इंफाल : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार को उनके आवास के बाहर एकत्र हुए लोगों के समर्थन को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने के फैसले पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने लोगों के एक वर्ग के कार्यों से आहत महसूस की थी. जातीय हिंसा झेल चुके राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकारें काफी प्रयास कर रही हैं.
बीरेन सिंह ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि लोगों ने उन पर अपना विश्वास दिखाया और इससे उन्हें लगा कि विश्वास खोने के बारे में उनके विचार गलत थे. सीएम सिंह ने कहा कि जनता के विश्वास के बिना कोई नेता नेता नहीं बन सकता. लोगों का समर्थन ही नेता बनता है, मुझे अच्छा लग रहा है कि जब मैं (सीएम हाउस से) बाहर निकला, तो सड़कों पर भारी भीड़ थी. उन्होंने कहा कि 'वे रोये और मुझ पर भरोसा जताया. इससे मेरी सोच गलत साबित हुई क्योंकि लोग अब भी मेरे समर्थन में खड़े थे. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस्तीफा न दूं. यदि वे मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन अगर वे मुझसे ऐसा नहीं करने को कहें तो मैं ऐसा नहीं करूंगा.'
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#WATCH | On his decision to finally not resign as the CM, Manipur CM N Biren Singh says, "A leader can't be a leader without public confidence. I feel good that after I stepped out (of the CM house), there was a huge crowd on the streets. They cried and showed me their trust in… pic.twitter.com/2YYcUvm2Ml
— ANI (@ANI) July 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 1, 2023#WATCH | On his decision to finally not resign as the CM, Manipur CM N Biren Singh says, "A leader can't be a leader without public confidence. I feel good that after I stepped out (of the CM house), there was a huge crowd on the streets. They cried and showed me their trust in… pic.twitter.com/2YYcUvm2Ml
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राज्य के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने का फैसला करने के कारणों के बारे में बताते हुए, बीरेन सिंह ने कहा कि उनके मन में संदेह पैदा हो गया क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार अपने सभी प्रयास कर रही थीं, लेकिन कुछ स्थानों पर पुतले जलाए गए और एक छोटे समूह ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया. बीरेन सिंह ने कहा कि '...इस सब के बीच, मैंने राज्य में कुछ स्थानों पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पुतले जलाए जाते और बीजेपी कार्यालय पर हमले का प्रयास देखा. केंद्र ने माईपुर (मणिपुर) के लिए क्या किया और हमने 5-6 साल में मणिपुर के लिए क्या किया. मुझे संदेह था कि क्या हमने लोगों का विश्वास खो दिया है. यह सोचकर मुझे बुरा लगता था, वहीं कुछ दिन पहले एक बाजार में मेरे खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया था जो मुझे अच्छा नहीं लगा था.
अपने इस्तीफे से संबंधित अटकलों को खारिज करते हुए एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि वह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा था कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा. वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की अटकलों के बीच उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए महिलाओं सहित बड़ी संख्या में समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हुए थे. इसी दौरान विधायक लीशांगथेम सुसींद्रो मैतेई ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा पत्र पढ़ा, जिसे उनके पास खड़ी महिला समर्थकों ने उसे फाड़ दिया और मुख्यमंत्री से पद नहीं छोड़ने का आग्रह किया था.
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#WATCH | When asked if an international organisation could have a role to play, in the violence in his state, Manipur CM N Biren Singh says, "...Manipur is a neighbour to Myanmar. There is China nearby. 398 km of our borders are porous, unguarded. There is Indian security force… pic.twitter.com/iVAh17bwQK
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हालांकि सीएम इंफाल में अपने आवास के बाहर भी आए थे और लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया था. वहीं स्थानीय लोग उनके समर्थन में आए और कहा कि वे नहीं चाहते कि बीरेन सिंह इस्तीफा दें. महिलाओं ने राज्यपाल पर पद नहीं छोड़ने का दबाव बनाते हुए उनके आवास की ओर जाने वाली सड़क को भी अवरुद्ध कर दिया था. एक स्थानीय ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में बहुत काम कर रहे हैं और उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए. मणिपुर के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि हम नहीं चाहते कि सीएम इस्तीफा दें, उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए. वह हमारे लिए बहुत काम कर रहे हैं. हम सीएम को समर्थन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'हम 2 महीने से उथल-पुथल की स्थिति में हैं. हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब भारत सरकार और मणिपुर सरकार इस संघर्ष को लोकतांत्रिक तरीके से हल करेगी. ऐसी स्थिति में अगर मणिपुर के सीएम इस्तीफा दे देते हैं, तो लोग यहां कैसे रहेंगे? हमारा नेतृत्व कौन करेगा? वह संघर्ष की शुरुआत से ही हमारा नेतृत्व कर रहे हैं. मैं नहीं चाहता कि वह इस्तीफा दें. हमें उन पर भरोसा है.'
राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री विपक्ष, खासकर कांग्रेस के लगातार निशाने पर हैं. पार्टी उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. बता दें कि मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा किया था और शांति बहाली के लिए कई उपायों की घोषणा की थी.
(एएनआई)