ETV Bharat / bharat

कर्नाटक में तेंदुए को पकड़ने हनी ट्रैप पद्धति का उपयोग, रोजाना खर्च हो रहे 2.5 लाख रुपये

author img

By

Published : Aug 27, 2022, 8:53 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 9:08 PM IST

कर्नाटक के बेलगावी में तेंदुए को पकड़ने के लिए हनी ट्रैप पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं अन्य संसाधनों के जरिए तेंदुए को पकड़ने की कवायद में रोजाना ढाई लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. हालांकि अभी तक 40 लाख रुपये खर्च करने के बाद सफलता नहीं मिली है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Operation Honeytrap To catch Leopard
तेंदुए को पकड़ने हनी ट्रैप पद्धति का उपयोग

बेलगावी : कर्नाटक के बेलगावी में छिपे हुए तेंदुए को पकड़ने के लिए शुरू किया गया मेगा ऑपरेशन शनिवार को भी जारी रहा. हालांकि वन विभाग के द्वारा पिछले 22 दिनों से तेंदुए को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है लेकिन उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिली है. फिलहाल उसको पकड़ने के लिए 'हनी ट्रैप' पद्धति का भी सहारा लिया जा रहा है. दूसरी वन विभाग के इस अभियान में रोजाना करीब 2.50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस तरह अभी तक 40 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. वहीं इसके चलते एहतियात के तौर पर स्कूल बंद हैं.

वन, पुलिस विभाग के 200 से अधिक जवान इस अभियान में जुटे हुए हैं. टीम में शार्पशूटर, वन्यजीव कार्यकर्ता और विशेषज्ञ भी हैं. चूंकि टीम बेलगावी में गोल्फ क्लब के आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए को पकड़ने में विफल रही है, हनुमाननगर, जाधव नगर और कैंप क्षेत्र के निवासी अपने घरों से बाहर निकलने से भी डरते हैं. वहीं वन विभाग के अफसर इस बात से हैरान हैं कि हाथियों के अलावा जेसीबी समेत अन्य संसाधनों का उपयोग किए जाने के बाद भी तेंदुआ जाल में नहीं फंस रहा है. इतना ही नहीं साकरेबेलु हाथी शिविर से दो हाथी, 'अर्जुन' और 'आले' आए हैं जिन्हें गोल्फ क्लब के परिसर में तैनात किया गया है.

एक रिपोर्ट

तेंदुआ पिछले 22 दिनों से रिहायशी इलाकों और बाहरी इलाकों में घूम रहा है और लोगों पर हमला कर रहा है. यह शहर के बीचोंबीच स्थित बेलगावी के गोल्फ क्लब के परिसर में सबसे पहले देखा गया. अधिकारियों को शहर के सभी जगहों पर तेंदुए के पैर निशान मिले थे. तेंदुए की हरकतों को सबसे पहले एक निजी बस चालक ने अपने कैमरे में कैद किया जिसके बाद से निवासियों में दहशत फैल गई.

ऑपरेशन हनीट्रैप: तेंदुए को पकड़ने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन, शिकारी कुत्ते, सुअर के जाल का इस्तेमाल किया जा रहा है. तेंदुए के पंजों के निशान के बाद ऑपरेशन हनीट्रैप भी किया गया. गोल्फ कोर्स पर देखे गए तेंदुए के नर चीता होने का संदेह है, इस कारण पिंजरों में मादा चीता के मूत्र का भी छिड़काव किया जा रहा है.गोल्फ कोर्स के गेट नंबर 4 पर शुक्रवार को तेंदुए के पैरों के निशान मिले थे. वहीं तेंदुए की हरकत ट्रैप कैमरा 3 में कैद हो गई.

एनटीसीए नियमों के उल्लंघन का आरोप: आरोप लगाया गया है कि बेलगाम शहर में जंगली तेंदुए को पकड़ने के अभियान में वन विभाग के अधिकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.इसको लेकर कहा गया है कि जंगली जानवरों के रहने की जगह के आसपास शोर न करना चाहिए नहीं तो इससे लोगों को खतरा होने की संभावना अधिक होती है. लेकिन गोल्फ कोर्स के आसपास वाहनों का यातायात और लोगों का आवागमन हमेशा की तरह है. वहीं 200 से अधिक कर्मी गोल्फ कोर्स के आसपास झाड़ियों पर नजर रखने के लिए गश्त कर रहे हैं. इस दौरान यह कर्मचारी वे चिल्लाते, सीटी बजाते और एयरगन का शोर करते हुए घूम रहे हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरी तरह से अवैज्ञानिक है.

इसके अलावा, तेंदुए को पकड़ने के लिए सुअर पकड़ने वालों को बुलाकर सुअर के जाल का उपयोग करना नियम का स्पष्ट उल्लंघन है. कुछ अन्य लोगों ने ड्रोन और क्वाडकॉप्टर (Quadcopter) एक खास तरह का ड्रोन होता है. जिसमें चार अलग उड़ने के लिए पंखों की व्यवस्था होती है जो रोटर्स कहलाते हैं. इसीलिए इन्हें क्वाडरोटर भी कहा जाता है. इसके उपयोग के साथ ही शिकारी कुत्तों को लाया जाना एनटीसीए नियमों का उल्लंघन है

क्या है NTCA?: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, जब कोई तेंदुआ या बाघ जैसा जानवर किसी आवासीय क्षेत्र पर हमला करता है तो उसको लेकर मुख्य वन्यजीव वार्डन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाना चाहिए. साथ ही उस समिति में संबंधित स्थानीय निकायों, अधिकारियों और वन अधिकारियों का एक प्रतिनिधि होना चाहिए. इसके अलावा पशु प्रभावित क्षेत्रों के आसपास निषेधाज्ञा लागू की जानी चाहिए. वहीं एक नियम है कि ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञों के अलावा किसी और का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

एनटीसीए नियमों का उल्लंघन नहीं: इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक मंजूनाथ चव्हाण ने ईटीवी भारत से कहा कि एनटीसीए के नियम बाघों पर लागू होते हैं. तेंदुए पर नहीं. इतना ही नहीं अब तेंदुआ क्षेत्र संरक्षण विभाग के अधीन है, यह रिहायशी इलाका नहीं है. इसलिए उन्होंने सूचित किया है कि तेंदुए के ऑपरेशन में वन्य पशु संरक्षण से संबंधित किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें - आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व से खुशखबरी, दो नए शावकों के साथ नजर आई मादा तेंदुआ

बेलगावी : कर्नाटक के बेलगावी में छिपे हुए तेंदुए को पकड़ने के लिए शुरू किया गया मेगा ऑपरेशन शनिवार को भी जारी रहा. हालांकि वन विभाग के द्वारा पिछले 22 दिनों से तेंदुए को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है लेकिन उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिली है. फिलहाल उसको पकड़ने के लिए 'हनी ट्रैप' पद्धति का भी सहारा लिया जा रहा है. दूसरी वन विभाग के इस अभियान में रोजाना करीब 2.50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस तरह अभी तक 40 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. वहीं इसके चलते एहतियात के तौर पर स्कूल बंद हैं.

वन, पुलिस विभाग के 200 से अधिक जवान इस अभियान में जुटे हुए हैं. टीम में शार्पशूटर, वन्यजीव कार्यकर्ता और विशेषज्ञ भी हैं. चूंकि टीम बेलगावी में गोल्फ क्लब के आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए को पकड़ने में विफल रही है, हनुमाननगर, जाधव नगर और कैंप क्षेत्र के निवासी अपने घरों से बाहर निकलने से भी डरते हैं. वहीं वन विभाग के अफसर इस बात से हैरान हैं कि हाथियों के अलावा जेसीबी समेत अन्य संसाधनों का उपयोग किए जाने के बाद भी तेंदुआ जाल में नहीं फंस रहा है. इतना ही नहीं साकरेबेलु हाथी शिविर से दो हाथी, 'अर्जुन' और 'आले' आए हैं जिन्हें गोल्फ क्लब के परिसर में तैनात किया गया है.

एक रिपोर्ट

तेंदुआ पिछले 22 दिनों से रिहायशी इलाकों और बाहरी इलाकों में घूम रहा है और लोगों पर हमला कर रहा है. यह शहर के बीचोंबीच स्थित बेलगावी के गोल्फ क्लब के परिसर में सबसे पहले देखा गया. अधिकारियों को शहर के सभी जगहों पर तेंदुए के पैर निशान मिले थे. तेंदुए की हरकतों को सबसे पहले एक निजी बस चालक ने अपने कैमरे में कैद किया जिसके बाद से निवासियों में दहशत फैल गई.

ऑपरेशन हनीट्रैप: तेंदुए को पकड़ने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन, शिकारी कुत्ते, सुअर के जाल का इस्तेमाल किया जा रहा है. तेंदुए के पंजों के निशान के बाद ऑपरेशन हनीट्रैप भी किया गया. गोल्फ कोर्स पर देखे गए तेंदुए के नर चीता होने का संदेह है, इस कारण पिंजरों में मादा चीता के मूत्र का भी छिड़काव किया जा रहा है.गोल्फ कोर्स के गेट नंबर 4 पर शुक्रवार को तेंदुए के पैरों के निशान मिले थे. वहीं तेंदुए की हरकत ट्रैप कैमरा 3 में कैद हो गई.

एनटीसीए नियमों के उल्लंघन का आरोप: आरोप लगाया गया है कि बेलगाम शहर में जंगली तेंदुए को पकड़ने के अभियान में वन विभाग के अधिकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.इसको लेकर कहा गया है कि जंगली जानवरों के रहने की जगह के आसपास शोर न करना चाहिए नहीं तो इससे लोगों को खतरा होने की संभावना अधिक होती है. लेकिन गोल्फ कोर्स के आसपास वाहनों का यातायात और लोगों का आवागमन हमेशा की तरह है. वहीं 200 से अधिक कर्मी गोल्फ कोर्स के आसपास झाड़ियों पर नजर रखने के लिए गश्त कर रहे हैं. इस दौरान यह कर्मचारी वे चिल्लाते, सीटी बजाते और एयरगन का शोर करते हुए घूम रहे हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरी तरह से अवैज्ञानिक है.

इसके अलावा, तेंदुए को पकड़ने के लिए सुअर पकड़ने वालों को बुलाकर सुअर के जाल का उपयोग करना नियम का स्पष्ट उल्लंघन है. कुछ अन्य लोगों ने ड्रोन और क्वाडकॉप्टर (Quadcopter) एक खास तरह का ड्रोन होता है. जिसमें चार अलग उड़ने के लिए पंखों की व्यवस्था होती है जो रोटर्स कहलाते हैं. इसीलिए इन्हें क्वाडरोटर भी कहा जाता है. इसके उपयोग के साथ ही शिकारी कुत्तों को लाया जाना एनटीसीए नियमों का उल्लंघन है

क्या है NTCA?: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, जब कोई तेंदुआ या बाघ जैसा जानवर किसी आवासीय क्षेत्र पर हमला करता है तो उसको लेकर मुख्य वन्यजीव वार्डन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाना चाहिए. साथ ही उस समिति में संबंधित स्थानीय निकायों, अधिकारियों और वन अधिकारियों का एक प्रतिनिधि होना चाहिए. इसके अलावा पशु प्रभावित क्षेत्रों के आसपास निषेधाज्ञा लागू की जानी चाहिए. वहीं एक नियम है कि ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञों के अलावा किसी और का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

एनटीसीए नियमों का उल्लंघन नहीं: इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक मंजूनाथ चव्हाण ने ईटीवी भारत से कहा कि एनटीसीए के नियम बाघों पर लागू होते हैं. तेंदुए पर नहीं. इतना ही नहीं अब तेंदुआ क्षेत्र संरक्षण विभाग के अधीन है, यह रिहायशी इलाका नहीं है. इसलिए उन्होंने सूचित किया है कि तेंदुए के ऑपरेशन में वन्य पशु संरक्षण से संबंधित किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें - आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व से खुशखबरी, दो नए शावकों के साथ नजर आई मादा तेंदुआ

Last Updated : Aug 27, 2022, 9:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.