इनकार कर दिया.

सूत्रों के मुताबिक उस देश के भारतीय अधिकारियों ने वैज्ञानिकों को भारत लौटने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

नई दिल्ली : पूरी दुनिया में अभी भी पूरी तरह से कोरोना महामारी का खतरा टला नहीं है, तेजी से अपने पैर पसारती इस महामारी ने दुनियाभर को अपनी चपेट में ले रखा है. वहीं, भारत के साथ-साथ समूचा विश्व कोरोना वैक्सीन की जुगत में लगा हुआ है. इसी बीच भारत सरकार की ओर से दूसरे देश में फंसे लोगों को वापस अपने देश में लाने का काम भी जारी है.

इसी क्रम में भारतीय वायु सेना (IAF) ने एक विशेष बचाव अभियान चलाया, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने वाले 50 भारतीय वैज्ञानिकों के एक समूह को वापस लाया गया. बता दें कि मध्य एशियाई देश से एक विशेष C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान में इन वैज्ञानिकों को लाया गया है.

वैज्ञानिकों के समूह को लाने की तैयारी
बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों के समूह के बीच कोरोनावायरस के फैलने की जानकारी जैसे ही मिली, उस देश में भारतीय दूतावास सक्रिय हो गया और वैज्ञानिकों के समूह को वहां से निकालने की तैयारी की जाने लगी. इस विषय पर तत्काल संबंधित सरकारी अधिकारियों ने भारतीय वायु सेना से संपर्क किया और उनसे पूछा कि क्या वैज्ञानिकों के उस समूह को वापस लाया जा सकता है, जिसमें कोरोना पॉजिटव मरीज भी शामिल थे.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल : प्रवासी पक्षियों ने बदला नाविकों का जीवन

जिसके तुरंत बाद, संबंधित एजेंसियों ने मध्य एशियाई गणराज्य में विमान भेजने के लिए सभी उचित मंजूरी ले ली. इस महीने के पहले सप्ताह में सी-17 विमान ने भारत से उड़ान भरी और लगभग नौ घंटे की उड़ान के बाद अपने गंतव्य पर पहुंचा.

सूत्रों की मानें, तो उस देश के हवाई अड्डे पर वहां के भारतीय अधिकारियों ने सुरक्षित रूप से वैज्ञानिकों के समूह को विमान में बैठाया. इसके साथ ही उन्होंने उन्हें निकालने के लिए सभी संभव सुविधाएं तैयार की हुई थीं.

घटनाक्रम की टिप्पणी करने से किया इनकार
जब विशेष मिशन और इसे अंजाम देने वाले कर्मियों के बारे में विवरण साझा करने के लिए कहा गया, तो भारतीय वायु सेना ने घटनाक्रम की टिप्पणी करने या पुष्टि करने से इनकार कर दिया. वहीं जिस संगठन के साथ वैज्ञानिक जुड़े थे, उसने भी बचाव मिशन और उसमें शामिल लोगों पर चर्चा करने से इनकार कर दिया.

सूत्रों के मुताबिक उस देश के भारतीय अधिकारियों ने वैज्ञानिकों को भारत लौटने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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