श्रीनगर: हुर्रियत कांफ्रेंस ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन शांति एवं विकास सुनिश्चित करने के वास्ते इस क्षेत्र में संघर्ष समाधान की जरूरत का विकल्प नहीं है.
उसने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘कुछ खास प्रकार के विमर्श को आगे बढ़ाने के वास्ते जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करने से लंबित कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से विभिन्न पक्षों के बीच संवाद के माध्यम से समाधान करने की जरूरत में कोई बदलाव नहीं आएगा.’’
कश्मीर घाटी सोमवार से पर्यटन पर तीन दिवसीय जी-20 कार्यसमूह बैठक की मेजबानी करेगी. चीन ने पहले ही श्रीनगर में इस बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया है.
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मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाले हुर्रियत ने मीरवाइज मोहम्मद फारूक और पूर्व अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन को श्रद्धांजलि भी दी. दोनों ही क्रमश: 1990 और 2002 में आज के ही दिन आतंकवादियों की गोलियों से मारे गये थे.
अलगाववादी गठबंधन (हुर्रियत) ने कहा, ‘‘मीरवाइज फारूक की शहादत से देश ने एक महान नि:स्वार्थ नेता को खो दिया, वह एक ऐसे मार्गदर्शक ताकत थे जिनकी मान्यता एवं कार्रवाई अपने लोगों की चिंताओं और हितों की रक्षा कर रही थी. मुद्दों के समाधान का उनका नजरिया अड़ियल नहीं बल्कि लचीला था. वह मानते थे कि समावेशन एवं संवाद, चिंताओं और संघर्ष के समाधान का सबसे अच्छा रास्ता है.’’
(पीटीआई-भाषा)
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