कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह 27 मई को नई दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेंगी और राज्य की समस्याओं को रेखांकित करेंगी. बनर्जी ने यह भी दावा किया कि पूर्ववर्ती योजना आयोग ने राज्यों को बोलने और मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच दिया था, लेकिन अब नीति आयोग की बैठकों में चर्चा करने के लिए केंद्र 'एजेंडा तय करता है'. उन्होंने कहा कि मैं (बैठक में) भाग लूंगी. राज्य के मुद्दों को रेखांकित करने के लिए कोई अन्य मंच नहीं है … भले ही मुझे अंत में ही बोलने की अनुमति क्यों न दी जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शायद मुझे सूर्यास्त के बाद और सबके बाद बोलने देंगे. फिर भी, मैं जाऊंगी. मैं पश्चिम बंगाल से संबंधित कई मामलों को बढ़ा रही हूं, और मैं इन्हें रेखांकित करूंगी. ममता बनर्जी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि वह 27 मई को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली जा रही हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि पहले योजना आयोग में हर राज्य को समान रूप से सुना जाता था. अब नीति आयोग को मीटिंग में जाकर 2 घंटे बैठना पड़ता है, लेकिन कोई आपको सुनने वाला नहीं है.
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ममता बनर्जी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरा चेहरा सूर्यास्त से पहले नहीं देखा जा सकता है. चूंकि राज्य का नाम पश्चिम बंगाल है, इसलिए मुझे अंत में बोलने का मौका मिलता है. वे यह भी तय करेंगे कि क्या चर्चा की जा सकती है. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि वह बंगाल के हितों से जुड़े मुद्दों पर नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि शायद मुझे सबसे अंत में कहने की इजाजत मिलेगी.
उनसे कर्नाटक के बाद के चुनाव में विपक्षी गठबंधन से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वह न तो जादूगर हैं और न ही ज्योतिषी. उसके पास यह देखने की क्षमता नहीं है कि भविष्य में क्या होने वाला है. जहां क्षेत्रीय शक्तियां मजबूत होती हैं, वहां भाजपा बिल्कुल सफल नहीं हो सकती. लोगों ने कर्नाटक में भाजपा के अहंकार के खिलाफ जनादेश दिया है.
हालांकि उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि हम तो कर्नाटक में उनका समर्थन कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी पश्चिम बंगाल में हर रोज हमारे खिलाफ खड़ी नजर आती है. यह नहीं चलेगा. यह सही नीति नहीं है. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में आप, बिहार में जदयू और राजद के साथ हैं. इसी तरह चेन्नई, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अन्य राज्य भी इसी तरह जाएंगे. उत्तर प्रदेश में अखिलेश का दबदबा रहेगा. उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रही हूं कि कांग्रेस वहां नहीं लड़ सकती. लेकिन सबको साथ लेकर चलना होगा. इसपर बात करनी होगी. हर कोई बीजेपी के खिलाफ लड़ाई के बारे में सोच रहा है. उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहिए.
(पीटीआई)