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गढ़वाल विवि के वैज्ञानिकों की उपलब्धि, बीकानेर में खोजे कॉकरोच के 53 करोड़ साल पुराने जीवाश्म

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नाम बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. गढ़वाल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फ्रांस के वैज्ञानिकों के साथ करीब 53 करोड़ साल पुराने कॉकरोच के जीवाश्म खोजे हैं. साथ ही उन्हें बग यानी खटमल और कैटरपिलर के जीवाश्म भी मिले हैं. अब वैज्ञानिक इस जीवाश्म के जरिए उस समय के क्लाइमेट के अध्य्यन में जुट गए हैं.

Cockroaches Fossils in Bikaner
बीकानेर में कॉकरोच के जीवाश्म
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2024, 7:02 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 7:24 PM IST

गढ़वाल विवि के भूगर्भ विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट का बयान

श्रीनगर (उत्तराखंड): एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फ्रांस के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक चौंकाने वाला शोध किया है. जिसके तहत वैज्ञानिकों ने बीकानेर के कोयले की खदानों से 53 करोड़ साल पुराना कॉकरोच का जीवाश्म खोजा है. इस खोज के बाद विवि के वैज्ञानिकों का यह शोध विश्व के प्रसिद्ध जर्नल जुटैक्सा (Zootaxa) में पब्लिश हो चुका है.

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines
वैज्ञानिकों ने खोजे जीवाश्म

अब वैज्ञानिक इस शोध की मदद से इन कीट पतंगों के जीवाश्म के जरिए उस समय के वातावरण के बारे में भी अध्ययन कर रहे हैं. शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि तब भी इस इलाके का वातावरण गर्म था और यहां घने जंगल भी मौजूद थे, लेकिन तब यहां इतना बड़ा रेगिस्तान नहीं था. खदान में मिले जीवाश्मों की लंबाई 1 एमएम से 13 एमएम के बीच है.

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines
53 करोड़ साल पुराने जीवाश्म

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह राणा और उनके शोध छात्र डॉक्टर रमन पटेल भारत के विभिन्न इलाकों में जीवाश्म की खोज में जुटे हैं. वे लंबे समय से राजस्थान की बीकानेर की कोल खदानों में जीवाश्मों की खोज कर रहे हैं. इसी खोज के दौरान उन्हें इन खदानों में 3 तरह के जीवाश्म मिले हैं.
ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ तप्त कुंड में मिली सूक्ष्म शैवाल की दुर्लभ प्रजाति, बायोडीजल बनाने में है सक्षम

पहला जीवाश्म उन्हें कॉकरोच के रूप में मिला है. इसके अलावा उन्हें खटमल की तरह दिखने वाले कीट का भी उन्हें इन खदानों में जीवाश्म मिला है. इसके साथ ही उन्हें कैटरपिलर जैसे कीड़े मकौड़ों के जीवाश्म भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि यह जीवाश्म करीब 53 मिलियन ईयर पुराने हैं. अब वैज्ञानिक इसके जरिए करोड़ों साल पुराने वातारवण, रहन सहन, खानपान का भी अध्ययन कर सकेंगे.

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines
कॉकरोच के जीवाश्म

गढ़वाल विवि के भूविज्ञान विभाग के विभागध्यक्ष प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट ने बताया कि गढ़वाल विवि का भूगर्भ विज्ञान पहले से ही इस तरह की खोजों में जुटा है, लेकिन प्रोफेसर राजेंद्र सिंह राणा और उनके शोध छात्र डॉक्टर रमन पटेल की यह एक बड़ी उपलब्धि है, इस शोध के जरिए करोड़ों साल पुराने जीवाश्म के बारे में अध्ययन करने में छात्रों को मदद मिल सकेगी. साथ ही परजीवियों के एक्टिविटी के बारे में पता चल सकेगा.
ये भी पढ़ेंः श्रीनगर की फिजाओं में तेजी से घुल रहा जानलेवा SO2, गढ़वाल विवि के वैज्ञानिकों की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट ने बताया ने सभी वैज्ञानिक अब खोजे गए जीवाश्म की मदद से उस समय के क्लाइमेट के बारे में भी पता कर रहे हैं. ऐसे में अब वहां की दलदली भूमि बारे में भी ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. बता दें कि इस शोध में गढ़वाल विवि के अलावा फ्रांस के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के वैज्ञानिक भी शामिल रहे.

गढ़वाल विवि के भूगर्भ विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट का बयान

श्रीनगर (उत्तराखंड): एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फ्रांस के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक चौंकाने वाला शोध किया है. जिसके तहत वैज्ञानिकों ने बीकानेर के कोयले की खदानों से 53 करोड़ साल पुराना कॉकरोच का जीवाश्म खोजा है. इस खोज के बाद विवि के वैज्ञानिकों का यह शोध विश्व के प्रसिद्ध जर्नल जुटैक्सा (Zootaxa) में पब्लिश हो चुका है.

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines
वैज्ञानिकों ने खोजे जीवाश्म

अब वैज्ञानिक इस शोध की मदद से इन कीट पतंगों के जीवाश्म के जरिए उस समय के वातावरण के बारे में भी अध्ययन कर रहे हैं. शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि तब भी इस इलाके का वातावरण गर्म था और यहां घने जंगल भी मौजूद थे, लेकिन तब यहां इतना बड़ा रेगिस्तान नहीं था. खदान में मिले जीवाश्मों की लंबाई 1 एमएम से 13 एमएम के बीच है.

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines
53 करोड़ साल पुराने जीवाश्म

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह राणा और उनके शोध छात्र डॉक्टर रमन पटेल भारत के विभिन्न इलाकों में जीवाश्म की खोज में जुटे हैं. वे लंबे समय से राजस्थान की बीकानेर की कोल खदानों में जीवाश्मों की खोज कर रहे हैं. इसी खोज के दौरान उन्हें इन खदानों में 3 तरह के जीवाश्म मिले हैं.
ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ तप्त कुंड में मिली सूक्ष्म शैवाल की दुर्लभ प्रजाति, बायोडीजल बनाने में है सक्षम

पहला जीवाश्म उन्हें कॉकरोच के रूप में मिला है. इसके अलावा उन्हें खटमल की तरह दिखने वाले कीट का भी उन्हें इन खदानों में जीवाश्म मिला है. इसके साथ ही उन्हें कैटरपिलर जैसे कीड़े मकौड़ों के जीवाश्म भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि यह जीवाश्म करीब 53 मिलियन ईयर पुराने हैं. अब वैज्ञानिक इसके जरिए करोड़ों साल पुराने वातारवण, रहन सहन, खानपान का भी अध्ययन कर सकेंगे.

Cockroaches Fossils in Bikaner Coal Mines
कॉकरोच के जीवाश्म

गढ़वाल विवि के भूविज्ञान विभाग के विभागध्यक्ष प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट ने बताया कि गढ़वाल विवि का भूगर्भ विज्ञान पहले से ही इस तरह की खोजों में जुटा है, लेकिन प्रोफेसर राजेंद्र सिंह राणा और उनके शोध छात्र डॉक्टर रमन पटेल की यह एक बड़ी उपलब्धि है, इस शोध के जरिए करोड़ों साल पुराने जीवाश्म के बारे में अध्ययन करने में छात्रों को मदद मिल सकेगी. साथ ही परजीवियों के एक्टिविटी के बारे में पता चल सकेगा.
ये भी पढ़ेंः श्रीनगर की फिजाओं में तेजी से घुल रहा जानलेवा SO2, गढ़वाल विवि के वैज्ञानिकों की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट ने बताया ने सभी वैज्ञानिक अब खोजे गए जीवाश्म की मदद से उस समय के क्लाइमेट के बारे में भी पता कर रहे हैं. ऐसे में अब वहां की दलदली भूमि बारे में भी ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. बता दें कि इस शोध में गढ़वाल विवि के अलावा फ्रांस के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के वैज्ञानिक भी शामिल रहे.

Last Updated : Jan 17, 2024, 7:24 PM IST
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