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क्या आपका माेबाइल सुरक्षित है ? जानें कैसे बच सकते हैं हैकिंग से - खतरनाक है पेगासिस वायरस

देश में इस वक्त मोबाइल हैकिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. लोगों में यह चर्चा का विषय है कि उनका मोबाइल सुरक्षित है या नहीं. इस बारे में साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव का कहना है कि कुछ सावधानियां बरत कर इससे बचा जा सकता है.

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Published : Jul 20, 2021, 7:44 AM IST

नई दिल्ली : मोबाइल हैकिंग का मामला देश की संसद में तूल पकड़े हुए है. ऐसे में करोड़ों मोबाइल धारकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनका मोबाइल सुरक्षित है.

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव बताते हैं कि वायरस के जरिये आसानी से किसी भी मोबाइल को हैक किया जा सकता है. अगर हम कुछ सावधानी बरतें तो हमारा मोबाइल हैक करना मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा अगर आप किसी की अनुमति के बिना उसकी कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो वह भी अपराध है.

क्या आपका माेबाइल सुरक्षित है

बेहद खतरनाक है पेगासिस वायरस

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि पेगासिस एक बेहद खतरनाक वायरस है. इसकी कीमत करोड़ों रुपये है. इसका इस्तेमाल किसी भी देश की सरकार या बड़ी सुरक्षा एजेंसी ही करती है. इसके जरिये अगर किसी के मोबाइल को हैक किया जाएगा तो उसके लिए बचना बेहद ही मुश्किल होगा. यह हैकिंग WhatsApp या फेसबुक के जरिये की जाती है. इसमें कुछ सेकंड के लिए व्यक्ति का WhatsApp या फेसबुक हैक होता है. इसी दौरान पेगासिस वायरस उसके मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद हैकर आपके मोबाइल की सभी गतिविधियों पर नजर रख सकता है.

कॉल रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं कई एप

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि आज के समय में कई एप कॉल रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं. बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल कर सामने वाले शख्स से बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं. यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. अगर आप किसी से मोबाइल पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड करते हैं तो इसके लिए आपको उसकी अनुमति लेना अनिवार्य है. अगर आप बिना किसी अनुमति के कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो वह शख्स आपके खिलाफ पुलिस में शिकायत कर सकता है. इस अपराध के लिए आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की ले सकते हैं मदद

मोहित यादव ने बताया कि आम लोगों के लिए मोबाइल हैकिंग का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है. उन्हें इसका पता ही नहीं चलता कि उनका मोबाइल हैक हो रखा है. यह पता लगाने के लिए कुछ पेड एन्टी वायरस आते हैं. इनसे आपको इशारा मिलेगा कि आपका मोबाइल हैक हुआ है या नहीं. अगर आपको शक है कि आपका मोबाइल हैक हुआ है तो आप साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. वह आपके मोबाइल की जांच कर स्थिति आपके सामने स्पष्ट कर सकते हैं. इसके अलावा मोबाइल की फॉरेंसिक जांच से भी इसका पता लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें : क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

मोबाइल हैकिंग से ऐसे बचें :

  • अपने मोबाइल पर आने वाले अंजान लिंक को क्लिक न करें.
  • आपके मोबाइल पर कोई अंजान शख्स फोटो भेजे तो उस पर क्लिक न करें.
  • अपने WhatsApp या फेसबुक पर अंजान व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले उसके बारे में जानकारी कर लें.
  • अपने मोबाइल पर केवल आवश्यक इस्तेमाल होने वाले एप ही रखें.
  • किसी अंजान शख्स के कहने पर कोई एप अपने मोबाइल में इंस्टॉल न करें.
  • अंजान जगह का वाई-फाई इस्तेमाल न करें

नई दिल्ली : मोबाइल हैकिंग का मामला देश की संसद में तूल पकड़े हुए है. ऐसे में करोड़ों मोबाइल धारकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनका मोबाइल सुरक्षित है.

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव बताते हैं कि वायरस के जरिये आसानी से किसी भी मोबाइल को हैक किया जा सकता है. अगर हम कुछ सावधानी बरतें तो हमारा मोबाइल हैक करना मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा अगर आप किसी की अनुमति के बिना उसकी कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो वह भी अपराध है.

क्या आपका माेबाइल सुरक्षित है

बेहद खतरनाक है पेगासिस वायरस

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि पेगासिस एक बेहद खतरनाक वायरस है. इसकी कीमत करोड़ों रुपये है. इसका इस्तेमाल किसी भी देश की सरकार या बड़ी सुरक्षा एजेंसी ही करती है. इसके जरिये अगर किसी के मोबाइल को हैक किया जाएगा तो उसके लिए बचना बेहद ही मुश्किल होगा. यह हैकिंग WhatsApp या फेसबुक के जरिये की जाती है. इसमें कुछ सेकंड के लिए व्यक्ति का WhatsApp या फेसबुक हैक होता है. इसी दौरान पेगासिस वायरस उसके मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद हैकर आपके मोबाइल की सभी गतिविधियों पर नजर रख सकता है.

कॉल रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं कई एप

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि आज के समय में कई एप कॉल रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं. बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल कर सामने वाले शख्स से बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं. यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. अगर आप किसी से मोबाइल पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड करते हैं तो इसके लिए आपको उसकी अनुमति लेना अनिवार्य है. अगर आप बिना किसी अनुमति के कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो वह शख्स आपके खिलाफ पुलिस में शिकायत कर सकता है. इस अपराध के लिए आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की ले सकते हैं मदद

मोहित यादव ने बताया कि आम लोगों के लिए मोबाइल हैकिंग का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है. उन्हें इसका पता ही नहीं चलता कि उनका मोबाइल हैक हो रखा है. यह पता लगाने के लिए कुछ पेड एन्टी वायरस आते हैं. इनसे आपको इशारा मिलेगा कि आपका मोबाइल हैक हुआ है या नहीं. अगर आपको शक है कि आपका मोबाइल हैक हुआ है तो आप साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. वह आपके मोबाइल की जांच कर स्थिति आपके सामने स्पष्ट कर सकते हैं. इसके अलावा मोबाइल की फॉरेंसिक जांच से भी इसका पता लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें : क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

मोबाइल हैकिंग से ऐसे बचें :

  • अपने मोबाइल पर आने वाले अंजान लिंक को क्लिक न करें.
  • आपके मोबाइल पर कोई अंजान शख्स फोटो भेजे तो उस पर क्लिक न करें.
  • अपने WhatsApp या फेसबुक पर अंजान व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले उसके बारे में जानकारी कर लें.
  • अपने मोबाइल पर केवल आवश्यक इस्तेमाल होने वाले एप ही रखें.
  • किसी अंजान शख्स के कहने पर कोई एप अपने मोबाइल में इंस्टॉल न करें.
  • अंजान जगह का वाई-फाई इस्तेमाल न करें
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