नई दिल्ली/श्रीनगर: सुप्रीम कोर्ट ने 'हैदरपोरा मुठभेड़' में मारे गए युवक आमिर माग्रे के पिता की उस याचिका पर 27 जून को सुनवाई करने पर शुक्रवार को सहमति जता दी, जिसमें उन्होंने अपने बेटे का शव कब्र से निकालकर अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंपने का अनुरोध किया है. जम्मू-कश्मीर के हैदरापोरा इलाके में पिछले साल नवंबर में आमिर माग्रे समेत चार युवकों को आतंकवादी बताकर कथित मुठभेड़ में मार गिराया गया था.
मृतक आमिर के पिता मोहम्मद लतीफ माग्रे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने माग्रे के बेटे का शव कब्र से निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में खंडपीठ ने इस पर रोक लगा दी थी. ग्रोवर ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जीवन भर सेना का समर्थन किया है और बेटे आमिर माग्रे का शव निकालने का एकमात्र मकसद अंतिम संस्कार करना है.
ग्रोवर ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा कि हर गुजरते दिन के साथ, शव को निकालना और मुश्किल होता जाएगा और शीर्ष अदालत के कई फैसले उनके पक्ष में हैं. पीठ ने याचिका की सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख मुकर्रर की.
श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में 15 नवंबर, 2021 को हुई मुठभेड़ में चार लोग मारे गए थे. एक ओर जहां पुलिस ने कहा था कि वे सभी आतंकवादी थे, तो दूसरी ओर पीड़ितों के परिजनों का दावा है कि मृतक निर्दोष थे. इन सभी के शव उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में दफनाये गए हैं.
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